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पहलगाम हमला: कश्मीर में शांति भंग करने की पाकिस्तानी साजिश.

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PAHALGAM ATTACK: कश्मीर में टूरिस्ट सीजन की शुरूआत में इस तरह की घटना को अंजाम दिया. पाक की कोशिश है कि किसी तरह से कश्मीर की तरक्की को डीरेल किया जा सके. भारतीय सेना ने पहले भी पाक की साजिशों को जमीदोज किया है…और पढ़ें

पाक का नापाक खेल

हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान ने कश्मीर की शांति में जहर घोलने की कोशिश की.
  • पाक आर्मी चीफ के बयान के बाद पहलगाम में हमला हुआ.
  • अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकियों ने हमला किया.

PAHALGAM ATTACK: जम्मू कश्मीर शांत है. विकास की राह में आम कश्मीरी अपना योगदान दे रहा है. पाकिस्तान को यह शांति कभी रास नहीं आती. वह हमेशा से शांति में जहर घोलने की कोशिश करता है. इस बार बर्फ पिघलने के बाद भी कोशिशे तेज कर रहा था. पहलगाम में उस घटना को अंजाम देकर अपनो आतंक का चेहरा  एक बार फिर से उजागर कर दिया. पिछले कुछ साल में टूरिस्ट पर हमले कम ही दिखाई देते थे. जम्मू कश्मीर की आजीविका टूरिजम पर ही आधारित है.  लेकिन पहलगाम का यह हमला कुछ और ही बंया कर रहा है.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान अटैक
जेडी वेंस भारत के दौरे पर है. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है जब किसी बड़े नेता का दौरे के दौरान बड़े हमले को अंजाम दिया गया था. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 20 मार्च 2000 में जब चिट्टीसिंह पोरा में 35 सिख को आतंकियों ने कत्ल किया था. उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंकटन दौरे पर थे. FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के चककर में लश्कर ने घाटी में अपना नाम बदलकर आतंकी हमले को अंजाम देना शुरू किया था. ताकी दुनिया को यह संदेश दिया जा सके की जो भी घटनाएं कश्मीर में होती है उसके पीछे वहां के असंतुष्ट लोग है. TRF लश्कर का एक शैडो ऑर्गेनाइज़ेशन है जो कि 2019 नए कश्मीर में एक्टिव हुआ था. यह कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले , निर्दोश नागरिको, प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को हथियार मुहैया करने,आतंकियों की भर्ती, ड्रग और हथियारों की LOC पार से स्मगलिंग करने में लगा है.

पाक आर्मी चीफ के बयान के बाद हमला
पाक आर्मी चीफ के बयान के बाद इस तरह की घटना होना यह साफ दिखा रहा है कि खास तौर पर इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए कहा गया. पाक सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने कश्मीर को अपने गले की नस था और रहेगा करने संबोधित किया था. उसके महज कुछ दिन में यह घटना होना साफ संकेत दे रहा है कि जमीन पर हमले को अंजाम दिया गया है. जन. असीम मुनीर पर बलूचिस्तान में हो रहे ताबड़तोड़ हमले का बड़ा दबाव था. जानकारों का मानना है कि अपनी आवाम का ध्यान बांटने के लिए कश्मीर में बड़े हमले को अंजाम देना चाहते थे.

अमरनाथ यात्रा से पहले हमला
आने वाले दिनों में अमरनाथ की यात्रा शुरू होने वाली है. भारी संख्या में यात्री बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आते है. पहलगाम से ही यात्रा शुरू होती है. हर साल यह यात्रा आतंकियों के निशाने पर होती है. अगर अमरनाथ यात्रा के दौरान हमलों का इतिहास देखें तो 90 के दशक से ही ये यात्रा आतंकियों के निशाने पर रहा है. सबसे पहले 1993 में अमरनाथ यात्रा पर हमला हुआ था और लगातार 4 साल तक हर साल यानी 1996 तक आतंकी हमलों को अंजाम देते आए. सबसे बडे हमले की साज़िश रची गई थी साल 2000 में जब पहलगाम बेस कैंप में ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमे 32 लोगों की जान गई जबकि 60 के करीब घायल हुए थे इस हमले कोलश्कर के आतंकियों ने अंजाम दिया था. इसके बाद 2001 में पहलगाम बेस कैंप के पास शेशनाग झील पर यात्रियों के कैंप पर ग्रेनेड फेंके थे जिसमें 12 लोगों का मौत हो गई थी और 15 घायल हुए थे. इसके बाद साल 2002 में यात्री कैंप पर ग्रेनेड फेंका गया था तो साल 2006 में यात्रियों को बस ग्रेनेड से निशाना बनाया गया था उसके बाद तकरीबन 11 साल तक कोई हमला नहीं किया गया लेकिन 2017 में एक बार फिर से अमरनाथ यात्रियों की बस पर ताबड़तोड़ फ़ायरिंग की थी जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई थी तो 32 लोग घायल हो गए थे. तब से लेकिन अब तक यानी 7 साल में भारतीय सुरक्षा तंत्र इतना मज़बूत कर दिया कि एक भी हमले को आतंकी आंजाम देने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

धारा 370 हटने से परेशान पाक
धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के हाथों से वह मौका निकल गया जब वह आम कश्मीरियों को बरगला सके. केन्द्र की नीतियां अब हर घर तक पहुंच रही है. पत्थरबाजी छोड़ अब वह काम काज में जुटे है. लोकल सपोर्ट कम हो गया है. आतंकियों के तंजीम में भर्ती भी सिंगल डिजिट में पहुंच गई है.

अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट ने कश्मीर में आने से पाक को डर
पाकिस्तान दुनिया भर में कश्मीर को लेकर गलत नेरेटिव सेट करता रहता है. जमीनी हालतों की जानकारी के साथ छेड़ छाड़ कर के अलग अलग अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसे जाहिर करता रहता है. जब से धारा 370 हटी है घाटी में विदेश पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है और यह उसके लिए सबसे बड़ी मुसिबत का सबब है. डर का माहॉल दिखाकर अपने काम को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर और आसान बना लेना चाहता है.

homenation

जनरल मुनीर के बयान के बाद हुआ बड़ा हमला, जेडी वेंस के भारत दौरे के दैरान अटैक


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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