प्रतिभाएँ सभी तरफ़ हैं ईश्वर इन नन्ही आँखों के सपने पूरे करे… Amit Sanghi
अरविन्द जैन

छतरपुर। यकीन मानिए अगर हमारी पुलिसिंग का यह आचरण उसके व्यवहार का हिस्सा बन जाए तो सामाजिक तौर पर बहुत कुछ सुधर जाएगा। वैसे, समाज में अधिकतर पुलिसिया किस्से नकारात्मक मिलते हैं, लेकिन ये उदाहरण बेहतर पुलिसिंग की मानवीय तस्वीर पेश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि राजनीतिक गलियारों की हुक्म उदूली ही उनकी नौकरी है। धारणा यह भी है कि वह सिर्फ नेताओं, अफसरों और धन्नासेठों की ही सुरक्षा और सेवा में जुटी रहती है। आम लोगों में उसकी दिलचस्पी कम ही है, लेकिन कुछ ऐसे वाकये भी हैं, जो पुलिस की इस परंपरागत छवि के उलट तस्वीर पेश करते हैं। ऐसा ही एक वाकया जिसकी तस्वीर छतरपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी जी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर शेयर किया है जिसकी भूरि- भूरि सराहना हो रही है और लोग एक से बढ़कर एक कमेंट शेयर कर रहे हैं। खबर पोस्ट होने के कुछ घंटों में ही 2100 से अधिक लाइक, 517से अधिक कमेंट्स, और 102 लोगों द्वारा शेयर किया जा चुका है।

फेसबुक यूजर अधिवक्ता राजवर्धन मिश्रा लिखते हैं आप बेहद नेक दिल इंसान हैं सर बहुत ही सुंदर, जटाशंकर ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविन्द अग्रवाल लिखते हैं बहुत बढ़िया सर, मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण आपकी कार्यशैली प्रेरणादायी है… भगवान श्री जटाशंकर जी की कृपा सदा बनी रहे। जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अनीश खान लिखते हैं अधिकारी तो बहुत होते पर जो अपनापन आपके अंदर है वो विरले लोगो में होता है उनमे से आप एक नेक इंसान है ड्यूटी के अलावा भी अपनी जिम्मेदारी है जो आप ने कर दिखाया साधुबाद, सूरज सिकरवार लिखते है श्रीमान आपका ये सर्वोच्च प्रयास किसी को सफलता के उच्च शिखर पर पहुंचा सकता है जय हो, शैलेन्द्र गुप्ता के अनुसार काश हमारे देश का हर एक अधिकारी आपके जैसा हो जाए इतना तत्पर ईमानदार कर्तव्य निष्ठ तो यह देश एक बार फिर तरक्की की ओर अग्रसर हो जाएगा।

यह पोस्ट की साझा जिसकी हो रही तारीफ…
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आठ एकम आठ, आठ दूनी सोलह…
कल देहात भ्रमण के दौरान चौकी रामटोरिया जाते समय एक बिल्डिंग जो रोड से लगी थी से बच्चों की आवाज़ें आ रही थीं, देखा ग्राम बम्होरी की प्राथमिक पाठशाला थी । उत्सुकतावश अंदर जाना हुआ एक अध्यापिका के अवकाश में होने से पूरी शाला की ज़िम्मेवारी एक ही अध्यापिका पर थी l देख कर अच्छा लगा वे तन्मयता से बच्छों को पढ़ा रही थीं ।
एक बच्चे से आठ का पहाड़ा पूछा तो उसने एक सांस में पूरा पहाड़ा सुना दिया परंतु अगले प्रश्न के उत्तर से सभी असहज हो गए l बच्चे से पूछा आगे क्या पढ़ोगे क्या बनोगे बच्चे ने नम आँखों से जवाब दिया “नहीं मालूम “पता चला बच्चे के पिता नहीं हैं बड़ी मुश्किल से माँ उसे पढ़ा रही है ।
थाना प्रभारी को निर्देशित किया की उसके घर जाकर पता करे विभिन्न योजनाओं से एवं हमारे स्तर पर क्या मदद हो सकती है उसे यथासंभव पूरा कराए l
प्रतिभाएँ सभी तरफ़ हैं ईश्वर इन नन्ही आँखों के सपने पूरे करे…
निश्चित ही एक आईपीएस के द्वारा जब इस तरह की सवेदनशीलता देखने को मिलती है तो लोगों का पुलिस के प्रति नजरिया ही बदल जाता है। ह्यूमन पुलिसिंग मतलब संवेदनशील पुलिस… इसी नेक सोच के साथ छतरपुर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी जी छतरपुर जिले में काम कर रहे हैं । मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी कार्यशैली निश्चित ही प्रेरणादायी है.. उनकी मानवीय संवेदना को Salute ….



