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सूरत में 3 साल में 1866 लोगों ने की खुदकुशी, जानें क्या रहे 5 सबसे बड़े कारण

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सूरत में एक साल में खुदकुशी के 1866 मामले सामने आए थे।

सूरत: गुजरात की हीरा नगरी सूरत में पिछले 2022 से लेकर 2024 तक यानी कि 3 साल की अवधि में आत्महत्या के 1866 मामले सामने आए हैं। सूरत पुलिस के मुताबिक, घरेलू विवाद आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण रहा, जबकि लंबे समय तक बीमारी और वित्तीय संकट भी प्रमुख कारणों में शामिल हैं। आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए सूरत पुलिस ने लोगों को आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के लिए 2 डेडिकेटेड हेल्पलाइन नंबर  8128369100 और 8128308100 शुरू किए हैं, जो मंगलवार से 24 घंटे उपलब्ध होंगे।

बीमारी ने भी कई लोगों को तोड़ा

सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलौत ने बताया कि आत्महत्याओं के कारणों का अध्ययन करने के लिए 3 महीने पहले 2 पुलिस उपायुक्तों की अगुवाई में एक समिति बनाई गई थी। समिति ने आत्महत्या के 1866 मामलों का विश्लेषण किया और पाया कि 26 प्रतिशत यानी कि 490 मामले घरेलू विवाद के कारण हुए। इसके अलावा 24 प्रतिशत यानी कि 452 लोगों ने लंबी बीमारी के कारण अपनी जान दे दी। अध्ययन से पता चला है कि आत्महत्या करने वाले 19 फीसदी यानी कि 355 व्यक्तियों ने वित्तीय संकट और कर्ज के कारण अपनी जान दी, जिनमें सूदखोरी और मौद्रिक दबाव मुख्य कारण थे।

आत्महत्या की बड़ी वजह डिप्रेशन भी

सर्वेक्षण में 12.2 फीसदी यानी कि 228 आत्महत्या के मामलों को अवसाद से, 11 फीसदी यानी कि 200 लोगों को शैक्षणिक या करियर की विफलता, परीक्षा में असफलता या नौकरी पाने में विफलता से जोड़ा गया। 5.6 फीसदी यानी कि 104 लोगों ने रोमांटिक रिश्तों में तनाव की वजह से जान दी। इसके अलावा, स्टडी से पता चला है कि करीब 2 फीसदी यानी कि 37 लोगों ने साइबर धोखाधड़ी या ब्लैकमेलिंग का शिकार होने के बाद खुद को मार डाला। सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि खुदकुशी के अधिकांश मामले उन क्षेत्रों में दर्ज हुए, जहां कारखाने में काम करने वाले मजदूरों की आबादी ज्यादा है।

लोगों की आत्महत्या के 5 बड़े कारण

  1. घरेलू विवाद – 26% (490 मामले)
  2. लंबी बीमारी – 24% (452 मामले)
  3. वित्तीय संकट और कर्ज – 19% (355 मामले)
  4. अवसाद (डिप्रेशन) – 12.2% (228 मामले)
  5. शैक्षणिक या करियर विफलता – 11% (200 मामले)

‘100 नंबर पर भी कॉन्टैक्ट कर सकते हैं’

सर्वेक्षण के बाद सामने आए इन आंकड़ों से चिंतित पुलिस ने संकटग्रस्त लोगों को काउंसलिंग देने और उन्हें भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत 2 नए हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं, जिन पर 2 पुलिसकर्मी और एक काउंसलर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा, इमरजेंसी की हालत में कोई भी व्यक्ति  8128369100 और 8128308100 के अलावा नियमित पुलिस हेल्प नंबर 100 पर भी कॉन्टैक्ट कर सकता है।

पुलिस की कोशिश को लोगों ने सराहा

पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य आत्महत्या के मामलों को कम करना और लोगों को इस कठिन समय में सहायता प्रदान करना है। हेल्पलाइन के माध्यम से हम परेशान लोगों को सही दिशा दिखाने की कोशिश करेंगे।’ सूरत पुलिस की यह कोशिश शहर में खुदकुशी की बढ़ती घटनाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और लोग इसे सराह रहे हैं।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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