Shiv Sena (UBT) releases ‘Vajramooth’ rally teaser, Ajit Pawar, Nana Patole seen with Uddhav Thackeray | शिवसेना (UBT) ने जारी किया ‘वज्रमूठ’ रैली का टीजर, उद्धव के साथ पवार और पटोले भी दिखे

शिवसेना (UBT) ने ‘वज्रमूठ रैली’ का पहला टीजर जारी कर दिया है।
मुंबई: भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के शिंदे गुट से मुकाबला करने के लिए महा विकास आघाडी की तीनों पार्टियों ने एक बार फिर एकजुटता दिखाने की कोशिश की है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 1 मई को मुंबई के BKC ग्राउंड में होने जा रही ‘वज्रमूठ’ रैली का पहला टीजर लॉन्च किया है। खास बात है कि इस टीजर में पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे के साथ-साथ सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले भी नजर आए हैं।
क्या है यह ‘वज्रमूठ’ रैली?
बता दें कि महाराष्ट्र में आगामी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले महा विकास आघाड़ी पूरे राज्य में पहले चरण में कुल 8 संयुक्त सभाएं करने वाली है, जिन्हें ‘वज्रमूठ’ (Iron Fist) नाम दिया गया है। इसके तहत राज्य के अलग-अलग इलाकों में रैलियां होंगी। ये सभाएं महाराष्ट्र के विदर्भ,उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण के इलाकों में की जाएंगी। सबसे पहली ‘वज्रमूठ’ सभा 2 अप्रैल को छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद), दूसरी 16 अप्रैल को नागपुर और तीसरी 1 मई (महाराष्ट्र दिवस) के मौके पर मुम्बई के BKC ग्राउंड पर आयोजित की जाएगी।
‘वज्रमूठ’ रैली से सामने आए मतभेद
एक मई को होने जा रही ‘वज्रमूठ’ रेली से पहले शिवसेना (UBT), एनसीपी और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर के योगदान को लेकर हमलावर रही है, तो दूसरी तरफ उद्धव और पवार की पार्टी उन्हें महानायक बताती है। जहां एक तरफ EVM को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता लगातार बयानबाजी करते है, तो दूसरी तरफ अजित पवार ने हाल ही में कहा था कि उन्हें EVM से कोई दिक्कत नहीं है। अडानी को लेकर भी कांग्रेस और एनसीपी की सोच बिल्कुल अलग-अलग दिखाई देती है।
पहली दोनों बड़ी सभाओं से नदारद थे कांग्रेस के 2 बड़े नेता
बता दें कि इससे पहले की दोनों बड़ी सभाओं में राज्य के 2 बड़े कांग्रेस नेताओं के मंच से नदारद रहने पर कई सवाल भी खड़े हुए थे। 2 अप्रैल को हुई पहली सभा मे महाराष्ट्र कोंग्रेस अध्यक्ष नाना पाटोले नदारद रहे। बाद में बताया गया उनकी तबियत ठीक नहीं थी, जबकि वह सूरत में राहुल गांधी की कोर्ट में पेशी के दौरान दिखाई दिए। वहीं, 16 अप्रैल को नागपुर में हुई दूसरी सभा में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण शामिल नहीं हुए। कहा गया कि वह अपने गृह जिले नान्देड़ में होने वाले निकाय चुनाव में व्यस्त थे।
BMC चुनावों से पहले माहौल बनाने की कोशिश है यह रैली
माना जा रहा है कि BKC ग्राउंड में होने जा रही ‘वज्रमूठ’ रैली BMC चुनावों के लिए माहौल बनाने की, और MVA के घटक दलों में एका दिखाने की एक कोशिश है। बता दें कि अभी भले ही BMC चुनावों की तारीखें घोषित न हुई हों, लेकिन सभी पार्टियों ने इसके लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। देश की सबसे अमीर नगरपालिका पर पिछले कई सालों से शिवसेना का कब्जा रहा है, लेकिन पार्टी में टूट के बाद अब मुंबई के मेयर के लिए चुनावी लड़ाई दिलचस्प होने वाली है। वहीं, लोकसभा चुनावों में भी लगभग एक साल का ही वक्त है, ऐसे में इस रैली पर बहुत कुछ निर्भर करने वाला है।