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3 specialty units will be built in 161 crores | हमीदिया अस्पताल में 11 मंजिला ओपीडी ब्लॉक, 50 बेड की क्रिटिकल केयर यूनिट

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फराज शेख/ साकिब खान (भोपाल)18 मिनट पहले

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भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में 11 मंजिला नया ओपीडी ब्लॉक (ओपीडी बिल्डिंग) बनेगा। इसी बिल्डिंग में कम्युनिकेवल डिसीज समेत दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए 50 बिस्तर का क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी बनेगा। 28 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका भूमिपूजन करेंगे। सीएम के सामने बनने वाले अस्पताल का थ्रीडी प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा। इसके अलावा, हमीदिया अस्पताल में श्वास रोगियों के लिए रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज (RIRD) और हड्‌डी संबंधी बीमारियों के मरीजों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक्स (COEO) बनेगा।

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में आने वाले विभिन्न बीमारियों के मरीजों की जांच के लिए नया ओपीडी ब्लॉक बनाया जाएगा। यह 11 मंजिला होगा। इस बिल्डिंग में अस्पताल के 24 से ज्यादा डिपार्टमेंट्स की ओपीडी संचालित होगी। इससे अलग-अलग बीमारी का इलाज के लिए मरीजों के अलग-अलग बिल्डिंग में संचालित डिपार्टमेंट्स की ओपीडी में नहीं जाना पड़ेगा।

हमीदिया हॉस्पिटल में बनने वाली 11 मंजिला ओपीडी बिल्डिंग ऐसी दिखेगी। इसका थ्रीडी डिजाइन तैयार किया गया है।

हमीदिया हॉस्पिटल में बनने वाली 11 मंजिला ओपीडी बिल्डिंग ऐसी दिखेगी। इसका थ्रीडी डिजाइन तैयार किया गया है।

संक्रामक बीमारियों का इलाज क्रिटिकल केयर ब्लॉक में
कोराेना, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल में 50 बिस्तर का क्रिटिकल केयर ब्लॉक (CCB) बनेगा। इसमें आईसीयू, एचडीयू और जनरल वार्ड रहेंगे, ताकि मरीज को बीमारी के हिसाब से संबंधित कैटेगरी के वार्ड में अस्पताल पहुंचने पर तत्काल भर्ती किया जा सके।

हमीदिया में बनेगा RIRD, अब ईदगाह हिल्स पर नहीं
रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज (RIRD) अब ईदगाह हिल्स स्थित टीबी हॉस्पिटल बिल्डिंग में नहीं बनेगा, बल्कि यह हमीदिया अस्पताल परिसर में ही बनेगा। इसकी मंजूरी चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दे दी है। RIRD में एक समय में अधिकतम 218 पेशेंट भर्ती हो सकेंगे।

हमीदिया अस्पताल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज की डिजाइन ऐसी रहेगी।

हमीदिया अस्पताल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज की डिजाइन ऐसी रहेगी।

RIRD में 64 बेड का आईसीयू और 15 बेड का एचडीयू
सांस के मरीजों के लिए हमीदिया में बन रहे RIRD की कुल बेड कैपिसिटी 218 बेड होगी। इसमें से 64 बेड का आईसीयू और 15 बेड का एचडीयू होगा। यही नहीं, RIRD में 10 प्राइवेट वार्ड भी बनाए जाएंगे। जीएमसी डीन ऑफिस के अफसरों ने बताया कि RIRD में जनरल वार्ड 90 बेड और आइसोलेशन वार्ड 33 बेड का रहेगा। इससे संक्रामक बीमारी के मरीज को इलाज के लिए दूसरी सामान्य सांस के रोगियों से अलग इलाज मिल सकेगा।

लंग्स पेशेंट्स की सर्जरी के लिए 2 ओटी और 4 कैथ लैब
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में बनने वाली RIRD में दो ऑपरेशन थिएटर और 4 कैथ लैब बनाई जाएंगी। इससे लंग्स डिसीज पीड़ित मरीज को सर्जरी के लिए अस्पताल की दूसरी बिल्डिंग में नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा, कैथ लैब में फेफडों की बीमारी से पीड़ित मरीज की स्टंटिंग भी हो सकेगी।

हमीदिया अस्पताल परिसर में 89 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक बनने के बाद ऐसा दिखेगा।

हमीदिया अस्पताल परिसर में 89 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक बनने के बाद ऐसा दिखेगा।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक में मिलेगा बोन कैंसर का इलाज
गांधी मेडिकल कॉलेज डीन दफ्तर के मुताबिक अस्पताल में साल 2025 के आखिरी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक शुरू होगा। इसकी बिल्डिंग का निर्माण अगले महीने से शुरू होगा। सेंटर की डिजाइन बना लिया गया है। सेंटर के निर्माण कार्य पर सरकार करीब 55 करोड़ रुपए खर्च करेगी। यहां बोन कैंसर, कॉम्प्लेक्स ट्यूमर, एडवांस स्पाइनल सर्जरी होंगी।

जॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी से होंगे
हमीदिया अस्पताल में बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्थोपेडिक में स्पेशिएलिटी सर्जरी के लिए मॉर्डन ऑपरेशन थिएटर बनेगा। इस ऑपरेशन थिएटर में रोबोटिक सर्जरी और ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा भी होगी।

प्लेयर्स को स्पोर्ट इंज्युरी ट्रीटमेंट
सेंटर में अलग-अलग खिलाड़ियों को खेल के दौरान लगने वाली चोट और इंज्युरी का इलाज मिलेगा। यही नहीं, यहां स्पोर्ट्स इंज्युरी की सर्जरी भी होगी।

सभी डिपार्टमेंट की एक ही बिल्डिंग में
एक से ज्यादा बीमारियों के मरीजों को इलाज और जांच के लिए अलग-अलग बिल्डिंग में नहीं भटकना पड़ेगा। ओपीडी बिल्डिंग में पेशेंट्स के लिए अलग पार्किंग रहेगी। इससे मरीजों को ओपीडी में जाने के लिए गाड़ी बिल्डिंग से दूर पार्क नहीं करना पड़ेगी।

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