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Navratri:सुख-समृद्धि की कामना के लिए नगर पूजा शुरू, मां महामाया-महालया को चढ़ाई गई मदिरा,27 किमी तक बहेगी धार – Nagar Pooja Started To Wish For Happiness And Prosperity, Sp Offered Wine To Maa Mahamaya-mahalaya

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चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर होने वाली नगर पूजा का निर्वहन करने के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव रविंद्र पुरी महाराज बुधवार सुबह 24 खंबा स्थित माता महामाया और माता महालाया का पूजन अर्चन करने पहुंचे। जहां उन्होंने नवागत पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के साथ माता का पूजन अर्चन कर उन्हें मदिरा का भोग लगाया। माता के पूजन अर्चन और महाआरती के पश्चात नगर पूजा की शुरूआत हुई, जिसके बाद शहर के अन्य 40 से अधिक मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए भक्तों का यह काफिला आगे बढ़ा। 

वर्षों से हो रहा नगर पूजा का आयोजन

चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर धार्मिक नगरी उज्जैन में नगर पूजा का विधान है। चैत्र मास में इस नगर पूजा को अखाड़ा परिषद द्वारा किया जाता है। जबकि कुंवार मास में कलेक्टर माता का पूजन अर्चन कर उन्हें मदिरा का भोग अर्पित करते हैं। बुधवार सुबह अनादिकाल से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने करते हुए माता का पूजन-अर्चन कर उन्हें न सिर्फ मदिरा का भोग लगाया बल्कि नगर की सुख समृद्धि के साथ ही पूरे देश प्रदेश को महामारी के प्रकोप से बचाए रखने की कामना भी की। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता गोविंद सोलंकी ने बताया कि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी द्वारा चैत्र नवरात्र में वर्षों से नगर पूजा का आयोजन किया जा रहा है। अखाड़े के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी महाराज इस पूजा अर्चना के लिए ही मंगलवार को उज्जैन आए थे। 

मदिरा की मटकी लेकर चले अध्यक्ष रविंद्र पुरी

माता महामाया और माता महामाया को मदिरा का भोग लगाने के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी मदिरा की मटकी लेकर इस यात्रा का नेतृत्व करते हुए दिखाई दिए। जिनके साथ महामंडलेश्वर मंदाकिनी जी, मंगलनाथ मंदिर के पुजारी राजेंद्र भारती व अन्य साधु संत बड़ी संख्या में मौजूद थे। नगर पूजा के दौरान बैंड बाजे, ढोल नगाड़ों के साथ ही तोपची इस यात्रा के आने की सूचना नगरवासियों तक पहुंचा रहे थे। बताया जाता है कि नगर पूजा के दौरान शहर के 40 से अधिक देवी, देवताओं के मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी और यहां सभी मंदिरों के ध्वज भी बदले जाएंगे। आज रात्रि 8 बजे तक यह पूजन अर्चन का दौर जारी रहेगा। यह नगर पूजा कुल 27 किलोमीटर की है, जिसमें पूजन के समाप्त होने तक मटकी से मदिरा की धार सतत जारी रहेगी। 

हरसिद्धि मंदिर में दोपहर को होगी शासकीय पूजा

देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी पर 29 मार्च 2023 बुधवार को दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा होगी। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम शक्तिपीठ की परंपरा अनुसार माता हरसिद्धि को सौभाग्य सामग्री अर्पित कर नगर की सुख समृद्धि के लिए पूजा अर्चना करेंगे। मंदिर प्रबंधक अवधेश जोशी ने बताया शक्तिपीठ हरसिद्धि में चैत्र व शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर शासकीय पूजा की परंपरा है। दोपहर 12 बजे कलेक्टर द्वारा देश, प्रदेश व नगर की सुख समृद्धि के लिए पूजा अर्चना की जाती है। हरसिद्धि मंदिर में सात्विक पूजा होती है। यहां देवी को मदिरा आदि तामसी सामग्री अर्पित नहीं की जाती है। माता हरसिद्धि को सौभाग्य सामग्री व चुनरी विशेष रूप से अर्पित की जाती है। वहीं, शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में महाअष्टमी व नवमी के संधी काल में हवन होता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर रात 10 बजे से हवन की शुरुआत हो जाती, मध्यरात्रि 12 बजे के बाद पूणार्हुति होती है। बाड़ी (ज्वारे) का विसर्जन भी महानवमी की रात 11:30 बजे के बाद किया जाता है।

शहर में होगा अनोखा कन्यापूजन

चैत्र नवरात्र की नवमी पर नगर में एक ऐसा भव्य आयोजन होने वाला है जिसमें शहर की सैकड़ों नहीं बल्कि लगभग 1001 कन्याओं का पग पूजन कर उन्हें भोजन करवाया जाएगा और उपहार के स्वरूप में ऐसी सामग्री का वितरण किया जाएगा, जो कि इन कन्याओं को पढ़ाई के दौरान उपयोगी साबित होगी।

 

मां भक्त मंडल द्वारा वी मार्ट के सामने शहीद पार्क फ्रीगंज पर चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि रामनवमी पर सुबह 10 बजे से 1001 कन्याओं का पूजन और कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजक अंकित चौबे ने बताया कि माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से मां भक्त मंडल द्वारा द्वितीय वर्ष यह भव्य कार्यक्रम उज्जैन में किया जा रहा है, जिसमें पूरे नगर की 1001 कन्याएं शामिल होंगी। श्री चौबे ने बताया कि कार्यक्रम में सर्वप्रथम कन्याओं के पैर धुलवाए जाएंगे और फिर इन्हें मखमली कपड़ों से साफ कर कुमकुम चढ़ाकर फूल अर्पित करते हुए पग पूजन किया जाएगा। जिसके बाद कन्याभोज और महाआरती के बाद प्रसादी का आयोजन भी किया जाएगा। वैसे तो नवरात्रि पर नगर में अन्य स्थानों पर भी कन्या भोज के आयोजन होंगे, लेकिन यह आयोजन इसलिए कुछ विशेष है क्योंकि इसमें सबसे अधिक कन्याएं इसी आयोजन में शामिल होंगी। वहीं उन्हें उपहार के रुप में कॉपी, किताब और ऐसी सामग्री भेंट की जाएगी जो कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काम आए।

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