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Umaria:बांधवगढ़ में एएसआई ने खोजी नौवीं सदी की मूर्तियां व कलाकृति, जंगल में मिलीं 26 गुफाएं – Asi Discovered Ancient Sculptures And Artwork In The Forest Of Bandhavgarh


बांधवगढ़ में नौवीं सदी की प्राचीन मूर्तियां
– फोटो : Amar Ujala Digital

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साल 2022 में उमरिया जिले के लिए ऐतिहासिक रूप से उपलब्धि वाला रहा। साल के अंत में भी बांधवगढ़ के जंगलों से एक खुशी और गौरवान्वित करने वाला समाचार आया। भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) को बांधवगढ़ में नौवीं सदी की प्राचीन मूर्तियां, कलाकृति व धार्मिक स्थल मिले हैं।

एएसआई के मुताबिक यहां मिली मूर्तियां, कलाकृति व धार्मिक स्थल तकरीबन दो हजार साल पुराने हैं। एएसआई ने बताया कि इन्हें संरक्षित किया जाएगा। वन्य प्राणियों के बीच सैलानियों को ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराने की कार्ययोजना है। एसआई की जानकारी में बताया गया है कि जंगल के बीच 26 गुफाएं भी मिली हैं। ये बौद्ध धर्म के समय की हैं। गुफाओं में अंकित लिपि ब्राहृाी है। 

इनके अलावा 26 प्राचीन मंदिर हैं। ये भगवान विष्णु की शयन मुद्रा सहित वराह की प्रतिमा शामिल हैं। यही नहीं सर्वेक्षण में मुगलकालीन व शर्की शासन के समय के सिक्के भी मिले हैं। बता दें कि बांधवगढ़ को लेकर किवदंति है कि भगवान राम अयोध्या से लौटते समय अपने भाई लक्ष्मण को यह क्षेत्र उपहार में दिया था। इसके पूर्व बांधवगढ़ अपनी वाइल्ड लाइफ व प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।

विस्तार

साल 2022 में उमरिया जिले के लिए ऐतिहासिक रूप से उपलब्धि वाला रहा। साल के अंत में भी बांधवगढ़ के जंगलों से एक खुशी और गौरवान्वित करने वाला समाचार आया। भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) को बांधवगढ़ में नौवीं सदी की प्राचीन मूर्तियां, कलाकृति व धार्मिक स्थल मिले हैं।

एएसआई के मुताबिक यहां मिली मूर्तियां, कलाकृति व धार्मिक स्थल तकरीबन दो हजार साल पुराने हैं। एएसआई ने बताया कि इन्हें संरक्षित किया जाएगा। वन्य प्राणियों के बीच सैलानियों को ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराने की कार्ययोजना है। एसआई की जानकारी में बताया गया है कि जंगल के बीच 26 गुफाएं भी मिली हैं। ये बौद्ध धर्म के समय की हैं। गुफाओं में अंकित लिपि ब्राहृाी है। 

इनके अलावा 26 प्राचीन मंदिर हैं। ये भगवान विष्णु की शयन मुद्रा सहित वराह की प्रतिमा शामिल हैं। यही नहीं सर्वेक्षण में मुगलकालीन व शर्की शासन के समय के सिक्के भी मिले हैं। बता दें कि बांधवगढ़ को लेकर किवदंति है कि भगवान राम अयोध्या से लौटते समय अपने भाई लक्ष्मण को यह क्षेत्र उपहार में दिया था। इसके पूर्व बांधवगढ़ अपनी वाइल्ड लाइफ व प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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