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Hindi Language Controversy: हिंदी को लेकर गरमाया महाराष्ट्र, मराठी भाषा समिति ने जताई गहरी चिंता

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Hindi Language Controversy: महाराष्ट्र में प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के फैसले पर विवाद गहराया, मराठी भाषा समिति ने मुख्यमंत्री फडणवीस से यह निर्णय वापस लेने की मांग की.

हिंदी को लेकर गरमाया महाराष्ट्र, मराठी भाषा समिति ने जताई गहरी चिंता

Hindi Language Controversy: महाराष्ट्र में हिंदी पर घमासान

Hindi Language Controversy: मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में प्राथमिक कक्षाओं में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है. यह मुद्दा तब और गरमा गया जब सरकार द्वारा नियुक्त मराठी भाषा सलाहकार समिति ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस फैसले को वापस लेने की अपील की.

सलाहकार समिति का प्रस्ताव: हिंदी पर रोक, मातृभाषा को प्राथमिकता

पुणे में हुई बैठक में समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें साफ कहा गया कि कक्षा 5 से पहले छात्रों को किसी भी तीसरी भाषा, जैसे हिंदी, को नहीं पढ़ाया जाना चाहिए. इस बैठक में 27 में से 20 सदस्य मौजूद थे. मराठी भाषा विभाग की सचिव किरण कुलकर्णी भी बैठक में शामिल रहीं.

सरकार के आदेश का विरोध

राज्य सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं तक हिंदी को आमतौर पर तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए. हालांकि, यदि 20 या अधिक छात्र किसी अन्य भाषा को पढ़ना चाहें तो स्कूल हिंदी की जगह वह भाषा पढ़ा सकते हैं.

समिति के अध्यक्ष का बयान

समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत देशमुख ने कहा कि यह पहली बार है जब सरकार की एक सलाहकार समिति ने सरकारी निर्णय का खुलेआम विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हम किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन शुरुआती शिक्षा में मातृभाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. यही बच्चों की भाषाई नींव को मजबूत करता है. देशमुख ने बताया कि समिति पहले भी इस फैसले पर आपत्ति जता चुकी है, लेकिन सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह फैसले को सही ठहराने के लिए भ्रामक जानकारी दे रही है.

भाषा विशेषज्ञों की चेतावनी

बैठक में मौजूद प्रसिद्ध भाषा विशेषज्ञ प्रकाश परब और वरिष्ठ लेखक श्रीपाद भालचंद्र जोशी ने भी इस कदम का विरोध किया. पीटीआई के अनुसार जोशी ने कहा कि 1999 में जब प्राथमिक कक्षाओं में अंग्रेजी अनिवार्य की गई थी, तब बच्चों की मराठी और अंग्रेजी दोनों पर पकड़ कमजोर हो गई थी. उन्होंने चेताया कि अब हिंदी को जोड़ने से बच्चों की भाषाई क्षमता और कमजोर होगी.

राज्य की सांस्कृतिक पहचान को खतरा

समिति के अनुसार यह फैसला न सिर्फ बच्चों के मानसिक विकास पर असर डालेगा, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को भी नुकसान पहुंचा सकता है. समिति ने सुझाव दिया है कि यदि तीसरी भाषा पढ़ानी ही है तो वह कक्षा 5वीं के बाद और वैकल्पिक रूप में ही होनी चाहिए.

राजनीतिक मोर्चे में भाग लेने का निर्णय

समिति ने यह भी घोषणा की है कि वह 5 जुलाई को प्रस्तावित शिवसेना-मनसे के विरोध मोर्चे में हिस्सा लेगी ताकि इस मुद्दे को और प्रभावी तरीके से उठाया जा सके.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ें

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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