अजब गजब

Charles Sobhraj was arrested from Goa restaurant in 1986, eyewitness told the whole story | 1986 में गोवा के रेस्तरां से गिरफ्तार हुआ था चार्ल्स शोभराज, चश्मदीद ने बताई पूरी कहानी

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चार्ल्स शोभराज को नेपाल की अदालत ने रिहा कर दिया है।

पणजी: अर्मांडो गोंसाल्वेस को आज भी 6 अप्रैल 1986 की वह शाम याद है जब मुंबई क्राइम ब्रांच के तत्कालीन इंस्पेक्टर मधुकर जेंडे ने ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को पकड़ने के लिए उस पर बंदूक तान दी थी। उस समय शोभराज गोवा में पोरवोरिम के एक रेस्तरां में उनके बगल वाली मेज पर बैठा था। इस घटना के वक्त सब कुछ सामान्य था और ओ’कोकेरियो रेस्तरां ग्राहकों से खचाखच भरा हुआ था। स्थानीय व्यवसायी अर्मांडो ने उस समय की यादें साझा कीं, जब शोभराज को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने गोवा में गिरफ्तार किया था।

36 साल बाद भी चल रहा है रेस्तरां

अर्मांडो ने कहा, ‘रेस्तरां के दूसरी तरफ शादी का कार्यक्रम चल रहा था। घटना के वक्त मैं अपने दोस्त ऑस्पिसियो रोड्रिग्स के साथ खाने का लुत्फ उठा रहा था। एक पल के लिए मुझे लगा कि किसी फिल्म की शूटिंग हो रही है।’ इस घटना के 36 साल बाद भी वह रेस्तरां चल रहा है और आज भी यह शोभराज की गिरफ्तारी वाले स्थान के तौर पर मशूहर है। रेस्तरां मैनेजमेंट ने एक कोने में शोभराज की प्रतिमा लगा दी है, जो पर्यटकों और आगंतुकों के लिए ‘सेल्फी प्वाइंट’ बन गया है।

2003 से जेल में कैद था शोभराज
बता दें कि नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। भारतीय और वियतनामी माता-पिता की संतान शोभराज हत्या के आरोप में वर्ष 2003 से उम्रकैद की सजा काट रहा है। शोभराज वर्ष 1972 से 76 के दौरान ज्यादातर एशिया आने वाले पश्चिमी देशों के पर्यटकों को अपने जाल में फंसाता था और बाद में उन्हें मादक पदार्थ खिलाकर उनकी हत्या कर देता था।

जानें, क्यों ‘बिकिनी किलर’ पड़ा नाम
शोभराज ने जिन लोगों की हत्या की थी उनमें से 2 महिलाओं के शव सिर्फ बिकिनी में मिले थे। शातिर तरीके से लोगों को धोखा देने के कारण शोभराज ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात हो गया था। अर्मांडो ने 1986 की घटना को याद करते हुए बताया कि एक विदेशी नागरिक डेविड हॉल उनके बगल में एक मेज पर बैठा था और कुछ देर बाद शोभराज उसके पास आकर बैठ गया था। डेविड हॉल की पहचान बाद में मादक पदार्थ के एक तस्कर के रूप में हुई थी।

‘शोभराज ने बिना लड़े ही हार मान ली’
अर्मांडो ने बताया, ‘हमें नहीं पता था कि चल क्या रहा है। कुछ पलों के लिए मुझे लगा कि यह किसी फिल्म की शूटिंग है। हमें बाद में घटना की गंभीरता का एहसास हुआ।’ उन्होंने बताया कि शोभराज और उसके साथी ने बिना लड़े ही हार मान ली थी, लेकिन पुलिस कोई मौका नहीं देना चाहती थी इसलिए उसे कुर्सी से बांधने के लिए रस्सी तलाशने लगी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने दोस्त के साथ रसोई में गया और एक रस्सी लाया, जिससे शोभराज को बांधा गया। बाद में, पुलिस उसे एक कार से पोरवोरिम से 6 किलोमीटर दूर मापुसा शहर ले गई।’ (भाषा)

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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