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हरदा6 मिनट पहले
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हरदा जिले में इस साल अब तक 695.7 मिमी यानी करीब 27 इंच बारिश हो चुकी है।
हरदा जिले में बीते कई दिनों से बारिश नहीं हुई है। जिसके चलते किसानों की फसल सूखने लगी है। किसान अब रुठे इंद्रदेव को मनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि श्रावण मास भी सूखा बीता अब को भादौ से आस है।
जिले में औसतन आधे से भी कम पानी बरसने के कारण बेहाल लोग भगवान की शरण में जा पहुंचे हैं। वर्षा के लिए प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया है।
रविवार को शहर के अजनाल नदी के तट पर स्तिथ गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में जमना जैसानी फाउंडेशन के तत्वावधान में श्रदालुओ ने प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर गर्भगृह में पानी भरते हुए भगवान से वर्षा शुरू करने की गुहार लगाई।
इतना ही नहीं गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है। वहीं, पानी न गिरने से खेतों में खड़ी फसल पर भी खतरा मंडराने लगा है। मंदिर में श्रदालुओं ने भोलेनाथ का जलाभिषेक कर जलमग्न किया और झमाझम बारिश की प्रार्थना की।
मन्दिर के पुजारी जीवन गोस्वामी ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने से फसलें सूखने लगी हैं। वहीं, गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में बारिश नहीं हुई तो आगामी दिनों में जलस्त्रोत भी सूख जाएंगे। इसलिए इंद्रदेव को मनाने के लिए आज भोलेनाथ को जलमग्न कर अच्छी बारिश की कामना की।

सावन माह ने किया निराश, भादो से आस
श्रावण माह में रिमझिम वर्षा का दौर बना रहता है, लेकिन इस साल मानसून की बेरुखी के चलते श्रावण मास लगभग सूखा बीता। लंबे अर्से से पानी नहीं बरसने के कारण खेतों की नमी सूख गई है और फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसकी चिंतित होना स्वाभाविक है, क्योंकि अब तक औसत से काफी कम पानी बरसा है। ऐसे में फसल प्रभावित होने के भय से ग्रामीणों ने रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए भगवान से प्रार्थना शुरू कर दी है।
हरदा जिले में इस साल अब तक 695.7 मिमी यानी करीब 27 इंच बारिश हो चुकी है। जबकि सालभर पर्याप्त पानी के लिए करीब 1261 मिमी से ज्यादा बारिश आवश्यक होती है।
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