सवाल पूछने वाले पत्रकारों के खिलाफ तीन महीने के अंदर 14 पत्रकारों पर FIR
भोपाल। मध्य-प्रदेश के खरगोन में अधिकारी से सवाल पूछने वाले 6 पत्रकारों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम एवं शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। सभी पत्रकार अवैध उत्खनन के मामले में खनिज अधिकारी का बयान लेने आए थे। खरगोन के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने बताया कि खरगोन में पत्रकारों पर गलत तरीके से एफआईआर दर्ज होने की जानकारी प्राप्त हुई। मैंने आज फोन पर पुलिस अधीक्षक (SP) खरगोन को मामले की निष्पक्षता से जांच करने के निर्देश दिए हैं।
तीन महीने के अंदर MP में 14 पत्रकारों पर FIR हो चुकी हैं
मध्यप्रदेश में इन दिनों भ्रष्टाचार के मामलों में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 3 महीने में मध्य प्रदेश में 14 पत्रकारों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। सभी मामलों में एक ही समानता है। पत्रकार किसी ना किसी भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों से सवाल कर रहे थे या फिर अधिकारियों की मर्जी के मुताबिक समाचार नहीं चला रहे थे।
सोशल मीडिया पर मामले की निंदा
मध्य-प्रदेश के खरगोन में 6 पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई पुलिस प्रशासन की सोशल मीडिया पर पत्रकारों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा निंदा की जा रही है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी मौका मिल गया है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लगातार यह कोशिश कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के पत्रकार शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ खुलकर काम करें। इसके लिए वह पत्रकारों की 3-4 कांफ्रेंस भी ले चुके हैं।