दूसरी ट्रेनों के यात्री भी अंदर आकर लेते रहे सेल्फी, लोग बोले- इट्स अमेजिंग एक्सपीरियंस | Passengers of other trains also kept coming inside and taking selfies, people said – it’s amazing experience

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साकिब खान (भोपाल)एक घंटा पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से वंदे भारत ट्रेन को शनिवार को 3.58 बजे हरी झंडी दिखाई। इसके बाद ट्रेन पटरी से फर्राटा भरने लगी। ये ट्रेन देश की 11वीं और मध्यप्रदेश की पहली ट्रेन है। हमने इसकी यात्रा की। चंद सेकंड में ही ट्रेन ने स्पीड पकड़ ली। इसके साथ ही शुरू हुआ रोमांचक सफर। सभी उत्साहित नजर आ रहे हैं। ट्रेन के पारदर्शी कांच से बाहर का नजारा देखते ही बन रहा था।
एग्जीक्यूटिव क्लास सीट्स 180 डिग्री तक घूम रही थी, तो मुसाफिर सीट पर बैठकर ही वाइड एंगल सीन देख रहे थे। ट्रेन का सफर हर किसी को लुभा रहा है। हर कोई ट्रेन के इंटीरियर और इसकी सुविधाओं को जांचता नजर आया। यहां बैठे लोगों के अनुसार ट्रेन का अलग अनुभव रहा। जानते हैं, ट्रेन में बैठे यात्रियाें एक्सपीरियंसेज…
आपको भी वंदे भारत ट्रेन में पहला सफर कराते हैं…
सभी स्टेशनों पर सेल्फी लेने आ रहे थे लोग
वंदे भारत ट्रेन जहां एक तरफ अपने लोकार्पण रन में कई स्टेशनों पर रुकी तो रास्ते में कई लोग ट्रेन देखने आए थे। इसी बीच] जिन स्टेशनों पर ट्रेन रुक रही थी] वहां दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहे लोग भी ट्रेन के अंदर सेल्फी लेने आ रहे थे। इन्हें रेलवे स्टाफ और आरपीएफ के जवान लगातार बाहर निकाल रहे थे। इसके अलावा, स्टेशनों पर ट्रेन को देखने के लिए भीड़ मौजूद थी। इसमें विदिशा, बीना, गंजबासौदा आदि पर भी रुकी थी।
ट्रेन के अंदर से लोग सेल्फी लेते नजर आए।
घूमने वाली कुर्सियां और लाइट आईं पसंद
दिल्ली के रहने वाले विवेक ने बताया कि मैं खासतौर से दिल्ली से इस ट्रेन में सफर करने आया हूं। ट्रेन में अभी तक के एक्सपीरियंस की बात करूं, तो मैं यही कह सकता हूं कि इसमें हर सुविधा अच्छी है। इसकी रफ्तार काफी ज्यादा है। एग्जीक्यूटिव क्लास में सीट्स जिस तरह से घूमती है, यह बेहतरीन अनुभव रहा। इसमें सीट के ऊपर लगी लाइट भी सिर्फ टच करने से जल जाती है, यह बहुत काम की सुविधा है, क्योंकि कई बार लोग ट्रेन में बुक पढ़ना पसंद करते हैं।
ट्रेन के गेट पर खड़े होने का सिस्टम खत्म
बीना के रहने वाले रवि शंकर शर्मा ने बताया कि यह सिटिंग अरेंजमेंट के अलावा चार्जिंग फैसेलिटी अच्छी लगी। रवि ने बताया कि आम तौर पर लोग ट्रेन के गेट पर खड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से हादसे होते हैं। मगर, ट्रेन चलने से पहले गेट ऑटोमेटिक लॉक हो जाते हैं। जिससे की हादसों की संभावना कम होती है। यह अलग तरह की खूबी है।
सबसे पहले जानते हैं ट्रेन की खासियत
180 डिग्री तक घूम सकती हैं, वाइड एंगल में देख सकते हैं नजारे
दैनिक भास्कर की टीम जब ट्रेन के अंदर पहुंची, तो यहां एग्जीक्यूटिव क्लास में बैठे स्टूडेंट्स 180 डिग्री तक घूमने वाली सीट्स को घुमा रहे थे। इन सीट्स ने सफर को लुभावना बनाया। सीट पर बैठे-बैठे वाइड एंगल सीन को देख सकते हैं। हर सीट के नीचे मोबाइल चार्जर फैसिलिटी दी गई है।

180 डिग्री तक घूमने वाली एग्जीक्यूटिव क्लास की सीटें हैं।
दिव्यांग पैसेंजर्स और चाइल्ड केयर के लिए भी इंतजाम
ट्रेन में जहां एक तरफ दिव्यांग पैसेंजर्स के लिए कई फैसिलिटीज दी गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली मां के लिए भी कई तरह की सुविधाएं ट्रेन में मौजूद हैं। ट्रेन में जगह-जगह दिव्यांगों के लिए ब्रेल में कई साइन बोर्ड के अलावा इसके छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली मां के लिए अलग से वॉशरूम भी बनाए गए हैं।

पूरी ट्रेन तरह से साउंड प्रूफ
ट्रेन ने सफर के दौरान जब दो कोच के बीच के हिस्से को देखा, तो पता चला कि यहां साउंड प्रूफ शीट लगाई गई है। इससे टॉयलेट के पास घर्षण या ट्रैक का साउंड नहीं आएगा। इंजीनियर्स के अनुसार ट्रेन में एक इमरजेंसी टॉक बैंक यूनिट बना है। इसमें जैसे ही पैसेंजर बटन दबाएगा, तो उसकी एलईडी ब्लिंकिंग बंद हो जाएगी। इसके बाद लाइट ऑटोमैटिक रेड हो जाएगी। फिर यह से सीधे पैसेंजर ड्राइवर से बात कर सकता है। इस ट्रेन में अन्य ट्रेनों की तरह चेन खींचने का सिस्टम नहीं है। इसमें सीधे आपको अलार्म बटन को पुश करना है। इसकी सूचना ड्राइवर को मिलेगी। इसके बाद ट्रेन का रेलवे स्टॉफ चाबी से अलार्म को न्यूट्रल करेगा।

ट्रेन में स्मार्ट सिक्योरिटी
ट्रेन के 16 कोच में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। ट्रेन के ऑटोमैटिक दरवाजे केवल तभी खुलेंगे, जब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाएगी। ऐसे ही दरवाजे बंद होने के बाद ही ट्रेन चलना शुरू करेगी। कोच में इंटरनेट के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा है। मोबाइल फोन या टैबलेट पर कुछ पढ़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर यात्री ड्राइवर से भी बात कर सकते हैं।
यह है खासियत
- दिव्यांग पैसेंजर्स के लिए सीट हैंडल्स पर ब्रेल लिपि में और दिव्यांग फ्रेंडली बायो टॉयलेट हैं।
- अनचाहे खतरे से बचाने के लिए वंदे भारत ट्रेन में रेलवे सुरक्षा कवच नाम का सेफ्टी फीचर है।
- इसमें इंटेलिजेंस ब्रेकिंग सिस्टम लगा है, जो कम समय में भी ट्रेन को रोकने में मदद करता है।
- ट्रेन में पैसेंजर्स के एंटरटेनमेंट के लिए 32 इंच की टीवी स्क्रीन भी लगी है।
- ट्रेन में ऑटोमैटिक स्लाइड डोर लगे हुए हैं। हर गेट के बाहर ऑटोमैटिक फुट रेस्ट भी हैं।
- पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए फायर सेंसर जीपीएस और कैमरे की सुविधा भी है।
- इसमें 16 कोच हैं। 14 एसी चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच है। इसमें 1128 सीटें यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेंगी।
एक नजर
- रविवार को नागपुर से आया था रैक।
- सोमवार को ट्रेन का ट्रायल रन आगरा तक के लिए किया गया।
- ट्रेन शनिवार छोड़कर सप्ताह में 6 दिन चलेगी।
- यह प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत ट्रेन
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