Those 45 minutes in the scorching sun, hot road and hot engine | 45 मिनट का रेस्क्यू, डम्पर के नीचे से निकाला: जिंदगी-मौत की कश्मकश में सलामती की दुआएं मांग रहे थे दंपती – Indore News

तीन दिन पहले जिंसी चौराहा हादसे में घायल दंपत्ति रीनल और तेजस गुप्ता की हालत स्थिर है। उनके पैर के ऑपरेशन हुए हैं, पर तीन दिन बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि रीनल का पैर आगे काम कर पाएगा या नहीं। इतना ही नहीं, दुर्घटना में बुरी तरह से घायल रीनल की अभी औ
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रीनल की सर्जरी करने वाले डॉ. असीम नेगी ने बताया कि हादसे में रीनल का एक पैर चकनाचूर हो गया है। कई हडि्डयां डैमेज हो गई हैं। पैर की खून की नली को भी काफी क्षति पहुंची है। वहीं तेजस के पैर की दोनों हडि्डयों और उनके एक कंधे में बड़ा फैक्चर है। रविवार को हादसे में दोनों करीब 45 मिनट डम्पर के पहिए के नीचे फंसे रहे।
यह समय उनकी जिंदगी के लिए शायद सबसे भारी रहा। फिर भी रीनल पति को दिलासा दे रही थी कि सब ठीक हो जाएगा। आखिरकार पौन घंटे तक चले रेस्क्यू में इंदौरियों ने मुंबई के दंपती को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचा दिया।
पहले जानिए क्या है मामला रविवार दोपहर 3 बजे जिंसी चौराहा पर हादसा हुआ। मुंबई निवासी तेजस-रीनल गुप्ता एक्टिवा से मार्केट जा रहे थे, तभी नगर निगम के लापरवाह डम्पर ड्राइवर ने टर्न पर बिना साइड दिए गाडी मोड़ी और वे उसकी चपेट में आ गए। रविवार को उन्हें एमवाय अस्पताल से एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया।
हादसे में रीनल का एक पैर काफी कुचला गया जबकि तेजस का भी एक पैर पहिए में फंसने से बुरी तरह जख्मी हुआ है और चेहरे पर भी काफी जख्म हैं। सोमवार सुबह रीनल के पैर की सर्जरी हुई जो 5 घंटे तक चली। अभी उनकी कई सर्जरी और होना है। डॉक्टरों का कहना है कि हादसे में रीनल के पैर की हडि्डयां टूटने के साथ अधिकांश मांसपेशियां फट गई हैं। मंगलवार को तेजस की सर्जरी हो गई।

अब जानिए इस शख्स से पूरे रेस्क्यू की कहानी पंकज शुक्ला बताते हैं कि जहां हादसा हुआ उसके पास ही मेरा घर है। दोपहर को बच्चों ने छत से भीड़ देखी और माजरा समझ में आया तो मुझे बताया। मैं तुरंत मौके पर पहुंचा तो स्थिति काफी भयावह थी। डम्पर के अगले पहिये में युवक-युवती फंसे थे। उनकी एक्टिवा भी डम्पर से काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी।
कुछ लोग उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे थे। सभी ने भारी भरकम डम्पर को उठाने की कोशिश की पर लोड होने के कारण वह हिला भी नहीं। इसके बाद नगर निगम ऑफिस से पांच जैक लाए।
पानी डालकर सड़क को ठंडा करने की कोशिश डम्पर के नीचे दबे युवक-युवती की हालत काफी खराब थी। खून बह रहा था। गर्म सड़क और इंजन की गर्मी से पसीने में तर थे। दोनों बदहवासी की स्थिति में एक-दूसरे को हिम्मत दे रहे थे। इधर लोग भी उन्हें हिम्मत देने के साथ हवा कर रहे थे और पानी दे रहे थे।
कुछ लोग सड़क को ठंडी रखने के लिए जमीन पर पानी डाल रहे थे। इस बीच लोगों ने निगम कंट्रोल रूम, अधिकारियों और पुलिस को फोन लगाए। तब तक एक जेसीबी और पुलिस भी पहुंच चुकी थी। काफी कोशिश के बाद जेसीबी से उठाया नहीं जा सका।

…और सफल हुई इंदौरियों की मेहनत सभी ने चारों ओर से जैक लगाकर डम्पर को ऊंचा उठाना शुरू किया। सबसे पहले युवती को बाहर निकाला क्योंकि वह कुछ बाहरी हिस्से में थी। उसे एम्बुलेंस में बैठाने के बाद उससे परिवार का नंबर लिया लेकिन फोन नहीं उठाया। इस पर युवती के फोन से फिर उसके परिवार के नंबर पर फोन लगाया तो पिक हो गया। इस पर युवती ने परिवार को सूचना दी।
युवती ने मुझे अपना नाम रीनल और पति का तेजस गुप्ता बताया। कहा कि हम मुंबई के हैं। दोनों वहां कंपनी सेक्रेटरी हैं। ढाई साल पहले शादी हुई थी। हम इन दिनों इंदौर में मेरे मायके शिक्षक नगर में आए हैं। रविवार दोपहर को हम शॉपिंग के लिए निकले थे।
मैंने रीनल के परिवार घबरा न जाए इसलिए उन्हें इतना ही कहा कि मामूली दुर्घटना हुई है, आप जल्द पहुंचे। कुछ ही मिनट में तेजस को भी निकाल लिया गया। दोनों के पैर काफी जख्मी हो गए थे। उन्हें तुरंत एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया। यह रेक्स्यू 45 मिनट चला।

लोगों ने की दंपती के जज्बे और हिम्मत की तारीख
बकौल पंकज हादसे के बाद दोनों ने काफी हिम्मत दिखाई। उन्होंने पौन घंटा डम्पर में दबे होने और भीषण गर्मी में हौंसला बनाए रखा। दोनों को बाहर निकालने के बाद मेरे सहित सभी लोगों को काफी आत्म संतुष्टि मिली। मैं देर रात तक उनके परिवार से फोन कर जानकारी लेता रहा। नाबालिग चला रहा था निगम का डम्पर, जांच का विषय डम्पर एक कम उम्र का लड़का (लाल टी शर्ट) चला रहा था। अनुमान है कि वह नाबालिग था। उसे अंदाज नहीं था कि टक्कर के बाद एक्टिवा सवार दंपती डम्पर के नीचे फंसे हैं। हादसे के बाद वह उतरा और डम्पर के नीचे झांका तो घबरा गया। उसे लगा कि अब डम्पर आगे-पीछे किया तो दंपती जान को खतरा हो सकता है। इस बीच लोग जमा होने लगे तो वह तुरंत वहां से भाग गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। …और पुलिस की कार्रवाई जिस डम्पर से दुर्घटना हुई उसके आगे-पीछे नंबर ही नहीं था। वीडियो में भी बिना नंबर का डम्पर नजर आ रहा है। दूसरी ओर पुलिस ने मामले में डम्पर (MP-09 CG-6145) के अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस अकसर ऐसे में मामलों में वाहन जब्त कर थाना परिसर या बाहर खड़ा करवा लेती है। इस केस में डम्पर अभी निगम परिसर में है। मामले में मल्हारगंज टीआई बृजेंद्र कुशवाह से बात करने की कोशिश की लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।

जानिए इलाज करने वाले डॉक्टर से दंपती की हालत रीनल की सर्जरी करने वाले डॉ. असीम नेगी ने बताया कि हादसे में रीनल का एक पैर चकनाचूर हो गया है। कई हडि्डयां डैमेज हो गई हैं। पैर की खून की नली को भी काफी क्षति पहुंची है। कई नसों में काफी खिंचाव है। पैर बच ही जाएगा यह जरूरी नहीं है लेकिन पूरी टीम लगी है। इसके लिए जो भी चांस है, उसे लिए जाना चाहिए। सारे घावों की साफ करके जितनी मसल्स क्रश हो गई थीं वो निकाली गई हैं। हडि्ड्यों को टुकड़े उनके स्थानों पर रखकर स्क्रू से कसे गए हैं।
पांच दिनों बाद स्थिति होगी स्पष्ट
डॉ. नेगी ने बताया कि साथी डॉ. निशांत खरे (प्लास्टिक सर्जन) ने खून की नली को एक्सप्लोर करके उसमें जो थक्का जमा था उसे साफ कर दूसरी नली में जोड़कर एक वीनस क्राफ्ट लगाया है। यह बायपास की तरह होता है। अभी घायल रीनल स्टेबल है लेकिन अभी उन्हें और भी सर्जरी की जरूरत होगी। पांच-छह दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी कि पैर बचने की स्थिति में है या नहीं। पैर को जो क्षति हुई है वह काफी गंभीर है। उनका पैर बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्हें कई महीनों तक इलाज की जरूरत है।
तेजस को भी काफी गंभीर घाव, सर्जरी हुई
डॉ. नेगी ने बताया कि तेजस के पैर की दोनों हडि्डयों में फैक्चर हैं। उनके एक कंधे में भी बड़ा फैक्चर है। कंधे के पास से एक प्रमुख नर्व है उसमें काफी खिंचाव व सूजन है। हाथ में झुंझनाहट भी हो रही है। ऊपर की चोटों के लिए भी सर्जरी होगी। उन्हें भी काफी गंभीर चोटें लगी हैं। मंगलवार को उनकी सर्जरी की जाएगी।
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