अजब गजब

Success Story: बिजनेस के लिए छोड़ी करोड़ों की नौकरी, पहले ही महीने 12 लाख जलकर स्वाहा, आज 100 करोड़ का टर्नओवर

हाइलाइट्स

अरुणब ने आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
उन्होंने पहला स्टार्टअप 2011 में शुरू किया था.
इसके बाद उन्होंने 1 करोड़ के पैकेज पर होटल में नौकरी की.

नई दिल्ली. अपने सपने को साकार करने के लिए लोग अक्सर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. जब तक वह अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते पीछे नहीं हटते हैं. फिर चाहे रास्ते में कितनी भी अड़चने क्यों न आएं. ऐसा ही जज्बा अरुणब सिन्हा ने भी दिखाया. जमशेदपुर, झारखंड के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले अरुणब ने बिजनेस शुरू होने के एक महीने के अंदर ही अपना सारा कारोबार लगभग खो दिया था. लेकिन वे हिम्मत नहीं हारे और अपनी कंपनी की सह-संस्थापक व उनकी पत्नी गुंजन तनेजा के साथ मिलकर अपने सपने को साकार किया.

अरुनभ ने आईआईटी से 2008 में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद एक बड़ी कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी शुरू की. हालांकि, उन्हें वहां काम जमा नहीं और उन्होंने जॉब स्विच कर दी. 2011 में उन्होंने अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया. इसे 2015 में उन्होंने उसी कंपनी को बेच दिया जिसने उन्हें ये स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंडिंग दी थी. इसके बाद वह एक बार फिर नौकरी करने लगे. इस बार उन्होंने 1 करोड़ रुपये के सालाना पैकेज पर नौकरी शुरू की. लेकिन उनके नसीब में नौकरी करना नहीं नौकरियां देना लिखा था.

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2017 में Uclean की शुरुआत
अरुणब ने 2016 में अपनी करोड़ रुपये की नौकरी छोड़ी और 2017 में Uclean की स्थापना की. यह एक ड्राइक्लीनिंग कंपनी है. उन्होंने बताया कि होटल में नौकरी करते वक्त उन्हें समझ आया कि लोग कपड़ों के ठीक से साफ न होने की काफी शिकायत करते हैं. बकौल अरुणब, इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का बहुत अवसर था क्योंकि अभी तक भारत में अधिकांश कपड़ों की धुलाई पारंपरिक तरीके से धोबीघाट पर ही होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यूक्लीन की नींव रखी.

पहले ही महीने लगा चूना
उनके आइडिया को सब पसंद कर रहे थे लेकिन कोई पैसा लगाने को राजी नहीं था. किसी तरह दिल्ली में एक ड्राइक्लीनिंग स्टोर का मालिक अपने 6 में से 2 स्टोर्स को उन्हें देने के लिए राजी हो गया. उसने पारंपरिक स्टोर्स को यूक्लीन के विजन के जैसे तैयार करने के लिए 25 लाख रुपये भी लगाए. इसके बदले अरुणब ने समझौता किया कि वह उन्हें हर महीने किराये के अलावा 50,000 रुपये मुनाफे के तौर पर देंगे. अरुणब का पहला स्टोर वसंत कुंज में खुला. अभी स्टोर खुले 21 दिन ही हुए थे कि वहां कुछ तकनीकों कारणों से आग लग गई और 12 लाख रुपये का सामान जलकर राख हो गया.

नहीं मानी हार
अरुणब को लगा कि ये अंत है, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और कमर्शियल वॉशिंग मशीन बनाने वाली कंपनी आलियांस लॉन्ड्री से संपर्क किया. आलियांस उन्हें 3 नई मशीने मुफ्त में देने को राजी हो गई. इसके बाद उनका काम चल पड़ा. यूक्लीन ने फिर फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाया. अब यूक्लीन 5 लाख रुपये (जीएसटी अलग से) की फ्रेंचाइजी फीस और 5-7 फीसदी की मासिक रॉयल्टी पर फ्रेंचाइजी देती है. यूक्लीन प्रति किलो कपड़े धोने के 80-180 रुपये के बीच लेता है. साथ ही महंगे कपड़े ड्राइक्लीन करने के लिए 2000 रुपये तक खर्च आता है. केवल 6 साल के अंदर यूक्लीन 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर चुकी है. इसके 93 शहरों में 323 स्टोर हैं.

Tags: Business ideas, Business news in hindi, Indian startups, New entrepreneurs, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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