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- Rain Quota Fulfilled In 22 Districts Including Indore, Ujjain, Jabalpur Narmadapuram; Gwalior Rewa Division Backward
भोपाल12 मिनट पहलेलेखक: ईश्वर सिंह परमार
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सितंबर महीने में हुई तेज बारिश ने मध्यप्रदेश की तस्वीर ही बदल दी है। बारिश के तीन दौर ने प्रदेश को सूखे से बाहर निकालकर बेहतर स्थिति में ला दिया। अब मानसून विदाई पर है। मुरैना और श्योपुरकलां से विदाई भी हो गई है। ऐसे में बारिश का अनुमान कम ही है। अब तक इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम और चंबल संभाग के जिलों समेत 22 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि, रीवा और ग्वालियर संभाग सामान्य बारिश के आंकड़ों से पिछड़े हुए हैं।
एमपी में 24 जून को मानसून की एंट्री हुई। इसने अगले ही दिन प्रदेश को कवर कर लिया। जुलाई और अगस्त में मानसून की बेरुखी देखने को मिली। इसके चलते प्रदेश में सामान्य बारिश से 23% तक कम बारिश हुई थी, लेकिन 5-6 सितंबर से शुरू हुए बारिश के दौर ने तस्वीर बदलने का काम किया। इससे अब अंतर का आंकड़ा 1% भी नहीं रहा है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से कई जिले रेड जोन से बाहर निकल गए, जबकि कई जिले सामान्य बारिश से आगे निकल गए।

सामान्य बारिश के आंकड़े में आधा इंच का अंतर
प्रदेश में औसत 36.22 इंच बारिश हुई है, जबकि अब तक औसत 37.38 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से 0.16 मिमी कम बारिश हुई है, जो आधा इंच ही है। बारिश के ओवरऑल आंकड़े की बात करें, तो 0.4% बारिश कम हुई है। इसमें पूर्वी हिस्से में औसत से 4% कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 3% अधिक बारिश दर्ज की गई है।
निमाड़ तरबतर, इंदौर संभाग के सभी जिलों में कोटा फुल
मानसून के शुरुआती दौर से लेकर जुलाई-अगस्त तक निमाड़ यानी इंदौर संभाग पीछे था। सितंबर में हुई बारिश के बाद सभी 7 जिलों में कोटा फुल हो गया। इंदौर में सबसे ज्यादा 147% यानी 50.52 इंच बारिश हुई। धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन में भी तेज बारिश से सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया।

सबसे ज्यादा नरसिंहपुर में 51.75 इंच बारिश
- प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश नरसिंहपुर में हुई है। यहां 51.75 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि यहां की सामान्य बारिश 41.40 इंच है। इस हिसाब से यहां 125% बारिश हो चुकी है।
- भिंड में सामान्य बारिश का आंकड़ा 141% तक पहुंच गया है। भिंड की सामान्य बारिश 24.11 इंच है, जो अन्य जिलों के मुकाबले काफी कम है। यहां अब तक 34.22 इंच बारिश हो गई।
- जबलपुर, सीहोर, रायसेन, अलीराजपुर, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, निवाड़ी, देवास, रतलाम, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल और अनूपपुर में आंकड़ा 40 इंच या इससे अधिक है।
- सतना में सबसे कम 23.62 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 23.81 इंच पानी गिरा।
अब सिर्फ 6 जिले रेड जोन में
प्रदेश के 6 जिले- गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा और सीधी रेड जोन में है। यहां 24% से लेकर 32% तक बारिश कम हुई है। 9-10 सितंबर तक प्रदेश के कुल 23 जिले रेड जोन में थे।

डैम-तालाबों की तस्वीर भी बदली, गेट खुल गए
सितंबर में हुई बारिश से एक बार फिर डैम-तालाब ओवरफ्लो हो गए। नदियां उफान पर आ गईं। नर्मदा नदी के उफान पर आने से ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर डैम के गेट खोल दिए गए। भोपाल का बड़ा तालाब फुल होने के बाद भदभदा के दो गेट भी खुले। इसके बाद कलियासोत डैम में भी वॉटर लेवल बढ़ गया। चंबल, शिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, बेतवा समेत कई नदियां भी उफान पर रही। इससे बरगी, तवा, यशवंत सागर, सतपुड़ा, माचागोरा, पारसडोह, गंभीर, शिप्रा, भदभदा, टिल्लर, कुंडालिया डैम के गेट भी खुल गए। कोलार, केरवा समेत अन्य डैम में भी पानी आया। कुछ डैम ऐसे हैं, जो छलकने के मुहाने पर है। हालांकि, अब तेज बारिश नहीं होने से लेवल बढ़ने का अनुमान नहीं है।

ऐसे समझें बारिश का गणित…
यहां 60 से 70% तक बारिश हुई
- अशोकनगर, सीधी और सतना जिले।
70 से 80% तक बारिश वाले जिले
- गुना, दमोह और रीवा जिले।
80 से 90% तक बारिश वाले जिले
- भोपाल, राजगढ़, विदिशा, ग्वालियर, छतरपुर, शाजापुर, मंदसौर, सिंगरौली, नर्मदापुरम और उमरिया जिले।
90 से 100% तक बारिश वाले जिले
- जबलपुर, सीहोर, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, शिवपुरी, दतिया, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, नीमच, आगर-मालवा, मुरैना, शहडोल जिले।
100% से 120% तक बारिश वाले जिले
- उज्जैन, श्योपुरकलां, रायसेन, धार, झाबुआ, बड़वानी, खंडवा, कटनी, छिंदवाड़ा, हरदा, बैतूल और अनूपपुर जिले।
120 से अधिक बारिश वाले जिले
- इंदौर, अलीराजपुर, बुरहानपुर, खरगोन, सिवनी, नरसिंहपुर, निवाड़ी, देवास, रतलाम और भिंड जिले।
कैसा रहेगा यह सप्ताह
मौसम केंद्र, भोपाल के वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई शुरू हो गई। 30 सितंबर को मुरैना और श्योपुरकलां जिले से मानसून विदा हो गया। अगले कुछ दिनों में प्रदेश के पूर्वी हिस्से में हल्की बारिश होगी, लेकिन इंदौर, उज्जैन संभाग के कई जिलों से मानसून विदाई भी लेगा।
5 बड़े शहरों में ऐसा रहेगा मौसम
- भोपाल: राजधानी में 82% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। सितंबर में हुई बारिश से भोपाल अच्छी स्थिति में आ गया। बड़ा तालाब फुल भरने से भदभदा डैम के गेट भी खुल गए, जबकि कलियासोत डैम 96% तक भर गया। संभाग के रायसेन जिले में कोटे से ज्यादा बारिश हो गई है, जबकि सीहोर में भी कोटा लगभग पूरा हो गया है। राजगढ़ और विदिशा में आंकड़ा 86% से ज्यादा है। इस सप्ताह संभाग में बारिश के कम आसार है।
- इंदौर: बारिश के मामले में इंदौर और संभाग अच्छी स्थिति में पहुंच गया। संभाग के सभी जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। सबसे ज्यादा बारिश इंदौर जिले में 147% तक हो गई। अगस्त तक पिछड़े धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर और खरगोन जिलों में सितंबर में अच्छी बारिश हुई। इससे यहां भी बारिश का कोटा पूरा हो गया। अगले सप्ताह में यहां तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है।
- ग्वालियर: यहां 83% से ज्यादा बारिश हो गई है। शिवपुरी में 95% और दतिया में आंकड़ा 91% से ज्यादा बारिश हुई है। अशोकनगर में सबसे कम 68% ही बारिश हुई है। अगले एक सप्ताह में तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है।
- जबलपुर: जिले में बारिश का कोटा 97% के करीब है। यानी यह बेहतर स्थिति में है। नरसिंहपुर जिले में सबसे ज्यादा 51.75 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि कटनी, छिंदवाड़ा और सिवनी जिले भी कोटे से पार चले गए हैं। मंडला, बालाघाट और डिंडोरी में भी अच्छी बारिश हुई। आने वाले दिनों में बारिश होने का अनुमान है।
- उज्जैन: सितंबर में तेज बारिश होने से संभाग के कई जिले अच्छी स्थिति में पहुंच गए। उज्जैन, रतलाम और देवास में 109% से 135% तक बारिश हो चुकी है। शाजापुर, मंदसौर, नीमच और आगर-मालवा में 81% से 98% तक बारिश हो चुकी है। इस सप्ताह हल्की बारिश हो सकती है।











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