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हजारों की संख्या में मुंबई की ओर बढ़ रहे किसान, ठाणे में डाला डेरा, जानें क्या हैं इनकी मांगे

मुंबई. अपनी मांगों को लेकर मुंबई कूच कर रहे हजारों की संख्या में किसान (Farmers Protest) बुधवार को ठाणे जिला में दाखिल हो गए. अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के नेतृत्व में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में हजारों किसान शामिल हो रहे हैं जो रास्ते में बैनर, तख्तियां, पोस्टर लेकर और नारे लगाते हुए तपती गर्मी में चल रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने 12 मार्च को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के डिंडोरी शहर से अपना पैदल मार्च शुरू किया. मार्च ने मुंबई से सटे ठाणे जिले के कसारा शहर को पार किया और 20 मार्च को इनके मुंबई पहुंचने की संभावना है.

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
किसान प्याज उत्पादकों को तत्काल 600 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक राहत, 12 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. एआईकेएस ने अपनी 17-सूत्रीय मांगों का चार्टर जारी किया है जिसमें प्याज उत्पादकों के लिए मुआवजा और अगले सीजन से 2000 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी, कपास, सोयाबीन, अरहर, हरा चना, दूध जैसी अन्य फसलों के लिए बेहतर कीमत और आशा कार्यकर्ता से संबंधित मुद्दे शामिल हैं.

महाराष्ट्र में रसोई के स्टेपल की कीमतें गिर गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को उनकी उपज के लिए बहुत कम मिल रहा है. नासिक जिला देश में प्याज की खेती का एक प्रमुख केंद्र है.

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विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार से किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए कहा
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस से कहा कि वे जाकर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलें. ठाकरे ने कहा, “यह दुखद है कि किसानों को पहली बार में इस तरह का मार्च करना पड़ रहा है. किसान देश के अन्नदाता हैं. सरकार उनकी मांगों को पूरा करने और हल करने के लिए वहां क्यों नहीं जा सकती.

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने बताया कि कैसे, जब 2019 में किसानों ने इसी तरह का ‘लॉन्ग मार्च’ किया था, तो उन्होंने अपने बेटे आदित्य ठाकरे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को किसानों से मिलने, उनकी समस्याओं को समझने और भोजन और पानी की व्यवस्था करने में मदद करने के लिए उनको भेजा था.

ठाकरे ने याद किया कि कैसे कोरोनावायरस महामारी के मामले बढ़ने पर, देश के किसानों ने यह सुनिश्चित किया था कि देश को खाना मिले और अब इस संकट के दौरान उनकी मदद की जानी चाहिए.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने भी राज्य सरकार से आंदोलनकारी किसानों से मिलने और उनकी शिकायतों को हल करने का आह्वान किया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना यूबीटी के भास्कर जाधव और अन्य नेताओं ने मांग की है कि गिरती कीमतों के कारण संकट से जूझ रहे किसानों को सरकार को 500 रुपये से 700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच देना चाहिए.

महाराष्ट्र सरकार ने कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट से बुरी तरह प्रभावित प्याज किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

Tags: Farmer Protest, Mumbai, Onion Production


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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