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रतलाम13 मिनट पहले
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- आयोजन . ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के साथ ही झांकियों के माध्यम से स्वच्छता और पानी बचाने का दिया संदेश
भास्कर संवाददाता | रतलाम
दाऊदी बोहरा समाज ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रविवार को जुलूस निकाला। बोहरा बाखल से शुरू हुआ जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ छोटे बोहरा बाखल (भरावा की कुई) पहुंचा। समाजजन और बुरहानी गार्ड्स विशेष वेशभूषा में थे और सभी ने अनुशासन के साथ जुलूस निकाला।
बुरहानी गार्ड्स ने पुलिस जवानों के साथ मिलकर ट्रैफिक व्यवस्था भी बखूबी संभाली। जुलूस में स्वच्छता, पानी की बचत का संदेश देने के साथ ही मुंबई के बुरहानी हॉस्पिटल की तर्ज पर शहर में बन रहे हॉस्पिटल का मॉडल भी झांकी के माध्यम से बताया।
चांदनीचौक स्थित बोहरा बाखल से रविवार सुबह 8.30 बजे जुलूस निकाला गया। जुलूस में आगे समाज के सलीम आरिफ घोड़े पर सवार होकर हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए चल रहे थे। इसके पीछे 12 घोड़ों पर समाजजन बैठे हुए थे। दो झांकियों के पीछे सैफी स्काउट बैंड, समाज के चारों आमिल साहब, समाजजन और बुरहानी गार्ड्स चल रहे थे। सबसे अंत में दो बग्घियों में बच्चे सवार थे। सभी सफेद कुर्ता-पजामा पहने हुए थे। जुलूस का आयोजन बुरहानी गार्ड्स ने किया और नेतृत्व आमिल साहब डॉ. इलियास भाई साहब नजमी ने किया।
जुलूस में आमिल साहब डॉ. इलियास नजमी के साथ शेख सैफुद्दीन भाई सदरी वाला, शेख अली असगर भाई रामपुरा वाला और शेख मुदार भाई रौनक आमिल साहब मौजूद रहे। शहर के प्रमुख चौराहों से होता हुआ जुलूस छोटे बोहरा बाखल (भरावा की कुई) पहुंचा, जहां बुरहानी गार्ड्स ने चारों आमिल साहब का स्वागत किया।
स्वच्छता और पानी बचाने का दिया संदेश जुलूस में दो झांकियां भी शामिल रहीं। इसमें मुंबई स्थित बुरहानी हॉस्पिटल की तर्ज पर लक्कड़पीठा क्षेत्र में बन रहे बुरहानी हॉस्पिटल को सजाया गया था। उसका पूरा मॉडल था। दूसरी झांकी में समाज के धर्म गुरु सैय्यदना साहब के मोहल्ला, शहर और देश में स्वच्छता रखने के साथ ही पानी बचाने का संदेश दिया। इसमें बारिश के पानी को किस तरह एकत्रित किया जाता है उसके बारे में बताया गया।
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