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भोपाल22 मिनट पहलेलेखक: ईश्वर सिंह परमार
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मध्यप्रदेश में मानसून के एंट्री करने के 45 दिन के अंदर भिंड में पानी का कोटा फुल हो गया। यहां अब तक 103% तक बारिश हो चुकी है। वहीं, नरसिंहपुर, सिवनी-मंडला में भी 80% से ज्यादा बारिश हो चुकी है, लेकिन खरगोन में सबसे कम पानी गिरा है। भोपाल, ग्वालियर और रीवा संभाग भी पिछड़े हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में अभी तेज बारिश के आसार नहीं हैं। ऐसे में कई जिलों में सामान्य बारिश के आंकड़े में गिरावट होगी।
भोपाल, खंडवा, खरगोन, अशोकनगर, मंदसौर, रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना ऐसे जिले हैं, जहां तय कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई है। खरगोन-अशोकनगर के आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। प्रदेश के 23 जिलों में 60% बारिश भी नहीं हुई है।
एक सप्ताह में 1 इंच पानी भी नहीं गिरा
मध्यप्रदेश में मानसूनी सीजन में सामान्यत: 949 मिमी यानी 37.36 इंच बारिश होती है। इसमें से अब तक एवरेज 22.97 इंच बारिश हुई है। पिछले सप्ताह में बारिश नहीं हुई। इस कारण आंकड़ा भी नहीं बढ़ा। पिछले सप्ताह 22.51 इंच बारिश हुई थी।


अगस्त में नहीं खुले डैम के गेट
पिछले साल अगस्त में प्रदेश के लगभग सभी डैम के गेट खुल चुके थे। नदियां खतरे के निशान से ऊपर तक बही थीं, लेकिन इस बार तस्वीर अलग है। बड़े डैमों में अब तक भोपाल के पास कोलार, जबलपुर के बरगी और शाजापुर के टिल्लर डैम के गेट ही खुले। ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर डैम से भी पानी छलक उठा। बाकी डैम अभी कई फीट खाली हैं। भोपाल की लाइफ लाइन बड़ा तालाब में जलस्तर नहीं बढ़ा है। यह अभी भी एक फीट से ज्यादा खाली है। इस कारण भदभदा और कलियासोत डैम के गेट नहीं खुल सकते हैं। केरवा डैम में भी जलस्तर तो बढ़ा है, लेकिन गेट नहीं खुल पाए हैं। पिछले साल सभी डैम लबालब हो गए थे।

ऐसे समझें बारिश का गणित…
इन जिलों में 40 से 50% तक बारिश
- भोपाल, खंडवा, खरगोन, अशोकनगर, मंदसौर, रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना।
50 से 60% तक बारिश वाले जिले
- राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बालाघाट, ग्वालियर, गुना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा और नर्मदापुरम।
60 से 70% तक बारिश वाले जिले
- अनूपपुर, उमरिया, बैतूल, हरदा, मुरैना, उज्जैन, देवास, नीमच, दतिया, शिवपुरी, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, सीहोर, रायसेन और विदिशा।
70 से 80% तक बारिश वाले जिले
- कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, रतलाम, श्योपुरकलां और शहडोल।
80% से अधिक बारिश वाले जिले
- भिंड में तय कोटे की पूरी बारिश हो चुकी है। नरसिंहपुर, इंदौर, बुरहानपुर और निवाड़ी में 80% से ज्यादा बारिश हुई है।
मध्यप्रदेश में कैसा रहेगा यह सप्ताह
मध्यप्रदेश में 5 अगस्त से ही मानसून ब्रेक है। कहीं भी तेज बारिश नहीं हो रही है। 18 अगस्त तक ऐसा ही मौसम रह सकता है। इस वजह से अगला सप्ताह भी प्रदेश के लिए सूखा ही रहेगा। प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोकल सिस्टम बनने से बूंदाबांदी जरूर होती रहेगी। इससे पहले मानसून का दूसरा सप्ताह भी सूखा ही रहा है।
5 बड़े शहरों में ऐसा रहेगा मौसम
- भोपाल: यहां साढ़े 17 इंच बारिश हो चुकी है, जो तय कोटे से आधी भी नहीं है। वहीं, अब तक की बारिश की तुलना में यह 25% कम है। अगले एक सप्ताह तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। धूप-छांव के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। बात भोपाल संभाग की करें तो सीहोर, रायसेन और विदिशा ऐसे जिले हैं, जहां 62% से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि राजगढ़ में आंकड़ा 56% है।
- इंदौर: आंकड़ों में इंदौर में 80% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस कारण अब तक की बारिश में आंकड़ा 31% ज्यादा है। हालांकि, इस सप्ताह यहां तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। गुजरात के ऊपर साइकोनिक सकुर्लेशन बनने से संभाग में हल्की बारिश का दौर चलता रहेगा। बुरहानपुर में भी कोटे की बारिश का आंकड़ा 80% से ज्यादा है। खरगोन और खंडवा ऐसे जिले हैं, जहां आधी बारिश भी नहीं हुई है।
- ग्वालियर: बारिश के मामले में ग्वालियर पीछे है। यहां साढ़े 14 इंच ही बारिश हुई है, जबकि अब तक 16.74 इंच बारिश होना थी। कोटे की कुल बारिश की आधी बारिश ही हुई है। संभाग के दतिया और शिवपुरी जिलों में 63% बारिश हुई है। सबसे कम बारिश अशोकनगर में 43% हुई है। इस सप्ताह यहां तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। तेज धूप निकलने से गर्मी और उमस का असर बढ़ सकता है।
- जबलपुर: बारिश के मामले में जबलपुर आगे है। यहां कुल कोटे की करीब 68% बारिश हो चुकी है। संभाग के नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा 35 इंच बारिश हुई है, जो 86% तक है। कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी में 70% या इससे ज्यादा बारिश हो चुकी है। अगस्त के पहले सप्ताह में संभाग में तेज बारिश होने से आंकड़ा बढ़ गया था, लेकिन इस सप्ताह तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है।
- उज्जैन: जिले में अब तक 22.17 इंच बारिश हो चुकी है, जो कुल कोटे की 63% से ज्यादा है। संभाग के मंदसौर को छोड़ दें तो बाकी जिलों में बारिश का आंकड़ा आधे से ज्यादा है। हालांकि, अगले एक सप्ताह में तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। लोकल सिस्टम बनने से बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा।











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