The person who duped the doctor was arrested from Bhopal | डॉक्टर को ठगने वाले भोपाल से गिरफ्तार: हत्या कर आंख, कान, नाक की तस्करी में शामिल बता डराया, ठगे 38 लाख, चाइना-यूएई भेजे – Gwalior News

पकड़े गए ठग, लाल रंग की टी-शर्ट में लईक बेग जिसका नेटवर्क चाइना व यूएई में है। दूसरा शाहरूख जिसके अकाउंट से खुलासा हुआ।
ग्वालियर में वीडियो कॉल कर एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने के मामले का खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस ने दो ठगों को प्रदेश की राजधानी भोपाल से लईक खान निवासी बुधारा भोपाल, शाहरूख खान एशबाग को गिरफ्तार किया है। महिला डॉक्टर को ठगों ने CBI ऑफि
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साइबर क्राइम पुलिस ने किया है पूरे मामले का खुलासा
भोपाल के एक अकाउंट से ठगों तक पहुंची पुलिस
डॉ. सुजाता वापट को गिरफ्तारी का डर दिखाकर 38 लाख रुपये ट्रांसफर कराये गये थे।। ठगी की राशि कई अलग-अलग बैंक खातों मे ट्रांसफर की गई है। तकनीकी जानकारी के आधार पर इन खातों में से एक खाता को चिन्हित किया गया जिसमें राशि पहुंची थी वह खाता भोपाल का होना पाया गया। जिसके खाताधारक की गिरफ्तारी के लिए एक टीम निरीक्षक राजेश सिंह तोमर के नेतृत्व मे भोपाल रवाना की गई। आरोपी खाताधारक शाहरुख खान पुत्र आसिफ खान निवासी एशबाग भोपाल एवं उसके साथी लईक बेग पुत्र नफीस बेग निवासी बुधवारा भोपाल को गिरफ्तार किया गया। दोनांे आरोपीगणों से पूछताछ की एवं उनके मोबाइल फोन की जांच की गई तो पाया गया कि आरोपी लईक बेग अपने चाइनीज एवं यूएई के साथियों के मिलकर इस तरह के सायबर फ्रॉड मे शामिल हैं। यह फ्रॉडस्टर चीन एवं यूएई से ऑपरेट कर रहे हैं। इन लोगों के द्वारा फ्रॉड की राशि को यूएसडीटी के माध्यम से आगे अपने साथियों को यूएई एवं चीन में भेजा जा रहा है। उक्त आरोपीगणों के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। आरोपीगणों से पूछताछ की जा रही है कि उनके द्वारा अभी तक कितने व्यक्तियों के साथ इस तरह का फ्रॉड किया गया है।
मोबाइल से खुलासा करोड़ों के ट्रांजेक्शन कर चके हैं
ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने जब लईक बेग के मोबाइल को खंगाला तो उसमें मोबाइल में ट्रांजेक्शन हिस्ट्री देखत ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। लईक बेग के द्वारा करोड़ों रुपये को यूएसडीटी में परिवर्तित कर भारत एवं विदेश (यूएई, चीन) के अपने अन्य साथियों को भेजा जा रहा है। यह कई रैकेट से जुड़ा हुआ है। पुलिस अब दोनों को रिमांड पर लेकर विस्तार से पूछताछ कर रही है।
ऐसे समझिए पूरा मामला
ग्वालियर में डॉ. सुजाता बापट द्वारा ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह को शिकायत की थी कि 9 अप्रैल 2024 को राजीव गुप्ता नाम के व्यक्ति का कॉल आया था। उसने बोला कि वह डीएचएल से बात कर रहा है। आपका एक पार्सल लखनऊ से म्यांमार के लिए बुक हुआ है, जिसमें 20 पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, 50 ग्राम एमडीएमए और 04 किलोग्राम क्लॉथ हैं। बुकिंग एड्रेस ए-16 ओमनगर रोड पवनपुरी आलमबाग लखनऊ है। रिसीवर का एड्रेस जॉन डेबिड निवासी हाउस नंबर 207 सिटी डेगान स्टेट यांगून म्यांमार बताया। जिस पर डॉ. बापट ने उसको मना किया कि यह मेरा पार्सल नहीं है तो उसने बोला कि कुछ गड़बड़ है। आप तत्काल आलमबाग पुलिस स्टेशन में शिकायत करें। मैंने कहा कि मैं तो ग्वालियर में हूं, तो उसने बोला कि मैं आपकी कॉल पुलिस स्टेशन कनेक्ट करता हूं। राजीव ने बोला कि आप टेलीग्राम एप यूज करती हैं तो मैंने कहा नहीं, जिस पर उसने टेलीग्राम डाउनलोड करने के लिये कहा। युवक कहने पर महिला डॉक्टर ने टेलीग्राम डाउनलोड कर लिया। टेलीग्राम पर वीडियो कॉल आया उस वीडियो में एक पुलिस यूनिफार्म का व्यक्ति पुलिस स्टेशन जैसे कमरे जिसमे पुलिस से संबंधित झंडा, पुलिस जैसा लिखा हुआ दिखा, तो वह बोला आपका केश CBI के पास है। आपका नाम अजय मिश्रा है और आप ह्यूमन ट्रैफिकिंग व मनी लॉन्ड्रिंग में संदिग्ध है, मैं CBI ऑफीसर से आपकी बात कराता हूं। उसने किसी से बोला कि मैडम से बात करिये सर तो उस व्यक्ति ने बोला कि मैडम को अरेस्ट करो उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट व संपत्ति सीज का आर्डर है। पुलिस वाले ने कहा कि मैडम का आधार व बाकी की जानकारी से लग रहा है कि मैडम निर्दोष हैं।
डराकर किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 38 लाख रुपए
महिला डॉक्टर की पुलिस बनकर बात कर रहे युवक ने फिर CBI ऑफीसर से बात कराई तो CBI ऑफीसर ने महिला डॉक्टर से कहा कि म्यांमार में 60 लोगों की आंखें, नाक, कान निकाल लिए हैं जो ह्यमून ट्रेफिकिंग में आत है। उनके परिवार के 3 करोड 80 लाख रुपए आपके HDFC अकाउन्ट में आए हैं, तो मैंने कहा कि मेरा अकाउंट HDFC बैंक में नहीं है। इस पर उन्होंने पूछा कि आपके कहाँ-कहाँ अकाउंट है जिस पर मेरे द्वारा अपने बैंक अकाउंटस की जानकारी उनको दे दी गई। फिर उनके द्वारा कहा गया कि इसके बारे में आप अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करेंगी और न ही किस का कॉल रिसीव करेंगी। उन्होंने एक गोपनीय अनुबंध पत्र महिला को टेलीग्राम पर मुझे भेजा था। महिला के द्वारा फोन पर बात कर रहे व्यक्तियों के अनुसार 38 लाख रुपए उनके बताये बैंक खातों मे ट्रांसफर कर दिये थे। लेकिन जब महिला द्वारा अपने पैसे जब वापस मांगे गए तो ठगों ने देने से मना कर दिए।
पुलिस का कहना
इस मामले में एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि दो आरोपियों को पकड़ा गया है। यह उसी रैकेट के सदस्य हैं जिन्होंने अप्रैल-मई 2024 में एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट बताकर 38 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। रिमांड पर लेकर इनसे पूछताछ की जा रही है।
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