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खंडवा38 मिनट पहले
टाइगर के हमले से घायल हुआ किसान संतोष।
खंडवा के खेतों में सुबह टाइगर की दहाड़ सुनी गई, दोपहर में उसे देखा गया और शाम के समय एक किसान हादसे का शिकार हो गया। मामला, पंधाना-झिरन्या बार्डर से लगे खेतों का है। किसान की हालत स्थिर है। उसने बताया कि, टाइगर ने अचानक बगल से आकर मुझे झपट लिया। मुंह पर जैसे ही पंजा मारा तो मैंने पूरी ताकत लगाकर उसे झपट दिया। फिर, 5 मिनट में टाइगर ने अपना रास्ता बदल लिया। शुक्र, मेरी तो जान बच गई। एक पल तो लगा कि, जिंदा नही रहेंगे।
गवला गांव के किसान संतोष पिता रमेश भास्करे पर टाइगर ने हमला कर दिया। उस समय थोड़ी दूर ही फॉरेस्ट और पुलिस विभाग के अफसर मौजूद थे। उन्होंने टाइगर को किसान के खेत की ओर भगाया था। ग्रामीणों ने तत्काल लहुलूहान हालत में उसे पंधाना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। यहां डॉ. संजय पाराशर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
डॉ. पाराशर ने किसान संतोष की हालत स्थिर बताई है। वहीं, संतोष ने भी कहा कि, मुंह पर पंजा लगने से खून निकला था। बाकी तो वह पूरी तरह स्वस्थ्य है। विधायक राम दांगोरे ने अस्पताल जाकर हाल जाने और हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया। इधर, बता दें कि, ग्रामीणों को जंगल क्षेत्र में बुधवार सुबह के समय ही टाइगर दिख गया था। मामले में वन विभाग के अफसरों की लापरवाही सामने आई है।
टाइगर को पकड़ने इंदौर से आएगा पिंजरा
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक, पहले तो पुष्टि नहीं हो सकी कि, जंगल में घूम रहा जानवर टाइगर है। मौके पर कर्मचारियों ने देखा और टाइगर के होने की पुष्टि की। टाइगर का रेस्क्यू करना आसान नहीं होता है। रेस्क्यू से संबंधित संसाधन भी खंडवा जिले में उपलब्ध नहीं है। इंदौर वन विभाग को सूचना दी है। उनकी टीम आएगी और जंगल में पिंजरा रखेगी। तभी टाइगर का सफल रेस्क्यू हो सकेगा।
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