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बैतूल42 मिनट पहले
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24 सितंबर को महिला थाने में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार का संरक्षण) अधिनियम 2019 समेत धारा 498 ए,506,34, दहेज प्रतिषेध अधिनयम 1961 की धारा 3,4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
तीन तलाक कहकर मुस्लिम महिला को तलाक देने का पहला मामला बैतूल में सामने आया है। इस मामले में महिला थाना बैतूल में महिला के पति और मौसी सास के खिलाफ तीन तलाक समेत दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया है। तीन तलाक पर बने नए एक्ट के बाद बैतूल जिले में यह पहला मामला दर्ज किया है।
पति और मौसी सास पर केस दर्ज
29 वर्षीय पीड़ित महिला को ससुराल से निकाल दिए जाने के बाद वह अपने सात साल के बेटे के साथ मायके में रह रही है। उसे उसके पति ने पिछले 28 अगस्त को बैतूल कोर्ट के पास रास्ते में तीन तलाक कहकर तलाक दे दी थी। जिस पर जांच के बाद 24 सितंबर को महिला थाने में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार का संरक्षण) अधिनियम 2019 समेत धारा 498 ए,506,34, दहेज प्रतिषेध अधिनयम 1961 की धारा 3,4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में महिला के पति अनीस अली और उसकी मौसी जमीला को आरोपी बनाया है।

24 सितंबर को महिला थाने में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार का संरक्षण) अधिनियम 2019 समेत धारा 498 ए,506,34, दहेज प्रतिषेध अधिनयम 1961 की धारा 3,4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बेटे को उठाकर ले जाने की दी धमकी
पीड़ित महिला ने पुलिस को दिए आवेदन की जांच के बाद मामला दर्ज किया है। आरोप है कि महिला के पति ने बैतूल कोर्ट के पास मौखिक रूप से तीन तलाक देकर बेटे को उठाकर ले जाने की धमकी दी थी। महिला का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से 26 फरवरी 2014 को आजाद वार्ड बैतूल में अनीस अली के साथ सम्पन्न हुआ था। महिला ने पुलिस को बताया कि निकाह के बाद उसका पति और उसके परिवार वालो ने लगभग चार छः माह तक अच्छे से रखा उसके बाद छोटी-छोटी बातों को लेकर उसको ताने देते थे। दहेज में मोटर साइकिल, कलर टीवी वाशिंग मशीन, सोने की चैन नहीं दिए जाने को लेकर प्रताड़ित करने लगे। उसके लिए नगद एक लाख रुपए मायके से लाने की मांग करते थे। पति और उसकी मौसी दहेज की मांग पूरी करने के लिये महिला के साथ मारपीट करते थे। वह उसके परिवार के लोगों की प्रताड़ना लगभग डेढ़ वर्ष तक सहती रही।
डेढ़ साल बाद उसे एक पुत्र का जन्म हुआ जिसकी डिलेवरी का पूरा खर्च मायके वालों ने उठाया था। जिसके सवा महीने में पति तथा उसके परिवार वालों को बुलाया। उन्होंने आकर लडाई झगड़ा किया। किसी तरह समझाया गया। तब पति उसे अपने घर ले गया। बेटे के जन्म के बावजूद पति के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। वह उससे बात नहीं करता था।
घर से निकाला,पीटा गया
महिला के मुताबिक पुत्र के जन्म के बाद भी पति एवं उसके परिवार के सदस्यों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ। 4-5 माह पश्चात ही मेरे से मारपीट की। जिसकी शिकायत डायल 100 पर की तो पुलिस आई और समझाइश देकर चली गई। उसके दो-चार दिन बाद माह जून 2020 में पति एवं उसकी मौसी जमीला ने झूठे आरोप लगाकर मुझे और मेरे बेटे को घर से निकाल दिया। मैं मायके पहुंची तब से लगभग दो वर्ष से वह अपने मायके में रह रही हूं।
कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा केस
महिला ने बताया कि दहेज की माग नहीं पूरी करने पर पति ने मुझे साथ रखने से इंकार कर दिया। इसके बाद भरण पोषण के लिए कुटुम्ब न्यायालय बैतूल में आवेदन दिया था, जो न्यायालय में लम्बित है। इसी की 28 अगस्त 2023 को पेशी थी। इसी दौरान कोर्ट के बाहर आकर मेरी मां एवं भाई के सामने पति ने मुझसे कहा कि मैं तुझे तलाक देता हूं। मैं तूझे तलाक देता हूं। तीन बार तलाक तलाक तलाक कहा और कहने लगा कि अब मेरा तेरे से तलाक हो गया है। तू मेरी पत्नी नहीं रही है। मेरे बेटे को तेरे घर से उठा कर ले जाऊंगा। जो बनता है कर लेना।
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