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Indian Consulate in Brisbane forcibly closed by Khalistanis supporters police did not take action

ब्रिस्बेन. ऑस्‍ट्रेलिया (Australia) के ब्रिस्‍बेन में भारतीय वाणिज्‍य दूतावास पर एक बार फिर खालिस्‍तान समर्थकों ने हमला बोला. पिछली बार फरवरी में यहां खालिस्‍तानी झंडा लगा दिया था और अब दूताबास के बाहर जमा होकर खालिस्‍तान समर्थकों ने इसे बंद करने पर मजबूर कर दिया. क्‍वींसलैंड पुलिस ने कहा है कि इस तरह के प्रदर्शन और भीड़ जमा करने की अनुमति नहीं थी. दूतावास परिसर में हुए हंगामे को पुलिस ने नहीं रोका. इधर, ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्‍बानीस ने 11 मार्च को नई दिल्‍ली में कहा था कि ऑस्‍ट्रेलिया में किसी भी धार्मिक इमारत में होने वाली किसी भी चरमपंथ की कार्रवाई या हमलों को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा. हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की जांच होगी और पुलिस अपना काम करेगी.

इधर, खालिस्‍तान समर्थकों के हंगामे से परेशान क्‍वींसलैंड के निवासी परविंदर सिंह ने मीडिया को बताया कि अपने छोटे बेटे के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया वाले कार्ड के संबंध में दूतावास में काम था, लेकिन यहां उसे बंद कर दिया गया है. अब क्‍या होगा?  आम नागरिक परविंदर सिंह ने कहा कि ऑस्‍ट्रेलिया में ऐसे प्रदर्शन, नारेबाजी और काम रोकने जैसी कार्रवाई की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. यहां तो हम गुरुद्वारा जाते हैं तो भी हमें धमकी दी जाती है. ये खालिस्तान समर्थक हमारे रोजाना के कामों में दखल दे रहे हैं. इनसे पूरी ताकत से निपटने की जरूरत है.

सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा भारतीय वाणिज्य दूतावास
ब्रिस्‍बेन में हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने प्रचार के साथ उन्हें निशाना बनाने के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास को आज बंद करने के लिए मजबूर किया. वहीं ब्रिसबेन में भारत की मानद कौंसल श्रीमती अर्चना सिंह ने 22 फरवरी को कार्यालय में खालिस्तान का झंडा लगा हुआ पाया था. इस पर श्रीमती सिंह ने क्वींसलैंड पुलिस को सूचित किया था, जिसने झंडे को जब्त कर लिया था. मानद कौंसुल अर्चना सिंह ने बताया, ‘पुलिस हमें सुरक्षित रखने के लिए क्षेत्र की निगरानी कर रही है. हमें पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है.’

Tags: Australia, Brisbane, Consulate, Khalistan


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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