मध्यप्रदेश

48 year old thief is MP’s number 1 serial killer | एमपी का सबसे बड़ा सीरियल किलर टेलर: मिठाई-जूस में मिलाकर देता नींद की गोली; 34 लोगों का कत्ल किया – Madhya Pradesh News

मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात एक ऐसे टेलर की जो दिन में लोगों के कपड़े सिलता और रात में मर्डर करता था। नाम – आदेश खामरा। जगह – भोपाल। काम – सीरियल किलिंग। ट्रक चोरी के मामले की पड़ताल में वो पुलिस के हत्थे चढ़ा। लेकिन जैसे-जैसे उससे पूछताछ हु

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आदेश खामरा। मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा सीरियल किलर।

पढ़िए मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सीरियल किलर की कहानी…

गायब ट्रक की तलाश से शुरू हुआ पूरा मामला

2018 में लगातार विदिशा की ओर से ट्रक गायब हो रहे थे। पुलिस अफसरों को शिकायत मिल रही थी, लेकिन ट्रक चुराने वालों तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही थी। इस बीच भोपाल के बिलखिरिया थाना क्षेत्र से सरियों से भरा एक ट्रक गायब हुआ।

आखिर में पुलिस आरोपी जयकरण नाम के एक युवक तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने राहत की सांस ली, क्योंकि केस सॉल्व हो चुका था। इस बीच टीआई संजीव चौकसे ने एसपी साउथ राहुल लोढ़ा से संपर्क किया। बताया कि मिसरोद का एक शख्स है जिसने शिकायत की है कि उसका ट्रक पुणे से भोपाल के लिए निकला था, लेकिन यहां नहीं पहुंचा। इंदौर से ही गायब हो गया। पुलिस रूटीन जांच में लग गई।

यूपी में मिला गायब हुआ ट्रक

जयकरण की कॉल डिटेल में इंदौर से गायब हुए ट्रक चालने वाले का नंबर मिला। पुलिस अब एक्टिव होकर गायब ट्रक की पड़ताल में जुट गई। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से ट्रक यूपी की तरफ होने का पता चला। पुलिस की टीम वहां पहुंची। ट्रक नो एंट्री में खड़ा था। पुलिस टीम ने एक 48 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में अपना नाम आदेश खामरा बताया। पुलिस टीम उसे पकड़ कर भोपाल ले आई।

पता चला आदेश टेलरिंग का काम करता है

आदेश खामरा के बारे में पुलिस को पता चला कि वो मंडीदीप में रहता है। टेलरिंग का काम करता है। एक बेटा और तीन बेटियां हैं। बेटा निकाय परिषद में काम करता है। इसके बाद पुलिस ने भोपाल में आरोपी जयकरण और आदेश खामरा का आमना-सामना करवाया।

पुलिस जयकरण से पूछताछ करने लगी तो वो आदेश की तरफ इशारा करते हुए बोला जो पूछना है इसी से पूछो। सब करने वाला यही है। तब तक आदेश चुपचाप खड़ा होकर सब देख रहा था। वो बहुत रिलैक्स भी नजर आ रहा था।

उस वक्त जयकरण फोन पर किसी को ट्रक ड्राइवर मुहैया करवाने की बात कर रहा था। इसके बाद दोनों ने मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया। हालांकि बाद में जयकरण ने अपना नया गैंग तैयार कर लिया था, जिसे बिलखिरिया पुलिस ने पकड़ा था। इस वारदात को अंजाम देने में जयकरण ने आदेश की मदद नहीं ली थी।

पुराने रिकॉर्ड खंगाले तो गोंदिया, वर्धा-पुणे में केस सामने आए

तत्कालीन एसपी साउथ राहुल लोढ़ा ने बताया आदेश खामरा से पूछताछ कर रहे थे लेकिन वो कुछ बता नहीं रहा था। उसका जब पुराना रिकॉर्ड एनालिसिस किया गया तो पता चला कि उसके ऊपर गोंदिया में हत्या के प्रयास के लिए आईपीसी की धारा 307 का मामला भी है। हत्या के लिए धारा 302 का एक केस वर्धा में दर्ज है। इतना ही नहीं पुणे में भी पोकलेन मशीन को लूटते वक्त आदेश खामरा मर्डर कर चुका है।

ये सब रिकॉर्ड जब सामने आया तो उससे सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। उसके जो साथी थे जयकरण और तुकाराम। इन तीनों से लगातार अलग-अलग पूछताछ की गई। तीनों के बयान एक-दूसरे से अलग होते थे। फिर उनसे क्रॉस सवाल पूछे जाते थे। इस तरह 3 से 4 दिन इसमें लग गए। एक सॉफ्ट एंगल भी उसमें लेकर आए कि आदेश खामरा के बेटे के बारे में उससे बात की। परिवार से जुड़ी जानकारी जुटाई और सवाल किए ताकि उस पर भावनात्मक दबाव बने।

सामने बैठाकर जयकरण से सख्ती की जिससे आदेश पर असर दिखे। हर सवाल के लिए पुलिस को तैयारी करनी पड़ी, क्योंकि आदेश बहुत कम सवालों का जवाब दे रहा था। पुलिस के लिए उसका मुंह खुलवाना बहुत चैलेंजिंग था।

इस तरह पुलिस और आदेश के बीच हुए सवाल-जवाब

पुलिस : हमें पता है तू कितना दूध का धुला है, तेरा साथी जयकरण है हमारे पास। उसने सब कबूल लिया है। अब तू बोलेगा कि हम बुलवाएं?

आदेश : साहब, मैंने कुछ नहीं किया है… फिर तीन कत्ल कबूले (लंबी पूछताछ के बाद)

पुलिस : जिन्हें तूने मारा, उनकी आत्माएं तेरे खिलाफ हो गई हैं। अब तो तेरे परिवार पर भी इसका असर दिख रहा है।

आदेश : ये सुनते ही बिलखने लगा और टूट गया। अपनी कहानी बताना शुरू की। 2006 से 2018 तक के मर्डर एक-एक कर कबूल लिए।

34 मर्डर सुन पुलिस अफसर हैरान रह गए

आदेश ने एक-एक कर हत्याओं के बारे में बताना शुरू किया। जैसे-जैसे खुलासे हो रहे थे पुलिस अफसर भी हैरान थे, क्योंकि गिरफ्तारी के बाद उन्हें बिल्कुल भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसने इतने लोगों को मौत के घाट उतारा है।

हत्या का आंकड़ा 2,4,10 से धीरे-धीरे बढ़कर 34 तक पहुंच गया। इतने लोगों को मारने के बाद भी उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। बड़े आराम से पुलिस के सामने खड़े होकर वो जवाब दे रहा था। उसे कोई पछतावा भी नहीं था। हत्या करना जैसे उसके लिए रूटीन काम हो गया था।

नींद की गोली देकर करता था बेहोश, फिर हत्या

घटना को अंजाम देने के लिए उसका पैटर्न ये था कि उसका एक साथी जो ट्रक ड्राइवर होता था, वो अन्य ट्रक ड्राइवर के साथ बातचीत करता था। दूसरे ट्रक ड्राइवर के सामने आदेश को उसका साथी मालिक बताता था। साथी दूसरे ट्रक ड्राइवरों से कहता था कि उसके मालिक को बेटा हुआ है इसलिए वो पार्टी दे रहे हैं। कभी कहता था कि ज्यादा प्रॉफिट हुआ है, इसलिए पार्टी दी जा रही है। ट्रक ड्राइवरों को कभी जूस पिलाया जाता तो कभी मिठाई खिलाई जाती।

जूस और मिठाई के अंदर नींद की गोली को चूरा कर मिला दिया जाता था। ट्रक ड्राइवर और क्लीनर नींद की गोली की वजह से सो जाते थे। उसके बाद आसानी से आदेश खामरा अपने साथियों के साथ ड्राइवर-क्लीनर को मारकर ट्रक और उसमें रखे माल को बेच देता था।

ट्रक यूपी, बिहार या नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में बेचे जाते थे। कौन ट्रक लूटेगा, कौन उसमें लदा सामान बिकवाएगा, कौन ट्रक बिकवाएगा, ये सब पहले से तय रहता था। खामरा ड्राइवर-क्लीनर को देने के लिए दोस्त के जरिए शिवपुरी के करेरा के एक मेडिकल स्टोर से नशे की गोली मंगवाता था।

ढाई लाख रुपए लेकर सुपारी किलिंग

पुलिस अफसरों के अनुसार आदेश खामरा 10वीं कक्षा तक भी पढ़ा-लिखा नहीं है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने सुपारी किलिंग भी की है। उसने रुपए लेकर एक मर्डर की बात कबूली। उसने बताया कि मंडीदीप में एक व्यक्ति को काफी शराब पिलाई थी। फिर उसे रेलवे ट्रैक पर लिटा दिया था। जीआरपी ने सुसाइड समझा, क्योंकि पटरी पर कटा शव मिला था। जबकि बदले में आदेश ने ढाई लाख रुपए लिए थे।

कल पार्ट 2 में जानिए इन सवालों के जवाब

– सीरियल किलर आदेश खामरा जुर्म की दुनिया में क्यों आया?

– आदेश के कारण एक पिता क्यों हो गया पागल?

– एसपी ने क्यों कहा कि वो दोबारा केस की जांच करना चाहते हैं?

– 10 साल पुरानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ढूंढने में क्यों लग गए साढ़े 3 महीने?

– जुर्म कबूल करने के बाद भी क्या उसे सजा दिलवाना आसान था?


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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