Rs 2000 Notes: एफडी खोलने में और देरी करवा देगी अब नुकसान? 2000 के नोट से क्या इसका सम्बंध, ब्याज पर कैसे होगा असर

हाइलाइट्स
2000 रुपये के नोटों की वापसी 23 मई 2023 से शुरू हुई थी.
1 हफ्ते में 2000 के नोट के रूप में 14,000 करोड़ रुपये एसबीआई के जमा हुए.
बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ने से उनके पास कर्ज देने के लिए पैसे की कमी नहीं.
नई दिल्ली. क्या आरबीआई के 2000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा से आपके एफडी रिटर्न पर कोई असर हो सकता है? ज्यादातर लोग इस सवाल का जवाब ‘नहीं’ में ही देंगे. लेकिन विशेषज्ञों की राय इस पर कुछ और है. उनका मानना है कि इससे एफडी की ब्याज दर कम होने की आशंका है. साथ ही आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में यथास्थिति कायम रखी जा सकती है जो कि एफडी के रेट्स घटाने या और ना बढ़ाने का एक एडिशनल फैक्टर बनेगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उन्हें नई एफडी खोलनी है तो एमपीसी की बैठक से पहले यह काम कर लेना चाहिए. टैक्स और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी ने कहा है कि 2000 रुपये के नोटों की वापसी ने बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ा दी है. इसे सरल भाषा में कहें तो बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अब पैसा काफी आ चुका है. इसलिए अब वह लोगों को हाई रेट पर एफडी ऑफर करके पैसा अपने पास रखवाने से बचेंगे. इसके ऊपर से आरबीआई द्वारा ब्याज दरों पर ब्रेक लगाए जाने के बाद तो रिटर्न रेट में अब बढ़ोतरी निकट भविष्य में तो होती नहीं दिख रही है.
एमपीसी बैठक से पहले करा लें एफडी
एक अन्य निवेश विशेषज्ञ कार्तिक जावेरी भी उपरोक्त बातों से इत्तेफाक रखते हुए कहते हैं कि अगर कोई एफडी कराना चाह रहा है तो एमपीसी की बैठक (6-8 जून तक) से पहले करा ले. उनका कहना है कि संभवत: अगली बैठक में एमपीसी या तो ब्याज दरों पर रोक लगाएगी या फिर घटा देगी. उन्होंने कहा कि यह बैंकों के लिए एक इशारा होगा. 2000 के नोट की वापसी से बैंकों के पास जमा बड़ी धनराशि और आरबीआई द्वारा रेपो रेट पर अंकुश, दोनों ही फैक्टर मिलकर एफडी की ब्याज दरों को आने वाले कुछ समय में नीचे खींच सकते हैं.
एसबीआई के आंकड़े
23 मई को औपचारिक रूप से 2000 रुपये के नोटों की वापसी शुरू हुई थी. इसके एक हफ्ते बाद देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के प्रमुख दिनेश खारा ने इस संबंध में कुछ आंकड़े पेश किए थे. उन्होंने बताया था कि 2000 के नोट कितने बदलवाए गए और कितने जमा कराए गए. हैरानी वाली यह थी कि 1 हफ्ते के अंदर बैंक के पास 14,000 करोड़ रुपये मूल्य के 2000 के नोट जमा हो गए. वहीं, केवल 3,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही बदलवाए गए. यानी लोग बैंकों से 2000 का नोट बदलवाने की बजाय उसे जमा कर रहे हैं. यही कारण है कि बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अब पर्याप्त राशि है.
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FIRST PUBLISHED : June 05, 2023, 09:35 IST
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