6 month old baby girl suddenly disappeared from home | घर से अचानक गायब हुई 6 महीने की बच्ची: बैग में रखकर किसी ने नाले में जिंदा फेंका; मिली थी लाश, पार्ट-1 – Madhya Pradesh News

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मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात 11 साल पुराने एक चर्चित केस की। मामला 6 महीने की मासूम बच्ची से जुड़ा है। अपराधियों ने उसे ऐसा दर्द दिया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
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मौत के घाट उतारने के लिए छह महीने की बच्ची को जिंदा नाले में फेंक दिया। तड़प-तड़प कर बच्ची ने दम तोड़ दिया। घर वाले बेटी को तलाशते रहे। आखिर में उसकी मौत की खबर उन्हें मिली।
परिजन को भी पहले विश्वास नहीं हुआ कि कोई इस तरह से मासूम की हत्या कर सकता है। बच्ची कैसे लापता हुई, किसने उसकी हत्या की, आरोपी कौन निकला…पढ़िए, मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स पार्ट- 1

6 महीने की बच्ची आरोही घर से अचानक गायब हो गई थी।
मां ने बताया- बेटी पलंग पर थी, कुछ देर बाद नहीं दिखी 7 सितंबर 2014 को जबलपुर के सिविल लाइन में जैक्शन कंपाउंड से 6 महीने की बच्ची आरोही रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। घर वालों ने आसपास ढूंढा लेकिन वो नहीं मिली। मां रितु ने पुलिस को सूचना दी। तुरंत पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई।

पिता ने कहा- सत्संग में गया था तभी कॉल आया पुलिस ने सुपारी व्यापारी पिता सुशील आहूजा से बात की। सुशील ने कहा कि मैं सुबह 7.15 बजे सोकर उठा था। पत्नी रितु आहूजा और बेटी आरोही, बेटा यश तीनों सो रहे थे। करीब 15 मिनट बाद बाथरूम से निकला और मां जो नासिक से सुबह ही लौटी थीं उनसे मिलने चला गया। करीब 8 बजकर 10 मिनट पर अपने माता-पिता और बेटे के साथ महाराजपुर में सत्संग के लिए निकल गया था।
वहां पर मेरी ड्यूटी संगत को सत्संग घर तक कार से पहुंचाने की थी। सुबह करीब 9.30 बजे के आसपास जब संगत को करोंदा नाले से सत्संग घर तक छोड़ने के लिए कार में बैठाया था।

घर लौटकर बेटी की तलाश शुरू की सुशील ने पुलिस को बताया कि मैं जब घर पहुंचा तो रितु ने जानकारी दी कि वह आरोही को एक्सेस गाड़ी से घुमाने लेकर गई थी। वापस आकर कमरे में लिटाने के बाद बाथरूम में नहाने चली गई थी। लगभग 10-15 मिनट बाद जब वह बाथरूम से निकली तो आरोही वहां पर नहीं थी। पड़ोस के लोग भी जमा हो गए थे। उन्होंने भी ढूंढा, लेकिन बच्ची का पता नहीं चला। आखिर में पड़ोसी विजय माखीजा से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

इसके बाद उसने और रितु ने मकान के कमरों में सभी जगह ढूंढा, लेकिन आरोही उन्हें कहीं नहीं मिली। भाई सुशील उर्फ लक्की उस समय सत्संग में महाराजपुर गया हुआ था।
अपहरण-फिरौती के एंगल पर पुलिस ने जांच शुरू की गुमशुदगी दर्ज करवाने वाले पड़ोसी विजय माखीजा ने बताया कि सुबह के समय की बात है। रितु आहूजा के घर के सामने भीड़ दिखी थी। भीड़ देखकर वह भी उनके घर गया। तब प्रकाश आहूजा ने बताया कि उसकी बच्ची गुम हो गई है। प्रकाश के कहने पर उसने आवेदन लिखा। वहां पर एक पुलिस का मेजर था। उसने कहा था कि आप इनके पड़ोसी हो इसलिए आवेदन लिख दो। इससे ज्यादा केस में मुझे कुछ नहीं पता।
पुलिस ने शुरुआत में इसे अपहरण, फिरौती का मामले समझते हुए जांच शुरू की। लेकिन पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया।
पुलिस घर वालों से पूछताछ कर चुकी थी। पड़ोसियों से भी बात की मगर 6 महीने की बच्ची घर से अचानक कैसे गायब हो गई। इसका जवाब नहीं मिल पा रहा था। बच्ची पैदल नहीं चल सकती थी। उसे कौन लेकर गया। फिरौती के लिए भी घर वालों के पास किसी का फोन नहीं आया था। पुलिस यह तय नहीं कर पा रही थी कि किस दिशा में जांच को जारी रखे।

बेटी को गोद में लिए हुए पिता सुशील आहूजा।
ससुराल वालों पर मां ने लगाए सनसनीखेज आरोप बच्ची को लापता हुए 3 दिन बीत चुके थे। मगर कोई सुराग नहीं मिला था। पुलिस की टीम ने घर के आसपास और मेन रोड के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया।
इधर, बच्ची की मां रितु ने ससुराल वालों पर सनसनीखेज आरोप लगाया। उसने पुलिस को बताया कि बच्ची होने के बाद ससुराल वाले खुश नहीं थे। वह उसे प्रताड़ित करते थे। उसे संदेह है कि उसकी बच्ची को मारने या अगवा करने में उसके ससुराल वालों का हाथ है। पुलिस अब ससुराल वालों की जांच में जुट गई। भाई-भाभी सभी से दोबारा पूछताछ की गई मगर ऐसा कोई क्लू नहीं मिला जिससे लापता बच्ची आरोही का पता चल सके।

रितु ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाकर मामले को अलग ही मोड़ दे दिया।
पुलिस को 7 दिन बाद मिला क्लू 7 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। गायब बच्ची आरोही के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया। पुलिस अधिकारियों के ऊपर दबाव बढ़ता जा रहा था। इस बीच 14 सितंबर को पुलिस रेंडम सीसीटीवी कैमरों की जांच करते हुए जबलपुर में टावर तिराहे स्थित कटंगा रोज ब्यूटी पार्लर पहुंची। यहां मैनेजर सुख लेपचा मिली।
पुलिस ने उससे पार्लर में रोड की तरफ लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चेक करने के लिए कहा। फुटेज देखने के बाद पुलिस डीवीआर को जब्त कर साथ ले गई। पुलिस ने उससे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग चेक करने की बात कही।
फुटेज में दिखा आरोपी सीसीटीवी फुटेज में स्कूटी पर बच्ची को ले जाते हुए आरोपी कैद हो गया।

उसका चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। गाड़ी का नंबर भी छुपा हुआ था। इससे क्लियर पहचान पाना मुश्किल था।
इसी के साथ पुलिस को उम्मीद जगी की बच्ची का पता चल गया है, लेकिन ये सवाल सभी के सामने था कि आखिर बच्ची किस स्थिति में है। वो जिंदा है या नहीं।
आखिरकार सात दिन बाद उसकी लाश एक नाले से बरामद की गई। जांच में पता चला उसे जिंदा ही फेंका गया था। पुलिस काे अब भी कई सवालों के जवाब तलाशने थे।
क्राइम फाइल्स के पार्ट 2 में जानिए इन सवालों के जवाब
- सीसीटीवी फुटेज में कैद आरोपी कौन था?
- पुलिस आरोपी तक कैसे पहुंची?
- बच्ची लापता क्यों हुई थी?
- बच्ची को गायब करने का मकसद अपहरण था या कुछ और?
- कोर्ट ने आरोपी को क्या सजा सुनाई?
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