Mp News:दबंगों ने अंतिम संस्कार करने से रोका, अर्थी को करना पड़ा पांच घंटे इंतजार, बुलानी पड़ी पुलिस – The Bullies Prevented The Last Rites, The Bier Had To Wait For Five Hours In Chhatarpur
दबंगों ने अंतिम संस्कार करने से रोका – फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर जिले के एक गांव में शवयात्रा रोके जाने और अन्तिम संस्कार न करने देने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी। बाद में मामला इतना बढ़ा कि पुलिस प्रशासान को हस्तक्षेप करना पड़ा किया, लेकिन तब भी मामला शांत नहीं हुआ। दरअसल दबंगों ने वाद विवाद करके अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार मौके पर पहुंचे। जहां तहसीलदार ने किसी तरह मामले को सुलझाया तब कहीं जाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पांच घंटे बाद अंतिम संस्कार हो सका।
मामला छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज दीक्षित के गृहग्राम उर्दमऊ का है। यहां अंतिम संस्कार को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। लोग शव यात्रा लेकर श्मशान घाट जा रहे थे, इसी दौरान अन्य समाज के दबंगों ने रोक दिया। जबकि मृतक के परिजन वृद्ध की अर्थी को सरकारी भूमि पर बने श्मशान घाट लेकर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि दबंगों ने अपनी जमीन से लगी हुई सरकारी जमीन में अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात कही थी। वहीं, मृतक के परिजनों ने बताया कि पीढ़ियों से यहां पर अंतिम संस्कार करते आए हैं, लेकिन दबंगों ने धमकी दी कि जहां ले जाना है ले जाओ लेकिन हमारी जमीन के पास अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे।
घटना की जानकारी के बाद मौके पर गढ़ीमलहरा थाना प्रभारी टीआई टीकाराम कुर्मी भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और दोनों पक्षों को आमने सामने समझाइश दी, लेकिन कोई भी पक्ष मानने के लिए तैयार नहीं था। दोनों पक्षों के बीच तकरार से मौके पर तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। करीब पांच घंटे से अधिक समय तक अर्थी बीच सड़क पर रखी रही। इसी बीच मौके पर राजस्व निरीक्षक सूर्य प्रकाश खरे एवं राजस्व का अमला पहुंचा फिर भी दबंगों ने रास्ता देने से साफ इनकार कर दिया।
मौके पर पहुंचे महाराजपुर तहसीलदार विजय सेन ने प्रशासनिक दबाव बनाते हुए दोनों पक्षों को समझाइश देकर मृतक का अंतिम संस्कार कराया। तो वहीं अंतिम संस्कार के दौरान मौके पर तहसीलदार विजय सेन, टीआई सहित प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद रह। मामले पर तहसीलदार विजय सेन ने बतया कि दोनों पक्षों को समझाइश देकर अंतिम संस्कार करवाया गया है। जिस भूमि पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जा रहा था वह शासकीय भूमि है। जिन भी लोगों ने विवाद उत्पन्न किया है उन पर विधि अनुसार कार्रवाई करने की बात तहसीलदार ने कही है।
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छतरपुर जिले के एक गांव में शवयात्रा रोके जाने और अन्तिम संस्कार न करने देने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी। बाद में मामला इतना बढ़ा कि पुलिस प्रशासान को हस्तक्षेप करना पड़ा किया, लेकिन तब भी मामला शांत नहीं हुआ। दरअसल दबंगों ने वाद विवाद करके अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार मौके पर पहुंचे। जहां तहसीलदार ने किसी तरह मामले को सुलझाया तब कहीं जाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पांच घंटे बाद अंतिम संस्कार हो सका।
मामला छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज दीक्षित के गृहग्राम उर्दमऊ का है। यहां अंतिम संस्कार को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। लोग शव यात्रा लेकर श्मशान घाट जा रहे थे, इसी दौरान अन्य समाज के दबंगों ने रोक दिया। जबकि मृतक के परिजन वृद्ध की अर्थी को सरकारी भूमि पर बने श्मशान घाट लेकर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि दबंगों ने अपनी जमीन से लगी हुई सरकारी जमीन में अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात कही थी। वहीं, मृतक के परिजनों ने बताया कि पीढ़ियों से यहां पर अंतिम संस्कार करते आए हैं, लेकिन दबंगों ने धमकी दी कि जहां ले जाना है ले जाओ लेकिन हमारी जमीन के पास अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे।