मध्यप्रदेश

Psc Somosa Wala:डिप्टी कलेक्टर बनना था, नहीं हुआ सिलेक्शन तो खोल लिया पीएससी समोसा सेंटर – Wanted To Become Deputy Collector, But The Selection Did Not Happen, So Opened The Psc Samosa Center

इंदौर के खंडवा रोड क्षेत्र में समोसे की एक दुकान है। जिसका नाम पीएससी समोसा सेंटर है। तीन बार पीएससी की एग्जाम दे चुके एक छात्र ने यह दुकान खोली है, ताकि पढ़ाई का खर्च निकाल सके।



अजीत सिंह अपनी समोसा दुकान पर
– फोटो : amar ujala digital

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ये है 27 वर्षीय अजीत सिंह, जो इंदौर में रहकर पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वे डिप्टी कलेक्टर बनना चाहते हैं। तीन बार परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे। पढ़ाई खर्च निकालने के लिए उन्होंने समोसे बेचना शुरू किए। दुकान का नाम रखा पीएससी समोसा सेंटर, ताकि बिजनेस के बावजूद उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य याद रहे। अजीत बताते हैं कि मैंने पब्लिक समोसा सेंटर खोला है। उसका शार्टफॉर्म पीएससी है। 15 से 25 रुपये तक की रेंज का समोसा दुकान पर रखने वाले अजीत कहते हैं कि इंदौर में किराए के मकान, पढ़ाई और ट्यूशन का खर्च काफी होता है। मैंने तीन बार पीएससी की परीक्षा दी। एक बार एक नंबर से सिलेक्शन नहीं हुआ। परिवार पर आर्थिक बोझ न बढ़े, इसलिए समोसे बेचने का फैसला लिया।

 

पीएससी छात्रों को पार्टटाइम जॉब
अजीत ने अपनी दुकान पर पार्ट टाइम दो कर्मचारी रखे हैं। दोनों कर्मचारी भी पीएससी की तैयारी कर रहे हैं। खाली समय में वे दुकान पर पढ़ाई भी कर लेते हैं। अजीत कहते हैं कि दुकान का अच्छा रिस्पांस मिला है। खुद का खर्च, दुकान का किराया और कर्मचारियों की तनख्वाह निकल जाती है। कुछ पैसा बचता है तो घर पर भेज देता हूं। दुकान भले ही खोल ली, लेकिन परीक्षा की तैयारी के लिए वक्त निकालकर पढ़ाई भी करता हूं।

पीएससी से जुड़ी जानकारी भी देते हैं
संदीप ने अपनी दुकान पर एक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया है। जिस पर करंट अफेयर से जुड़ी जानकारी वे ग्राहकों के साथ साझा करते हैं, ताकि पीएससी की तैयारी करने वाले ग्राहक उसे पढ़ कर अपडेट होते रहें। अजीत ने तीन माह पहले दुकान खोली थी। वे चाहते हैं कि पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को पार्ट टाइम जाॅब भी मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकें। मैंने भी काफी खोज की थी। जब जाॅब नहीं मिली तो समोसे बेचने का फैसला लिया था।  

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ये है 27 वर्षीय अजीत सिंह, जो इंदौर में रहकर पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वे डिप्टी कलेक्टर बनना चाहते हैं। तीन बार परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे। पढ़ाई खर्च निकालने के लिए उन्होंने समोसे बेचना शुरू किए। दुकान का नाम रखा पीएससी समोसा सेंटर, ताकि बिजनेस के बावजूद उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य याद रहे। अजीत बताते हैं कि मैंने पब्लिक समोसा सेंटर खोला है। उसका शार्टफॉर्म पीएससी है। 15 से 25 रुपये तक की रेंज का समोसा दुकान पर रखने वाले अजीत कहते हैं कि इंदौर में किराए के मकान, पढ़ाई और ट्यूशन का खर्च काफी होता है। मैंने तीन बार पीएससी की परीक्षा दी। एक बार एक नंबर से सिलेक्शन नहीं हुआ। परिवार पर आर्थिक बोझ न बढ़े, इसलिए समोसे बेचने का फैसला लिया।

पीएससी छात्रों को पार्टटाइम जॉब

अजीत ने अपनी दुकान पर पार्ट टाइम दो कर्मचारी रखे हैं। दोनों कर्मचारी भी पीएससी की तैयारी कर रहे हैं। खाली समय में वे दुकान पर पढ़ाई भी कर लेते हैं। अजीत कहते हैं कि दुकान का अच्छा रिस्पांस मिला है। खुद का खर्च, दुकान का किराया और कर्मचारियों की तनख्वाह निकल जाती है। कुछ पैसा बचता है तो घर पर भेज देता हूं। दुकान भले ही खोल ली, लेकिन परीक्षा की तैयारी के लिए वक्त निकालकर पढ़ाई भी करता हूं।

पीएससी से जुड़ी जानकारी भी देते हैं

संदीप ने अपनी दुकान पर एक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया है। जिस पर करंट अफेयर से जुड़ी जानकारी वे ग्राहकों के साथ साझा करते हैं, ताकि पीएससी की तैयारी करने वाले ग्राहक उसे पढ़ कर अपडेट होते रहें। अजीत ने तीन माह पहले दुकान खोली थी। वे चाहते हैं कि पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को पार्ट टाइम जाॅब भी मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकें। मैंने भी काफी खोज की थी। जब जाॅब नहीं मिली तो समोसे बेचने का फैसला लिया था।  




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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