पाकिस्तान ने क्या कर लिया एटम बम का सौदा? तहरीक-ए-तालिबान के लेटर से क्यों मचा है बवाल? जानें

नई दिल्ली. पाकिस्तान ने क्या कर लिया है एटम बम का सौदा? क्या पाकिस्तान में गृह युद्ध शुरू होने वाला है? पाकिस्तानी फौज द्वारा जारी कराए गए फतवा विवाद में अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान की जनता के नाम पत्र जारी किया है जिसे लेकर पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी फौज दोनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पाकिस्तान में फतवा विवाद के बाद पाकिस्तानी सरकार और फौज की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. जहां एक तरफ पाकिस्तानी जनता ने जगह-जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में रहकर आतंक के ट्रेनिंग कैंपों में ट्रेनिंग लेकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने अब पाकिस्तानी फौज और सरकार पर ही भस्मासुर की तरह हाथ रखना शुरू कर दिया है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने आवाम के नाम पर एक पत्र जारी किया है. इस पत्र में पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली समेत तमाम मुद्दों के लिए पाकिस्तानी सरकार और उनके कठपुतली फौजी जनरल को इसका जिम्मेदार बताया है. मामला केवल पत्र जारी करने तक ही नहीं है. आलम यह है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के लोग घूम-घूम कर इस पत्र में लिखी बातों को तर्क के आधार पर आवाम को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
फतवा में बताया कौन है आर्थिक संकट का जिम्मेदार
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान में चल रहे बदतर आर्थिक हालात के जिम्मेदार भ्रष्ट राजनेता और उनके कठपुतली जरनल हैं. यही दो तबके ऐसे हैं जो पाकिस्तान का खजाना लूट रहे हैं. ऐसे लोगों को फौज में लाया जाता है जो आम लोगों के मुंह से निवाला छीनने में महारत रखते हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान के महान वैज्ञानिक की मेहनत पर पानी फेरा जा रहा है और एटम बम पर भी सौदेबाजी हो चुकी है.
तहरीक-ए-तालिबान द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पंजाब की कीमती जमीनों को यह दोनों तबके अपने नाम पर कर रहे हैं. अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर भी इस पत्र में निशाना साधते हुए कहा गया है कि मोटर और एयरपोर्ट को लेकर मुल्क की तमाम प्रॉपर्टी को दांव पर लगा दिया गया है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने आवाम से अपील की है कि ऐसे भ्रष्ट पॉलीटिशियन और उनके कठपुतली जनरल से जब तक पीछा नहीं छोड़ा जाएगा तब तक देश का भला नहीं होगा, लिहाजा अब अवाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का साथ दें.
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तहरीक-ए-तालिबान ने आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार भी किया है कि भ्रष्ट राजनेताओं और उनके कठपुतली जनरल को उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने जनवरी महीने में 40 से ज्यादा हमले किए. इस दौरान भ्रष्ट लोगों का साथ दे रहे अनेक लोग मारे गए और अनेक घायल हुए. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब इस बात का पता लगाने में जुटी है कि इस पत्र में लिखी बातों को समझाने के लिए आम जनता के बीच कौन लोग तर्क दे रहे हैं. पाकिस्तानी सरकार को यह डर भी सता रहा है कि कहीं पाकिस्तान में गृह युद्ध के हालात ना पैदा हो जाएं क्योंकि वहां की आर्थिक स्थिति पहले ही डामाडोल हो चुकी है. वहां की सरकार तथा फौज के खिलाफ आवाम के बीच में जो संदेश जा रहे हैं वह पाकिस्तानी सरकार के लिए अच्छे नहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 03, 2023, 19:21 IST
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