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The sixth Monday of Sawan, the Mahakal temple resounded with the praises of Shiva | रात 12 बजे से भक्त कतार में लगे, पीसीसी चीफ कमलनाथ सवारी में होंगे शामिल

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उज्जैन3 मिनट पहले

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सावन महीने के छठे सोमवार को महाकाल मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। भस्म आरती के लिए भक्त रात 12 बजे से लाइन में लग गए थे। तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए। तड़के भस्म आरती में बाबा महाकाल को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई। भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार कर आरती की गई।

दर्शन का सिलसिला रात 10.45 पर शयन आरती के बाद समाप्त होगा। बाबा महाकाल लगातार 20 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। सोमवार को 5 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। शाम करीब 4 बजे छठी सवारी में भगवान महाकाल घटाटोप के स्वरूप में दर्शन देंगे। सवारी में पीसीसी चीफ कमलनाथ भी शामिल होंगे।

दावा- 40 मिनट में दर्शन कराए जाएंगे

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भक्तों की भीड़ को देखते हुए उन्हें 40 मिनट में दर्शन मिल सकें, इसके इंतजाम किए गए हैं। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि अल सुबह भस्म आरती में भगवान महाकाल पहला पूजन किया गया। गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से बने पंचामृत से भगवान महाकाल पूजन किया।

हरि ओम जल चढ़ाकर कपूर आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ महाकाल ने मस्तक पर चंद्र और आभूषण अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांक कर भस्मी रमाई गई।

भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार

भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार

मंदिर में मनाया जा रहा सावन उत्सव

सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हुई थी। मंदिर के पुजारी महेश गुरु के अनुसार मंदिर में सावन उत्सव मनाया जा रहा है। इस बार अधिक मास का विशेष योग है। मंदिर में परंपरा के मुताबिक सावन की 4 या 5 सवारियां होती हैं।दो सवारी भाद्र पद (भादौ मास) की होती हैं, जिसमें बाबा नगर भ्रमण पर हर सोमवार भक्तों का हाल जानने शाही ठाठ बाट के साथ निकलते हैं। इस बार अधिक मास होने से 8 सवारी सावन व 2 सवारी भादौ मास की यानी 10 सवारी सवारियां रहेंगी।

निराकार से साकार रूप में शिव

निराकार से साकार रूप में शिव

पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था

भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता की गई है। जिला और पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है। सुबह जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में अनुमति नहीं मिली, उन्हें चलित भस्म आरती से दर्शन कराए गए।

सावन महीने की 5वीं सवारी में बाबा महाकाल होलकर मुखारविंद के रूप में निकले। महाकाल का ये रूप दान-धर्म की शिक्षा देता है।

सावन महीने की 5वीं सवारी में बाबा महाकाल होलकर मुखारविंद के रूप में निकले। महाकाल का ये रूप दान-धर्म की शिक्षा देता है।

नंदी रथ पर उमा महेश और हाथी पर मन महेश रुप में भी भगवान महाकाल सवारी में शामिल रहे।

नंदी रथ पर उमा महेश और हाथी पर मन महेश रुप में भी भगवान महाकाल सवारी में शामिल रहे।

गरुड़ रथ पर शिव तांडव के रूप में भी भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन दिया।

गरुड़ रथ पर शिव तांडव के रूप में भी भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन दिया।

इतनी सवारियां निकाली जाएंगी

  • छठी सवारी: 14 अगस्त 2023
  • सातवीं सवारी: 21 अगस्त 2023
  • आठवीं सवारी: 28 अगस्त 2023
  • नौवीं सवारी: 4 सितंबर 2023
  • अंतिम शाही सवारी: 11 सितंबर 2023

सवारी में आज रथ पर घटाटोप का मुखारविंद में दर्शन देंगे महाकाल

सोमवार शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की छठी सवारी निकाली जाएगी। आज भगवान घटाटोप स्वरूप में दर्शन देंगे। इसके अलावा, चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा विराजित होगी। वहीं, सवारी के साथ गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद और रथ पर घटाटोप का मुखारविंद शामिल होगा। इससे पहले सभा मंडप में भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया जाएगा।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में सवार राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

लाइव दर्शन की भी थी व्यवस्था

मंदिर प्रबंध समिति द्वारा समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in व फेसबुक पेज पर भगवान की आरती और दिन भर दर्शन के साथ सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) की व्यवस्था की थी। इससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त किया।

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