Kalyanpur-Pramodenagar Election 2023: CPM के दबदबे वाली सीट कल्याणपुर-प्रमोदनगर विधानसभा, पिछले चुनाव में BJP ने खोला था खाता, फिर चुनावी दंगल में उतरे ये पुराने दिग्गज

हाइलाइट्स
इस सीट पर कांग्रेस ने जीता था 1972 का चुनाव
CPM के दबदबे वाली सीट मानी जाती है कल्याणपुर-प्रमोदनगर विधानसभा
BJP-सीपीएम ने पुराने चेहरों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा
कल्याणपुर-प्रमोदनगर. त्रिपुरा राज्य (Tripura) की कल्याणपुर-प्रमोदनगर विधानसभा सीट (Kalyanpur-Pramodenagar Assembly Seat) खास सीटों में शुमार है. इस सीट पर आमतौर पर मुकाबला सीपीएम और कांग्रेस (Congress) के बीच ही होता रहा है. लेकिन साल 2018 का चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से सीपीएम और भाजपा के बीच हुआ था. सीपीएम का गढ़ मानी जाने वाली कल्याणपुर-प्रमोदनगर सीट (Kalyanpur-Pramodenagar Seat) पर भाजपा के पिनाकी दास चौधरी (PINAKI DAS CHOWDHURY) ने कब्जा कर लिया था. भाजपा के पिनाकी ने सीपीएम के मनिंदर चंद्र दास (Manindra Chandra Das) को 3,141 मतों के अंतराल से शिकस्त दी थी. राज्य की सभी 60 सीटों पर चुनाव एक चरण में 16 फरवरी को होंगे और नतीजों की घोषणा 2 मार्च को होगी.
कल्याणपुर-प्रमोदनगर विधानसभा सीट (Kalyanpur-Pramodenagar Assembly Seat) पर साल 2018 के चुनावी मुकाबले में भाजपा (BJP) के पिनाकी दास चौधरी (PINAKI DAS CHOWDHURY) को 20,293 वोट यानी 52.53% मत हासिल हुए थे और सीपीएम के मनिंदर चंद्र दास (Manindra Chandra Das) को 17,152 मत यानी 44.40% वोट प्राप्त हुए थे. दोनों के बीच जीत हार का अंतराल 3,141 वोटों का रहा था. इस सीट पर तीसरे नंबर पर कांग्रेस के बिक्रम किशोर सिन्हा (BIKRAM KISHORE SINHA) रहे थे जिनको मात्र 347 वोट मिले थे.
साल 2013 का चुनाव सीपीएम के मनिंदर चंद्र दास (Manindra Chandra Das) ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के काजल चंद्र दास (Kajal Chandra Das) को 3,780 मतों के अंतराल से हराकर जीता था. वहीं, 1972 का चुनाव कांग्रेस के उषा रंजन सेन (Usa Ranjan Sen) ने सीपीएम के सुशील मुखर्जी (Sushil Mukerjee) को 1,379 मतों से शिकस्त देकर जीता था.
इस बार सीपीएम-कांग्रेस और भाजपा-IPFT मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में भाजपा ने सीटिंग एमएलए पिनाकी दास चौधरी (PINAKI DAS CHOWDHURY) और सीपीएम ने मनिंदर चंद्र दास (Manindra Chandra Das) दोनों पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. टिपरा मोथा ने मनिहार देबबर्मा (MANIHAR DEBBARMA) और निर्दलीय प्रत्याशी नागेंद्र चंद्र सहील (NAGENDRA CHANDRA SHIL) भी मैदान में उतरे हैं.
राज्य में 1978 के बाद से सबसे ज्यादा राज CPM का रहा
बताते चलें कि त्रिपुरा में 1978 के बाद से लेफ्ट पार्टी का ही सबसे ज्यादा कब्जा रहा है. 2018 से पहले एक बार 1988-93 के बीच भी लेफ्ट सत्ता से बाहर रही थी. बाकी सभी विधानसभा चुनावों में लेफ्ट ने अपना वर्चस्व बरकरार रखा है. 2018 में त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) गठबंधन को 60 सीटों में से 44 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी के पास 36 सीटें आईं जबकि आईपीएफटी 8 सीटों पर कब्जा रहा था. दिलचस्प बात यह है कि इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी 20 जनजातीय सुरक्षित (ST) विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी.
त्रिपुरा ईस्ट (ST) लोकसभा सीट पर BJP का कब्जा
कल्याणपुर-प्रमोदनगर विधानसभा सीट (Kalyanpur-Pramodenagar Assembly Seat) त्रिपुरा ईस्ट (ST) लोकसभा क्षेत्र (Tripura Lok Sabha Seat) के अंतर्गत है जहां से 2019 के चुनाव में भाजपा के रेबती त्रिपुरा (Rebati Tripura) ने जीत दर्ज की थी और 482126 वोट हासिल किए थे. कांग्रेस प्रत्याशी प्रज्ञादेबबर्मन (Pragya Debbarma) को 2 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था. लेफ्ट प्रत्याशी इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे.
राज्य के कुल वोटरों की संख्या 28.23 लाख
त्रिपुरा में 8 जिले हैं जिनमें धलाई, पश्चिम त्रिपुरा, उत्तर त्रिपुरा, दक्षिण त्रिपुरा, गोमती, खोवई, सिपाहीजाला, ऊनाकोटी प्रमुख रूप से शामिल हैं. त्रिपुरा में हिंदुओं की आबादी करीब 84 प्रतिशत है. बांग्ला यहां की मुख्य भाषा है और दुर्गा पूजा प्रमुख त्योहार है. राज्य के कुल मतदाताओं की बात करें तो यह 28,23,822 है. इसमें इस बार 10344 सर्विस वोटर भी शामिल हैं. सामान्य मतदाताओं की संख्या 28,13,478 है जिसमें 13,98,825 महिला मतदाता, दिव्यांग 17,297 और ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 77 है. वहीं 18 साल के पहली बार वोटरों की संख्या 65,044 है.
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Tags: Assembly election, Tripura, Tripura Assembly Election
FIRST PUBLISHED : February 12, 2023, 18:13 IST
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