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Suspicion on smart city project. | केंद्र से अगले कार्यकाल को लेकर प्रदेश सरकार की नहीं बनी रूपरेखा, अटके प्रोजेक्ट पर भी मंडराया खतरा।

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जबलपुरएक घंटा पहले

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मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शुमार रही स्मार्ट सिटी योजना पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने योजना की समय सीमा बढाने पर कोई फैसला नहीं लिया है। स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट अधूरे हैं और जो पूरे हुए हैं वो नगर निगम को हैंडओवर ही नहीं हुए। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रोजेक्ट की समीक्षा जल्द करने की बात की है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह भी का दावा किया कि अगर केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी योजना की मियाद नहीं बढ़ाती है तो राज्य सरकार, नगरीय प्रशासन विभाग के मद से शहरों का विकास करेगी।

जबलपुर में केंद्र सरकार के करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी के द्वारा किए जा रहे विकास कार्य शो पीस बन कर रह गए। स्मार्ट सिटी द्वारा जबलपुर शहर में कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो लगभग पूरे हो चुके हैं लेकिन आम जनता के किसी काम नहीं आ पा रहे हैं। जबलपुर में स्मार्ट सिटी ने पिछले 3 से 4 सालों में कछपुरा मार्केट होकर जोन,शक्ति नगर स्पोर्ट्स कंपलेक्स, शिवनगर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, कल्चरल स्ट्रीट सांस्कृतिक थिएटर, घंटाघर ऑडिटोरियम, गांधी लाइब्रेरी, भिटौली थिएटर और संग्राम सागर जैसे प्रोजेक्ट बनाए हैं।

जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह का कहना है कि स्मार्ट सिटी के काम का तरीका बेहद लापरवाही भरा है जिसमें हर प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी की जा रही है। यही वजह है कि नगर निगम को अब तक स्मार्ट सिटी कोई भी प्रोजेक्ट हैंडओवर नहीं कर पाई है । महापौर ने कहा कि अब स्मार्ट सिटी का काम तो भगवान भरोसे ही है।

स्मार्ट सिटी की काम को लेकर मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है स्मार्ट सिटी के कामों की समीक्षा की जा रही है, जल्द ही जबलपुर के भी तमाम प्रोजेक्ट पर चर्चा कर नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी ताकि स्मार्ट सिटी की बनाए गए प्रोजेक्ट जनता के काम आ सके। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना की मियाद बढ़ाने पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है और अगर यह योजना बंद होती है तो राज्य सरकार नगरी प्रशासन विभाग के मद से शहरों का विकास करेगी।

स्मार्ट सिटी के द्वारा किए गए विकास कार्यों पर हमेशा से सवाल खड़े हुए हैं। हजारों करोड़ों रुपए की इस योजना पर अगर इसी तरह हीला हवाली चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट खंडहर में तब्दील हो जाएंगे और और जनता की गाड़ी कमाई का पैसा बर्बाद हो जाएगा… कभी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रही इस योजना का भविष्य भी संशय के मंडराते बादलों के बीच देखने लायक होगा।

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