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अनूपपुर16 मिनट पहले
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अनूपपुर जिले में एक बार फिर हाथियों के दल के आ जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। 30 दिन पहले ही हाथियों का दल अनूपपुर जिले से वापस गया था। एक बार फिर हाथियों का दल वापस आ गया है। हाथियों के दल ने पिछली बार लगभग दो दर्जन से अधिक किसानों के घर और खेतों को नुकसान पहुंचाया था।
जिसकी वजह से इस बार किसानों को डर सता रहा है कि हाथियों का झुंड एक बार फिर धान की फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे उनके उत्पादन में कमी आ जाएगी। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से किसानों के जीकोपार्जन का धान बड़ा साधन है। हाथी धान को नुकसान पहुंचाते हैं, तो यह किसानों के लिए बड़ी क्षति होगी।

हाथियों के आतंक से दहशत में लोग
बुधवार को हाथियों का दल पड़ौंर बीट के बगार जंगल पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहे थे। हाथियों के समूह पर निगरानी करने में वन विभाग का मैदानी हमला लगा हुआ है। विचरण करने की स्थिति में चोड़ी-पोड़ी के जंगल में बसे 25-30 बैगा परिवारों के सदस्यों को समीप के आंगनवाड़ी भवन में सुरक्षित ठहराया गया हैं।
हाथियों का समूह बुधवार की देर रात को आहार की तलाश में किस ओर विचरण करेगा। इससे ग्रामीण जन भयभीत और परेशान नजर आ रहे हैं। कई गांव के ग्रामीण हाथियों के समूह का फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश कर विचरण करने से दहशत और भय की स्थिति में है ।
वही कई गांव की ग्रामीण ने चर्चा के दौरान बताया कि पिछले दो माह में 40 दिन अनूपपुर जिले में रहे हाथियों के द्वारा किए गए घर ,बड़ी,खेतों एवं अन्य तरह के नुकसान का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा बहुत ही कम राशि मिली है। पटवारियों की लापरवाही के कारण किसानों को अब तक राहत राशि नहीं मिल सकी है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और तहसीलों में पहले भी कर चुके हैं।
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