There is no groom in BJP and the wedding procession is coming out. | कांग्रेस CEC मेंबर बने ओमकार मरकाम बोले- बीजेपी ने आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान किया

भोपाल15 मिनट पहलेलेखक: विजय सिंह बघेल
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ओमकार सिंह मरकाम राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने 16 सदस्यीय सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (CEC) बनाई है। इस कमेटी में मप्र के एक मात्र नेता ओमकार सिंह मरकाम को जगह मिली है। सीईसी मेंबर बनने के बाद मरकाम ने दैनिक भास्कर से चर्चा की।
सवाल : आप को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। चुनाव के समय, उसके पहले यह अहम जिम्मेदारी मिली। किस तरीके से इसका निर्वहन करेंगे?
जवाब : निश्चित रुप से बड़ी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निर्वहन करने के लिए हम तैयार हैं। हम राहुल गांधी के सिपाही हैं और हर तरह से हर परिस्थिति में संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
सवाल : टिकट को लेकर के लोग आशान्वित हैं। टिकट कब तक घोषित होंगे चूंकि आप समिति में आ गए हैं तो अब लोगों की उम्मीदें आप से भी बढ़ गई है। तो कब तक टिकट होंगे?
जवाब : यह निर्णय जो होगा, वह कमेटियों में जो एक निर्धारित प्रक्रिया है, उसके बाद होगा और निश्चित रूप से हर चुनाव में हमारे जो प्रत्याशी होंगे। वह बेहतर चुनाव लड़ेंगे। जनता के आशीर्वाद से उनको जनादेश प्राप्त होगा। उसमें हर जगह हमारे जो प्रत्याशी हैं, वह बेहतर अपने कार्य कर रहे हैं और चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दूं कि हर सीटों पर हमारे प्रत्याशी बेहतर काम करेंगे चुनाव लड़ेंगे यह स्पष्ट है।

ओमकार सिंह मरकाम राहुल गांधी की यात्रा के दौरान उनके साथ शामिल रहे।
सवाल : मध्यप्रदेश की टीम से सिर्फ आपको लिया गया है। ऐसे में जयस और तमाम आदिवासी संगठन है जो राजनीतिक भागीदारी मांगते हैं। उनको कैसे संभालेंगे?
जवाब : सभी लोगों का सम्मान करना, सभी लोगों का सुनना, सभी लोगों के प्रस्तावों पर अध्ययन करना, यह कांग्रेस की हमेशा परंपरा रही है। देश के अंदर अगर लोकतंत्र को पूरी जमीनी स्तर पर काम के साथ स्वीकार करने का अगर काम किया है तो कांग्रेस ने। हम सब लोगों की बात सुनेंगे, सब लोगों की बात के आधार पर संवैधानिक जो अधिकार है लोगों का, वह उनको मिले। सबको पता है कि अगर देश के अंदर लोकतंत्र अगर मजबूत है तो उसका मुख्य सूत्र है कांग्रेस और यह साथ में बताते हुए मुझे गर्व होता है।
इस लोकतंत्र को कायम रखने के लिए आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद तक अगर शहादत देकर के लोकतंत्र को बचाया जा रहा है तो सिर्फ कांग्रेस के हमारे नेताओं के द्वारा। आजादी के बाद आपको बता दूं इंदिरा जी की शहादत, स्वर्गीय राजीव गांधी की शहादत, ये शहादत हमारे देश की अखंडता, संप्रभुता, लोकतंत्र के लिए हैं। कांग्रेस हमेशा लोगों की बात सुनती है। हमारे लोग हमारे नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोगों के बीच में जाकर उनके दिल की बात सुने हैं और यही लोकतंत्र है।
सवाल : आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उमंग सिंगार ने उठाई है। आप इसको किस तरीके से देखते हैं?
जवाब : देश के अंदर कांग्रेस ने जितना आदिवासियों का हित किया और मैं आपको बता देना चाहता हूं कि कांग्रेस के सानिध्य में आदिवासियों का बेहतर आगे भविष्य को हम देख रहे हैं। जिस तरह से इंदिरा जी का निर्णय था, जिस तरह से राजीव जी का निर्णय था, उसी तरह से आज गांधी परिवार के सानिध्य में आदिवासियों का भविष्य बेहतर होगा। यह हम आपको विश्वास दिला रहे हैं।

प्रियंका गांधी हाल में जब मध्यप्रदेश आई थीं। उनके साथ ओमकार सिंह मरकाम।
सवाल : क्या आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग होनी चाहिए?
जवाब : यह जो आज जो मांग वह निजी है। लोग अपनी-अपनी मांग रखते हैं, पर बात है देश के हमारे करोड़ों आदिवासियों की हो कि कैसे हम सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाएं। जिस तरह से आज पदों के साथ जो वास्तविक कार्य है। हमारे सामने स्पष्ट है। मैं यह कहना चाहूंगा कि जिस तरह से कांग्रेस ने संविधान में हमारे एसटी-एससी, ओबीसी और सभी लोगों के लिए बेहतर, इतना खूबसूरत संविधान दिया, आज भी संविधान के कारण सत्ता में आते हैं और वही संविधान को देश को समर्पित करने वाली संस्था को बदनाम करते हैं यह करना पड़ेगा।
15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में संविधान बना। 26 जनवरी 1950 में देश में संविधान कांग्रेस पार्टी ने, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने समर्पित किया। उसके बाद निरंतर आगे बढ़ते रहे और 1952 में देश पहला चुनाव हुआ। प्रत्येक व्यक्ति को मतदान का जो अधिकार मिला है।
उस समय परिस्थिति को सब को बताना चाहता हूं कि जब देश में पहला चुनाव का कांसेप्ट लेकर के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी आए थे। तब अमीरों ने प्रस्ताव दिया था कि सिर्फ अमीरों की मतदान करेंगे। गरीबों को मतदान का हक ना दिया जाए। यह तो अमीरों का प्रस्ताव था जिसके बदौलत आज भाजपा अमीरों की बदौलत देश के अंदर लोकतंत्र की बात करेंगे, ऐसा नहीं कर सकते। लोग पढ़े लिखे हैं, समझ रहे हैं, नेहरू जी ने 18 वर्ष की उम्र के प्रत्येक देशवासियों को मतदान का अधिकार दिया था।
सवाल : देश में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बातें हो रही है।
जवाब : भारतीय जनता पार्टी के लोग वास्तविकता में काम नहीं कर रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं प्रधानमंत्री जी के 9 साल के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में क्या किए हैं। प्राथमिक शिक्षा पर कितनी बजट दिए हैं। कहां-कहां पर प्राथमिक शिक्षा का बेहतरी के लिए काम किए हैं, जरा बताएं। स्वास्थ्य के लिए कितना काम किए हैं, जरा बताएं। पेयजल व्यवस्था के लिए ऐसा सपना दिखा रहे हैं, जिस गांव में पेयजल का स्तर मिल नहीं रहा है, वहां पर करोड़ों रुपए के वहां पर टंकी और पाइप लाइन बिछा दिए है। हमसे तो गांव में लोग कहते हैं कि यह तो ऐसी बारात में जिसमें दूल्हा ही नहीं और बरात लग रही है।

मरकाम समय-समय पर क्षेत्र का निरीक्षण करते रहते हैं। तस्वीर 2019 की है।
सवाल : वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर के आपका क्या कहना है? क्या दोनों चुनाव एक साथ होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए?
जवाब : जो चुनाव है वह चुनाव जो संवैधानिक प्रक्रिया है। जिस तरह से देश के अंदर चर्चा होना चाहिए। देश के अंदर की चर्चा के बाद हर प्रदेश के हर व्यक्ति को इस बात की चर्चा हो। क्योंकि यह मतदाता के लिए आप निर्णय ले रहे हैं। आप एक सार्वजनिक जनसंवाद जनता के बीच में जो निकल कर आएगा उसके बाद। मोदी जी और अमित शाह जी के कहने मोदी जी और अमित शाह जी के कहने पर ही ये जो सारी चीजे हो रहे हैं वह देश में नुकसान दे रही हैं।
सवाल : बीजेपी यह कहती है कि हमने आदिवासियों के लिए इतना किया है, देश का जो सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, उसमें एक आदिवासी द्रौपदी मुर्मू जी को बैठाया है। कांग्रेस केवल आदिवासियों के नाम पर वोट लेती है, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब : जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के लोग आज इस बात की क्रेडिट लेना चाहते हैं कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी को बना करके, मैं पूछना चाहता हूं महामहिम जी को बना करके आप उनका कितना सम्मान कर रहे हो। यह देश देख रहा है आप संसद भवन के उद्घाटन में नहीं ला रहे हो पर आप क्या प्रदर्शित करना चाहते हो जो पहले होता था कि हमारे लोगों को अच्छी शिक्षा से वंचित किया जाता था आज संसद भवन का उद्घाटन का अगर हक है तो देश के राष्ट्रपति को है क्योंकि संसद भवन किसी दल का नहीं होता वह देश का होता है।
आप तो एक दल के प्रधानमंत्री के रूप में है वहां। वहां अनेक तरह निष्पक्ष देश का प्रधानमंत्री है और आदिवासियों काक्या प्रदर्शित करना चाहते हो जो पहले होता था कि हमारे लोगों को अच्छी शिक्षा से वंचित किया जाता था आज संसद भवन का उद्घाटन का अगर हक है तो दे के राष्ट्रपति को क्योंकि संसद भवन किसी दल का नहीं होता वह देश का होता है। आप तो एक दल के प्रधानमंत्री के रूप में है। वहां विपक्ष है, वहां अनेक दल है। वहां निष्पक्ष अगर कोई पद है तो कौन सा है। आज देश का प्रधानमंत्री सिर्फ किसी दल का नहीं है, वह देश का है और आदिवासियों का एक बहुत बड़ी आस्था हमारा थी। पर, पूरे देश के आदिवासी समझ गए कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में आदिवासियों का मान सम्मान नहीं किया जाएगा वह स्पष्ट है।

ओमकार सिंह मरकाम जंगल प्रेमी भी माने जाते हैं।
सवाल : चुनाव की तैयारी बहुत तेजी से चल रही है, क्योंकि बीजेपी 39 उम्मीदवार घोषित कर दी हैं, आपकी ऐसी कितनी सीटें हैं, जो कब तक घोषित हो जाएंगे?
जवाब : हमारे जो प्रक्रिया है वो चल रही है। मैं आपको बताना चाहूंगा सभी 230 सीटों में हमारे मजबूत प्रत्याशी होंगे। सही समय में हमारे प्रत्याशी मिलेंगे और मैदान में मजबूती से चुनाव में डटे हैं और डटे रहेंगे। इस बार 150 से ऊपर सीटों के साथ कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बन रहे हैं।
सवाल : आदिवासियों के लिए रिजर्व 47 सीटों में से कांग्रेस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी?
जवाब : अधिक 47 तो हमारी रिजर्व सीटें है। इसके अलावा भी हमारे प्रदेश के अंदर अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोग पूरी तरह से समझ गए हैं और उन लोगों का विश्वास है कि कांग्रेस ही हमारी वास्तविक दु:ख-दर्द को समझने वाली पार्टी है। देश-प्रदेश के अंदर जनता यह समझ चुके हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सुनिश्चित है और बनेगी।
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