COVID-19 Alert: कोरोना के खिलाफ जंग में चीन से आखिर कहां हुई गलती, भारत में कैसी है स्थिति? एक्सपर्ट ने बताया

बेंगलुरु. भारत के पड़ोसी देश चीन सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकार सहित आम लोगों की भी चिंता बढ़ा दी है. इस बीच बेंगलुरु स्थिति टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि यहां लोगों के बीच हाइब्रिड इम्युनिटी के कारण इस बात की आशंका बेहद कम है कि कोविड-19 का सबवेरिएंट भारत को परेशान करेगा. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी, क्योंकि वायरस के प्रकोप के लिए एकमात्र जरिया म्यूटेशन है.
टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘वे सभी ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट्स हैं और यह संक्रामकता के मामले में शक्तिशाली है. इस तरह से यह वक्त-वक्त पर नया रूप हासिल करके हमें हर बार हैरान करता रहता है. हमें और सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस वायरस का एकमात्र टूल म्यूटेशन है. अब चीन अगले कई महीनों तक इस वायरस से जूझता रहेगा. इसका मतलब है कि वायरस के पास नए प्रयोग आज़माने का अच्छा मौका होगा और वहां से कई और वेरिएंट्स निकलेंगे.’
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डॉ. मिश्रा ने इसके साथ ही नए वेरिएंट्स को लेकर चेतावनी देते हुए जीनोमिक निगरानी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी सुरक्षा कम नहीं करनी चाहिए और मास्क पहनने तथा सामाजिक दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.
डॉ. मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीनेशन कवरेज और हाइब्रिड इम्युनिटी के कारण भारत ऐसे हालात से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है. उन्होंने कहा, ‘हम बहुत अच्छी स्थिति में हैं और वास्तव में इस समय चिंता करने या घबराने की कोई बात नहीं है. इस बीमारी के पहले के सभी हालातों के मद्देनजर हम उनकी तुलना में बहुत बेहतर स्थिति में हैं. उदाहरण के लिए चीन अभी जिस स्थिति से गुजर रहा है, हम इनमें से कई चीजों से गुजर चुके हैं.’
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डॉ. मिश्रा ने कहा, ‘अगर मैं चीन के हालात के बारे में बात करूं तो उन्होंने जीरो कोविड नीति का पालन किया, जिसने बीमारी को फैलने नहीं दिया. इसलिए यह चीन में बीमारी की शुरुआत की ओर लौटने जैसा है. चीन ने किसी भी लहर को चरणबद्ध नहीं किया है, जिसका अर्थ है कि उनकी पूरी आबादी इसके लिए नई है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे अन्य देशों ने भी क्वारंटाइन और लॉकडाउन जैसे सख्त उपायों का पालन किया. लेकिन उन्होंने बहुत मजबूत टीकाकरण कार्यक्रम और अन्य तैयारियों का भी पालन किया, जिसमें चीन फेल रहा.’
भारत और चीन के बीच तुलना करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत में सिम्पटोमैटिक और एसिम्पटोमैटिक रोगियों के संपर्क में आने के कारण यहां लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी का मजबूत संरक्षण है, जबकि चीन ने उस स्थिति को विकसित नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 के सबवेरिएंट और म्यूटेशन को ट्रैक करने के लिए ज्यादा टेस्टिंग, जीनोम और हालात की निगरानी पर जोर दिया.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2022, 19:38 IST
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