मध्यप्रदेश

Indore News:जन्म से कोई दिल की बीमारी हो, तभी आता है बच्चों को हार्टअटैक – If There Is Any Heart Disease From Birth, Then Only Children Get Heart Attack


बच्चों में भी देखेे जा रहे है हार्ट अटैक के केस
– फोटो : amar ujala digital

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इंदौर में 16 साल की छात्रा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इतनी कम उम्र में अटैक आना पालकों को भी चिंता में डाल रहा है। हमने इसे बारे में हृदय रोग विशेषज्ञों से बात की। उनका कहना है कि 10 से 20 साल की उम्र के बच्चों-किशोरों को हार्ट अटैक सामान्य रूप से नहीं आते हैं। यदि जन्म से दिल की बनावट में कुछ कमी है और हार्ट से जुड़ी नलियों में कोई खामी है तो हार्टअटैक आते हैं। 

विशेषज्ञों के अनुसार कम उम्र होने के दिल से जुड़ी बीमारी के लक्षण कम नजर आते हैं। सामान्य जांचों में कमी पकड़ में भी नहीं आती और रोगी भी स्वस्थ नजर आते हैं, लेकिन कम उम्र में हार्टअटैक आते हैं तो फिर चिंता होना स्वाभाविक है।

पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह सामान्य

इंदौर में मृत 16 साल की छात्रा वृंदा त्रिपाठी को भी कोई बीमारी नहीं थी। वह रोज की तरह स्कूल गई थी, लेकिन गश खाकर गिर गई। उसे तत्काल अस्पताल ले गए, वहां डॉक्टरों ने हार्टअटैक की वजह बताकर मृत घोषित कर दिया। मौत की स्पष्ट वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम भी किया किया गया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामान्य मौत की वजह सामने आई। 

वंशानुगत बीमारी या कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से आया अटैक

डॉक्टरों के अनुसार कम उम्र में अटैक तभी आते हैं जब दिल की बीमारी वंशानुगत हो या किसी अन्य बीमारी की वजह से बच्चों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या आती है। इंदौर के शासकीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के काॅर्डियोलाॅजी विभाग के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डाॅ. एडी भटनागर के अनुसार हाल ही में एक 10 साल के बच्चे की मुुंबई में एंजियोप्लास्टी कराई गई। वे बताते हैं कि कई बार दिल से जुड़ी नलियों में विकार होते हैं, लेकिन वे कभी सामने नहीं पाते। लक्षण भी नजर नहीं आते, लेकिन उसकी वजह से कम उम्र में दिल का दौरा पड़ जाता है। डाॅ. भरत रावत कहते हैं कि जन्म के समय दिल की बनावट में यदि खामी हो तो वह भी हार्टअटैक की वजह बन सकती है, लेकिन सामान्य जांच में वह खामी पकड़ में नहीं आ पाती। जब बच्चे ज्यादा मेहनत का काम करते हैं, तनाव लेते हैं या डरते हैं तब हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे भी दिल से जुड़ी मामूली समस्या का भी माता-पिता से उल्लेख करें, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए।

इंदौर में हार्टअटैक से लगातार हो रही मौतें

इंदौर में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ गए हैं। सप्ताह भर पहले तीन दिन में 11 लोगों की दिल का दौर पड़ने से मौत हो गई थी। इंडिया-न्यूजीलैंड के बीच हुए क्रिकेट मैच के दौरान एक पुलिस अधिकारी को हार्ट अटैक आ गया था। वे अस्पताल में भर्ती हैं। ठंड के दिनों में भी हार्ट अटैक के मामलों में इजाफा हुआ है। दो माह में दिल की बीमारी से जुड़े केसों में 20 फीसदी वृदिध् हुई है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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