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Dam water will fill the lap of the forest | 12 गांव के किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए पानी, 2024 में काम पूरा करने की तैयारी में

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धारएक घंटा पहले

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भूजल स्‍तर के मामले में रेड जोन में शामिल धार जिले को सूखे से बचाने के लिए हर स्‍तर पर जल संरचनाओं के विस्‍तार का काम चल रहा है। शासन से लेकर प्रशासन तक अलग-अलग माध्‍यम से जल संरचनाओं की मंजूरी और निर्माण पर फोकस कर रही है। इसका नतीजा है कि पहाड़ों पर बसाहट वाले इलाके में आने वाले गंधवानी के गूंगीदेवी में जल संसाधन बांध बनाने जा रहा है। यह बांध नर्मदा की सहायक नदी पर बनने जा रहा है। ताकि जल संरक्षण के लिए पानी को रोका जा सके और आपूर्ति को बढ़ाई जा सके।

गंधवानी की गूंगीदेवी ग्राम पंचायत में जल संसाधन धार द्वारा इस बांध का निर्माण करवाया जा रहा है। बांध निर्माण का काम करीब 6 माह से जारी है। इस पर शासन द्वारा 19 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ताकि बारिश के पानी को सहेजा जा सके। इसके लिए काम जारी है। बांध को पूरा करने के लिए 2 वर्ष की समय सीमा रखी गई है। गुजरात की कंपनी द्वारा काम करवाया जा रहा है। अब तक बांध के लिए जरूरी पाल बनाने का काम लगभग 80 प्रतिशत हो चुका है। बारिश के बाद इसे पूरा कर लिया जाएगा।

830 हेक्‍टेयर में होगी सिंचाई

इस बांध के बनने से गूंगीदेवी, रूखी बावड़ी, गोलपुरा, मालगढ़, ढिकनिया बयड़ी, भूरियाकुंड, रामपुरा सहित 10 से अधिक गांव के सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। वर्तमान में इन गांवों में सिंचाई के लिए कोई खास संसाधन और पानी उपलब्‍ध नहीं है। पहाड़ी बसाहट होने के कारण खेती भी सीमित है। लेकिन बांध बन जाने के कारण किसानों को पानी की आसानी से उपलब्‍ध हो जाएगी। इससे करीब 830 हेक्‍टेयर में सिंचाई हो सकेगी।

गर्मी में मिलेगा पानी

इन गांवों में पानी की उपलब्‍धता होगी। जल संसाधन विभाग के गंधवानी एसडीओ शिवम जौहरी के अनुसार इस बांध के बनने से 4.15 मीलियन क्‍यूबिक मीटर पानी को रोका जा सकेगा। बांध के बनने से भूजल स्‍तर में बढ़ोतरी होगी। साथ ही क्षेत्र के 500 से 700 किसानों को रबी फसल के लिए पानी मिल सकेगा। क्षेत्र के किसान गेहूं व चने की फसल ले सकेंगे।

इनका कहना

जल संसाधन विभाग द्वारा बांध का निर्माण करवाया जा रहा है। इस पर 19 करोड़ रुपए खर्च होना है। बांध बनने के बाद 830 हेक्‍टेयर में सिंचाई के लिए पानी उपलब्‍ध हो सकेगा। वर्ष 2024 तक बांध का काम पूरा करने की योजना है। -बीपी मीणा, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन, धार

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