VIDEO: नौकरी की तलाश करने वाले ध्यान दें… लेबर शॉर्टेज से जूझ रहा दुनिया का सबसे अमीर देश, करोड़ों की मिलती है सैलरी

हाइलाइट्स
लक्जमबर्ग दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है.
लक्जमबर्ग लेबर शॉर्टेज से जूझ रहा है.
लेबर शॉर्टेज को दूर करने के लिए नया कानून पेश किया गया है.
नई दिल्ली: लक्जमबर्ग (Luxembourg) दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है. लेकिन यहां अब कुशल पेशेवर लोगों की काफी कमी हो गई है. अब लक्जमबर्ग सरकार ने इस कमी को दूर करने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए उन्होंने नया कानून ही पेश कर दिया है. इसके बारे में फ्लाइंग अब्रॉड ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो डाला है.
वीडयो के अनुसार यहां की सैलरी लगभग 2 करोड़ हो सकती. यहां जॉब लेना और भी आसान हो गया है. क्योंकि यहां लेबर शॉर्टेज चल रही है. लक्जमबर्ग में पहले किसी जॉब के लिए यूरोप के नागरिकों को प्राथमिकता दी जाती थी. लेकिन अब इस प्राथमिकता को हटा दिया गया है. लेकिन यह प्राथमिकता खाली पड़े पदों के लिए हटाया गया है.
सबसे बड़ी बात है कि अगर आपके साथ आपका डिपेंडेंट भी लक्जमबर्ग आते हैं तो उनके लिए अगल से कोई जॉब के लिए या बिजनेस करने के लिए वीजा अलग से नहीं लेना पड़ेगा. नए कानून के अनुसार अगर आपकी जॉब यहां लगती है तो आपको पांच दिनों के अंदर वीजा दिया जाएगा. वहीं पढ़ाई के बाद जॉब सर्च करने के लिए वीजा की अवधी बढ़ाकर 9 से 12 महीने कर दी गई है.
मालूम हो कि लक्जमबर्ग आईटी कंपनियों का हब है. यहां आपकी एवरेज सैलरी 55 लाख से 65 लाख सालाना हो सकती है. और अगर आपके पास कुछ अनुभव है तो आपकी सैलरी सालाना 2 करोड़ तक हो सकती है. वहीं अगर आप लक्जमबर्ग की भाषा सीख लेते हैं तो यह आपके लिए काफी मददगार साबित होगा. नया कानून 1 सितंबर 2023 से प्रभावी हो चुका है. बता दें कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से यह दुनिया का सबसे अमीर देश है. यह बच्चों के पालन-पोषण के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 21:09 IST