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अमृतपाल सिंह इतनी तगड़ी घेराबंदी के बाद भी कैसे हो गया फरार, मर्सिडीज कार और फोन छोड़कर पुलिस को दिया चकमा

चंडीगढ़. मर्सिडीज एसयूवी में यात्रा कर रहे अमृतपाल सिंह शनिवार को अपनी कार से उस समय भाग गए जब पंजाब पुलिस ने जालंधर के पास उनका रास्ता रोक लिया. न्यूज 18 को इसको लेकर जो जानकारी ​हाथ लगी है उससे पता चलता है कि अमृतपाल सिंह ने पुलिस को अपनी लोकेशन से दूर करने के लिए अपनी कार के साथ-साथ अपने फोन को भी छोड़ दिया. पुलिस का दावा है कि वह अभी भी फरार है. पुलिस द्वारा पीछा किए जाने का वीडियो भी अमृतपाल सिंह ने रिकॉर्ड कराकर सोशल मीडिया पर डाला और अपने समर्थकों से पुलिस को रास्ते में रोकने की अपील की. फिलहाल इस केस को एनआईए अपने हाथ में ले सकती है.

अपने मेगा ऑपरेशन के रूप में, पुलिस ने शनिवार को जालंधर के रास्ते में सिंह के अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा छोड़ने का इंतजार करते हुए जाल बिछाया था, जहां उन्हें कुछ कार्यक्रमों में भाग लेना था. उनके काफिले में तीन एसयूवी और बीच में उनकी मर्सिडीज थी. ऐसा लगता है कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके गांव में प्रवेश नहीं किया गया था क्योंकि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती थी, लेकिन कहीं और अभियान चलाया जा सकता था.

60 गाड़ियों के काफिले से पुलिस ने घेरा
जालंधर के पास शाहकोट-मलसियां रोड पर करीब 60 गाड़ियों से पुलिस ने उनके काफिले को रोका और इस दौरान सिंह की एक एसयूवी को टक्कर मार दी गई. काफिले के सामने चल रही दो कारों में सिंह के सात सशस्त्र गार्ड पकड़े गए, लेकिन तीसरी कार में मौजूद अमृतपाल सिंह मौके से तेजी से भागने में कामयाब हो गया. भागने के दौरान, सिंह के सहयोगियों ने उनके पीछा किए जाने का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. इसके जरिए उसने अपने समर्थकों से एकत्र होने और पुलिस को रोकने करने की अपील की.

एनआईए अपने हाथ में ले सकती है केस
अमृतपाल सिंह ने बाद में नकोदर के पास एक गांव में अपनी मर्सिडीज कार में अपना फोन छोड़ दिया, और कुछ का कहना है कि वह बाइक पर वहां से भाग गया. पुलिस को संदेह है कि वह नकोदर के सरीन गांव के आसपास छिपा हुआ है, जहां जालंधर के पुलिस आयुक्त अभियान का नेतृत्व करने के लिए शनिवार रात पहुंचे थे. ऐसी अटकलें हैं कि अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मामले को अपने हाथ में ले सकती है और पंजाब पुलिस के साथ एजेंसियां उससे संयुक्त पूछताछ कर सकती हैं. जांचकर्ता उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी मामला दर्ज कर सकते हैं.

Tags: Amritpal Singh, Khalistan, Punjab news, Punjab Police


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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