Udayraj withdrew cash from the bank and handed it over to the thugs | बैंक से कैश निकालकर उदयराज ने ठगों तक पहुंचाया: प्रयागराज के इंडसइंड बैंक के खाते में पहुंचा 1.30 करोड़, आठ राज्यों में हुआ ट्रांसफर – Gwalior News

बंधन बैंक नागदा के असिस्टेंट मैनेजर, अकाउंट होल्डर और उसे मैनेज करने वाले सभी पांच आरोपी।
ग्वालियर में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट में कई और खुलासे हुए हैं। उज्जैन के नागदा में बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर सहित पकड़े गए सभी आरोपियों ने कुबूल किया है कि उनके गिरोह का सरगना उदयराज है। इसी को वह कैश निकालकर देते थे। उदयराज
.
महिला कैशियर काजल जैसवाल को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच ले जाते हुए
अभी तक असिस्टेंट मैनेजर, कैशियर सहित छह पकड़े गए दो दिन पहले ग्वालियर की एसआईटी ने नागदा, उज्जैन व रतलाम में दबिश देकर छह लोगों को पकड़ा है। जिनमें अकाउंट होल्डर सब्जी वाला राहुल कहार (22), तुषार गोमे (26), किशोर विनाज्ञा (19), शुभम सिंह राठौर (23), रतलाम का विश्वजीत बर्मन (46) जो बैंक में असिस्टेंट मैनेजर है और उज्जैन की बंधन बैंक की महिला कैशियर काजल जैसवाल (27) शामिल है। ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट की घटना में से सिर्फ 10 लाख रुपए इस अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे। जिसकी तहकीकात करते हुए जब ग्वालियर पहुंची नागदा बंधन बैंक पहुंची तो पता लगा कि ग्वालियर का सिर्फ एक ट्रांजेक्शन था, लेकिन उस अकाउंट से लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन पिछले कुछ महीनों में हो चुका है, जबकि अकाउंट होल्डर के पास न तो पासबुक है न ही एटीएम कार्ड। उसको इतना पैसा आने का पता भी नहीं है। वह तो सिर्फ सब्जी का ठेला लगाता है। उसे इस अकाउंट को खुलवाने के बदले 5 हजार रुपए महीने मिलते थे। बैंक में सब्जी वाला निकला लखपति नागदा उज्जैन के बंधन बैंक के जिस अकाउंट में ग्वालियर से ठगी का दस लाख रुपए ट्रांसफर हुआ था। वह एक जनवरी 2025 को खोला गया था। तीन महीने में उसमें लगभग 30 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है। यह अकाउंट राहुल कहार का है, जो सब्जी का ठेला लगाता है। उसके घर की आर्थिक हालत बहुत खराब है, लेकिन बैंक में वह लखपति है। उसके खातों में लाखों रुपए का लेनदेन हो रहा है।

स्वामी सुप्रदिप्तानंद जिनके साथ डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की गई।
प्रयागराज से 1.30 करोड़ आठ राज्यों में किए गए ट्रांसफर ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.53 करोड़ रुपए की बंदरबांट देश के कई राज्यों के 50 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है, पर सबसे बड़ी राशि 1.30 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के इंडसइंड बैंक के करेंट अकाउंट में गई है। इस खाते के बारे में जब पुलिस ने जानकारी जुटाई है तो पता लगा है कि यह अकाउंट किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है बल्कि शैल कंपनी (फर्म) के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस को कंपनी का नाम व पता मिल गया है। वहां पुलिस की टीम पहुंच गई है। अब पुलिस को पता लगा है कि इंडसइंड बैंक में पहुंचे 1.30 करोड़ रुपए को ठगों ने तत्काल अन्य आठ राज्यों के बैंक अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर किया है।
एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने कहा-

ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी मामले में नागदा से पकड़े गए छह लोगों को पांच दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। अब उनके सरगना उदयराज की तलाश है। साथ ही प्रयागराज के अकाउंट की डिटेल पर कई टीम काम कर रही हैं।
10 राज्यों के 50 से ज्यादा बैंक अकाउंट पुलिस के टारगेट ग्वालियर की सबसे बड़ी डिजिटल अरेस्ट की वारदात की पड़ताल में पुलिस टीम को पता लगा है कि ठगी गई रकम पहले कुछ मुख्य बैंक खातों में गई है। उसके बाद 10 से ज्यादा राज्यों के लगभग 50 बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर कर निकाली गई है। देश के मणिपुर, केरल, उत्तराखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के बैंक खातों की तलाश में अब ग्वालियर पुलिस, क्राइम ब्रांच व साइबर एक्सपर्ट की टीम लग गई है। डिजिटल अरेस्ट की टाइम लाइन – 17 मार्च की शाम स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों का कॉल आया। – 17 मार्च को ही डिजिटल अरेस्ट कर वॉटसएप कॉल शुरू कर दिए। – 18 मार्च को पहली बार आश्रम के फंड को जांच के लिए ट्रांसफर करने कहा। – 11 अप्रैल तक 2.53 करोड़ रुपए 3 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराए। – 11 अप्रैल को तीन दिन में यह पैसा जांच कर लौटाने का आश्वासन दिया। – 15 अप्रैल तक कोई पैसा नहीं लौटा, कॉल किया तो रिसीव नहीं किया। – 16 अप्रैल को ग्वालियर क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज की गई। – 18 अप्रैल को अकाउंट की डिटेल पुलिस के पास पहुंची, टीम उज्जैन रवाना। – 19 अप्रैल की रात उज्जैन के नागदा से छह लोगों की गिरफ्तारी हुई। – 20 अप्रैल को उज्जैन से आरोपियों को लेकर पुलिस ग्वालियर पहुंची। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया डिजिटल अरेस्ट शहर के थाटीपुर निवासी सुप्रदिप्तानंद रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव हैं। 17 मार्च 2025 को वह ऑफिस का काम देख रहे थे तभी उनके पास मोबाइल नंबर 9730742847 से वाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को नासिक (महाराष्ट्र) पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। साथ ही बताया कि उनके खिलाफ नासिक पुलिस थाने में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में एफआईआर दर्ज है। जब पूछा कि किस मामले में तो कॉल करने वाले ने बताया कि नरेश गोयल को आप जानते हैं, जब उन्होंने इनकार किया तो कथित इंस्पेक्टर ने बताया कि नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में पकड़ा गया था और उसके पास से जो अकाउंट मिला है, वह आपके नाम पर है।
कथित इंस्पेक्टर ने उसे कैनरा बैंक का एक अकाउंट बताया जो कि सुुप्रदिप्तानंद के नाम पर था और उसके आधार कार्ड से संचालित था। जिसमें करीब बीस करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसकी पीडीएफ व स्टेटमेंट की कॉपी उनके वॉट्सएप पर भेजी, जिसे देखने के बाद उन्होंने खाता नहीं होने और इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं होने की बात कही। इस पर उनकी तथा उनके परिवार की पूरी जानकारी ली और साथ ही धमकी दी कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया तो उन्हें कुछ ही घंटों में अरेस्ट कर लिया जाएगा। यह सारी कार्रवाई गोपनीय है और बिना अनुमति आप कहीं जाएंंगे, जो चर्चा आपसे हो रही है, उसकी जानकारी सीनियर या परिवारजन को नहीं बताएंगे, यदि जानकारी लीक हुई तो 3 से 7 साल की सजा अथवा 5 लाख रुपये या फिर दोनों की सजा से दण्डित किया जाएगा एवं प्रत्येक 1 घंटे में आप मुझे अपनी लोकेशन अपनी सेल्फी के साथ वॉट्सएप पर सेंड करेंगे। इसके बाद 26 दिन में तीन बैंक खातों में 2.53 करोड़ रुपए ठग लिए।
Source link