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भोपाल29 मिनट पहले
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7 बार के विधायक आरिफ अकील के साथ उनका बेटा आतिफ और भाई आमिर (लेफ्ट टू राइट)
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही है। बीजेपी के लिए सबसे कठिन सीट मानी जाने वाली भोपाल उत्तर विधानसभा में इस बार चुनाव से पहले कांग्रेस अंदरूनी चुनौती का सामना कर रही है।
दरअसल 71 साल की उम्र पूरी कर चुके आरिफ अकील बीमार होने के चलते इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। अब उनके उत्तराधिकारी को लेकर अंदर के खाने में जंग छिड़ी हुई है। भोपाल उत्तर सीट पर आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील और भाई आमिर अकील टिकट के लिए अपनी-अपनी लिए दावेदारी कर रहे हैं।
दरअसल इस सीट पर कांग्रेस नेता आरिफ अकील 6 बार से विधायक हैं। 1977 से अस्तित्व में आई भोपाल उत्तर विधानसभा में बीजेपी सिर्फ एक बार ही चुनाव जीत पाई है। साल 1993 में बीजेपी के प्रत्याशी रमेश शर्मा चुनाव जीते थे। इसके बाद 1998 से कांग्रेस के टिकट पर लगातार आरिफ अकील चुनाव जीतते आ रहे हैं।

चाचा और भतीजे में टिकट की जंग
भोपाल उत्तर सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता और वर्तमान विधायक आरिफ अकील के बेटे इंजीनियर आतिफ अकील और भाई आमिर अकील के बीच टिकट को लेकर अंदरूनी तौर पर जमकर जंग छिड़ी हुई है। आमिर अकील अपने बड़े भाई आरिफ अकील के साथ राजनीतिक क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। वह खुद को भोपाल उत्तर पर अब उत्तराधिकारी मानकर चल रहे हैं। चाचा-भतीजे दोनों ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित तमाम लीडर्स के सामने अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं।
आरिफ ने घोषित कर दिया अपना उत्तराधिकारी
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस पर आरिफ अकील फैंस क्लब द्वारा निकाली जाने वाली पैगामे मुहब्बत की रैली के कार्यक्रम में विधायक आरिफ अकील ने आतिफ अकील को अपना उत्तराधिकारी बताते हुए जिंदाबाद के नारे लगवा दिए। बडे़ भाई की बात सुनकर आमिर अकील भावुक हो गए थे।
बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 39 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा से भी बीजेपी ने पूर्व मेयर आलोक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। आलोक शर्मा ने प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। बीजेपी के लिए सबसे कठिन सीट माने जाने वाली भोपाल उत्तर विधानसभा में इस बार चुनाव से पहले कांग्रेस अंदरूनी चुनौती का सामना कर रही है।

आरिफ अकील(विधायक) और आमिर अकील
जानिए पैगामे मुहब्बत की रैली में आमिर अकील ने क्या कहा था
आमिर अकील ने कहा- बडे भाई आपकी मोहब्बत, आपके जज्बात, क्योंकि आपने मुझे अपना बेटा माना था। आपका मैं वली अहद(उत्तराधिकारी) हूं। लेकिन आप पता नहीं क्यों मुझसे नाराज हो। उस नाराजगी के लिए इस मंच के माध्यम से माफी मांग लेता हूं। यकीनन हमसे कोई गलती हुई हो तो उसे फरमा दीजिए। हने अभी तक ऐसी नहीं किया कि हमारे साथ ऐसा हो, हमारी तो दिली ख्वाहिश है यह हमारा अल्लाह जानता है कि हम चाहते हैं कि आप विधायक बनें और उत्तर विधानसभा से मंत्री बनने के बाद आप उत्तर विधानसभा का काम करें और हम लोगों को भी काम करने का मौका मिले। आपका फैसला जो है लोग मान गए हैं। मानना भी चाहिए। लेकिन पता नहीं क्यों, आज ऐसा लगा रहा है कि “घुटना पेट की तरफ झुक गया है”।
मैं आपसे इस मंच के माध्यम से माफी मांगता हूं। मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ कर दीजिए। मैं जैसे पहले आपके लिए आमिर अकील था वैसे ही आज भी आपके लिए आमिर अकील हूं।
अब जानिए क्या है उत्तर सीट का सियासी सफर
- 1977- हामिद कुरैशी, जनता पार्टी
- 1980- रसूल अहमद सिद्दीकी- कांग्रेस
- 1985- रसूल अहमद सिद्दीकी- कांग्रेस
- 1990- आरिफ अकील- निर्दलीय
- 1993- रमेश शर्मा- भाजपा
- 1998- आरिफ अकील, कांग्रेस
- 2003- आरिफ अकील, कांग्रेस
- 2008- आरिफ अकील, कांग्रेस
- 2013- आरिफ अकील, कांग्रेस
- 2018- आरिफ अकील, कांग्रेस
पिछले चार चुनावों की तस्वीर
| साल | कांग्रेस प्रत्याशी/ प्राप्त मत | बीजेपी प्रत्याशी/प्राप्त मत | जीत का अंतर |
| 2018 | आरिफ अकील- 90,403 | फातिमा रसूल सिद्दीकी-55,546 | 34,857 |
| 2013 | आरिफ अकील-73,070 | आरिफ बेग-66,406 | 6,664 |
| 2008 | आरिफ अकील- 58,267 | आलोक शर्मा- 54,241 | 4,026 |
| 2003 | आरिफ अकील- 71,556 | रामेश्वर शर्मा- 63,848 | 7,708 |
पार्टी आरिफ अकील की पसंद को दे सकती है प्राथमिकता
कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली भोपाल उत्तर सीट पर इस बार पार्टी को उम्मीदवार तय करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। आरिफ अकील के बेटे आतिफ और भाई आमिर टिकट के दावेदार हैं। लेकिन इस सीट पर पार्टी मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री आरिफ अकील की पसंद को प्राथमिकता देगी। हालांकि आतिफ को टिकट मिलने के बाद उनके चाचा आमिर क्या निर्णय लेंगे ये फिलहाल साफ नहीं हैं।
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