Pahalgam Terror Attack: लश्कर ने हमास से मिलाया हाथ… फिर टूरिस्ट पर 2 दशक का सबसे बड़ा आतंकी हमला!

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Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 28 से ज्यादा पर्यटक मारे गए हैं, जिसमें एक इजरायली और एक इतावली नागरिक शामिल हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस हमले की गहरी साजिश रची गई थी. …और पढ़ें
पहलगाम में आतंकवादी हमले में अपनों को खोने के बाद पर्यटक.
हाइलाइट्स
- करीब ढाई माह पहले पीओके में आतंकी सरगनाओं का सम्मेलन हुआ
- यह हमला 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले जैसा
- अभी हमास के हाथ होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं लेकिन आशंका से इनकार नहीं
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 28 से ज्यादा पर्यटक मारे गए हैं. इसमें एक इजरायली और एक इतावली नागरिक भी शामिल हैं. यह हमला बीते दो दशक में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर सबसे बड़ा हमला है. पर्यटकों पर इस साल का यह पहला हमला है. इससे पहले बीते साल मई में पर्यटकों पर हमला हुआ था, जिसमें दो टूरिस्ट मारे गए थे. हमले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पार बात की है. खुद शाह कश्मीर के लिए रवाना हो गए हैं. इस हमले से ठीक 75 दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमास, लश्कर और जैश के आतंकी सरगनाओं की एक बड़ी रैली हुई थी. इस रैली में ये आतंकवादी सरगना सार्वजनिक रूप से सामने दिखे थे.
यह हमला सात अक्टूबर 2023 को हमार द्वारा इजरायल पर किए गए हमले से काफी मिलता-जुलता है. हालांकि भारतीय एजेंसियों का अभी तक इस हमले में हमास के हाथ होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. इजरायल पर अक्टबूर 2023 के हमले के बाद मध्य पूर्व में भीषण युद्ध शुरू हो गया. इजरायली हमले में 50 हजार से अधिक फिलिस्तीन मारे जा चुके हैं. सूत्रों के मुताबित पहलगाम के इस हमले के लिए आतंकवादियों ने पूंछ के रास्ते का इस्तेमाल किया होगा.
पीओके में सम्मेलन
इसी साल 5 फरवरी को पाक अधिकृत कश्मीर के रावलकोट में कश्मीर सॉलिडैरिटी एंड हमास ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड नाम से सम्मेलन हुआ था. एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में 90 से 100 आतंकवादी शामिल हुए थे. इनमें से अधिकतर आतंकवादी विदेशी थे. इस आयोजन का मकसद पाकिस्तान और फिलिस्तीन को इजरायल और भारत के खिलाफ एकजुट करना था. इस सम्मेलन में हमास के कई बड़े नेता शामिल हुए थे. इनके नाम हैं- डॉ. खालिद कद्दूमी, डॉ. नाजी जहीर, मुफ्ती आजम. भारत आधिकारिक तौर पर हमास को आतंकवादी संगठन नहीं मानता है. इस बैठक में भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ भी मौजूद था. इसमें जैश और लश्कर के कई अन्य सरगना भी शामिल हुए.
इजरायल के एक अधिकारी के मुताबिक हमास के कई नेता पहले भी पीओके का दौरा कर चुके हैं. इजरायल भारत से हमास को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग करता रहा है. भारतीय खुफिया एजेंसियों को पीओके में हुए इस बैठक के बाद घाटी में हमले की आशंका थी. उनका कहना है कि इन संगठनों के बीच आपसी सहयोगी की बात चल रही है. इसमें एक दूसरे को हथियार, प्रशिक्षण और आतंकवादी उपलब्ध कराने की बात है. पहलगाम हमले के बाद यह चिंता और गहरी हो गई है.
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