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Scam: प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में खेल सामग्री खरीदी में घोटाला, जांच शुरु

राज्य शिक्षा केंद्र ने गड़बड़ी को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए जांच कराने के आदेश दिए

छतरपुर. जिले के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के लिए वर्ष 2021-22 में खेल सामग्री सप्लाई में गड़बड़ी हुई है। इस गड़बड़ी को लेकर डीपीसी, डीईओ और कलेक्टर से कई बार शिकायत की गई। कार्रवाई नहीं होने पर एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त से शिकायत की गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर अब जांच शुरु हो गई है।

जिले के सभी 8 विकासखंडों में गड़बड़ी हुई थी, लेकिन लवकुशनगर में सबसे ज्यादा धांधड़ी की शिकायतें आईं। शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता लखन अनुरागी ने बताया था कि बीआरसीसी लवकुशनगर ने एक स्थानीय दुकानदार से खेल सामग्री और अग्निशमन यंत्र क्रय करके 79 लाख 92 हजार रुपए अपने खाते से दुकानदार के खाते में ट्रांसफर किए थे। शिकायत के अनुसार बीआरसीसी ने अपने खाते से भारतीय स्टेट बैंक लवकुशनगर के खाता क्रमांक 80045913955 में उक्त राशि ट्रांसफर की। स्कूलों को खुद खेल सामग्री खरीदना थी, लेकिन बीआरसीसी ने बहुत कम कीमत की घटिया सामग्री स्कूलों में भेजकर पूरी राशि का अपने खाते से भुगतान किया। यानी स्कूलों को कोई राशि नहीं भेजी गई। इसके अलावा अन्य ब्लाकों के स्कूलों 1500 रुपए की खेल सामग्री सप्लाई हुई, जबकि बिल 5 हजार रुपए के भुगतान किए गए। प्राइमरी स्कूल में 7 हजार व मिडिल स्कूलों में सामग्री खरीदने के लिए 12 हजार किया था।

ये है मामला
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के 1912 शासकीय प्राइमरी स्कूल व 752 शासकीय मिडिल स्कूल के लिए खेल सामग्री के लिए करीब 2 करोड़ रुपए का बजट शासन से आवंटित माध्यम से खेल सामग्री को खरीदा जाना था। लेकिन जिले के अधिकांश बीआरसीसी ने बगैर टेंडर कराए सीधे खरीद कर ली थी। अधिकांश अपने खाते में जमा कर दुकानदारों बीआरसीसी ने उक्त खेल राशि को को सीधे भुगतान किया था। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र को भेजी गई शिकायत पर राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने कलेक्टर संदीप जीआर को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने उक्त गड़बड़ी को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए मामले जांच कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने जांच प्रतिवेदन को भोपाल भेजने के लिए भी लिखा है।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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