Mp Politics:उमा भारती लोधी समाज से बोलीं- अपना हित देख देना वोट, जानें Bjp के लिए यह बयान कितना मायने रखता है – Mp Politics: Uma Bharti Said To The Lodhi Society – Vote After Looking At Your Interest, Know How Much The Sta

पूर्व सीएम उमा भारती
– फोटो : फाइल फोटो
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मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। दो साल से शराबबंदी पर शिवराज की टेंशन बढ़ा रहीं उमा ने अब लोधी समाज से अपने हितों का ध्यान रखकर वोट देने की बात कही है। दरअसल इसके पीछे का कारण उमा भारती को पार्टी में महत्व नहीं मिलना है। उनको कोई पूछ नहीं रहा है। यही वजह है कि वे पार्टी नेतृत्व की भले ही तारीफ करें, लेकिन उनकी पार्टी से दूरी बढ़ रही है। उमा भारती के इस बयान के बाद चर्चा है कि मध्य प्रदेश बीजेपी के लिए यह कितना मायने रखता है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लोधी समाज से आती हैं। लोधी समाज बीजेपी का मजबूत वोट बैंक रहा है। हालांकि उमा भारती को नजरअंदाज करने और उनके खास प्रीतम लोधी के ब्राह्मण समाज से माफी मांगने के बाद भी बीजेपी से निष्कासित करने की कार्रवाई से समाज में नाराजगी है। इसको लेकर लोधी समाज के पदाधिकारी बीजेपी को 2023 में सबक सीखाने का अल्टीमेटम भी दे चुके हैं।
कितना मजबूत है वोट बैंक
मध्यप्रदेश में करीब 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां लोधी वोट बड़ी संख्या में है। ये अधिकतर सीटें बुंदेलखंड क्षेत्र में हैं। इसके अलावा विंध्य में गुड़ और नागौर विधानसभा, मालवा में महू विधानसभा, नरसिंहपुर विधानसभा में लोधी वोट निर्णायक साबित होते हैं। इसके अलावा दमोह, ग्वालियर में भी समाज की अच्छी संख्या है। यही नहीं यूपी में भी 70 सीटें लोधी बाहुल्य हैं। राजस्थान, उप्र और मध्यप्रदेश को जोड़ दिया जाए, तो 30-40 लोकसभा सीटों पर लोधी समाज के वोटर बड़ी संख्या में हैं।
यह बोलीं उमा भारती
उमा भारती शराबबंदी के लिए आंदोलन करने का एलान करने के साथ ही शराब दुकान पर पत्थर तक फेंक चुकी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की नई शराबनीति में संशोधन होने तक भवन त्याग का भी एलान किया था, लेकिन वह वापस ले लिया। अब उन्होंने लोधी समाज के कार्यक्रम में कहा कि वह समाज के लोगों से बीजेपी को वोट देने के लिए नहीं कहेंगी। उन्होंने कहा कि समाज वोट देते वक्त अपने हितों का ख्याल जरूर रखें।
उमा का बयान का मायने रखता है
वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं कि उमा भारती ने अपनी बिरादरी को साफ संदेश दिया है कि बीजेपी के भरोसे मत रहना। उनकी लोधी समाज में मजबूत पकड़ है। वे दो साल से शराबबंदी का मुद्दा उठा रही हैं। फिर नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान की तारीफ भी करती हैं। फिर भी उनको कोई पूछ नहीं रहा है। इसलिए वे दबाव बनाने के लिए यह सब कर रही हैं। उमा भारती का बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में मायने रखता है।
विस्तार
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। दो साल से शराबबंदी पर शिवराज की टेंशन बढ़ा रहीं उमा ने अब लोधी समाज से अपने हितों का ध्यान रखकर वोट देने की बात कही है। दरअसल इसके पीछे का कारण उमा भारती को पार्टी में महत्व नहीं मिलना है। उनको कोई पूछ नहीं रहा है। यही वजह है कि वे पार्टी नेतृत्व की भले ही तारीफ करें, लेकिन उनकी पार्टी से दूरी बढ़ रही है। उमा भारती के इस बयान के बाद चर्चा है कि मध्य प्रदेश बीजेपी के लिए यह कितना मायने रखता है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लोधी समाज से आती हैं। लोधी समाज बीजेपी का मजबूत वोट बैंक रहा है। हालांकि उमा भारती को नजरअंदाज करने और उनके खास प्रीतम लोधी के ब्राह्मण समाज से माफी मांगने के बाद भी बीजेपी से निष्कासित करने की कार्रवाई से समाज में नाराजगी है। इसको लेकर लोधी समाज के पदाधिकारी बीजेपी को 2023 में सबक सीखाने का अल्टीमेटम भी दे चुके हैं।
कितना मजबूत है वोट बैंक
मध्यप्रदेश में करीब 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां लोधी वोट बड़ी संख्या में है। ये अधिकतर सीटें बुंदेलखंड क्षेत्र में हैं। इसके अलावा विंध्य में गुड़ और नागौर विधानसभा, मालवा में महू विधानसभा, नरसिंहपुर विधानसभा में लोधी वोट निर्णायक साबित होते हैं। इसके अलावा दमोह, ग्वालियर में भी समाज की अच्छी संख्या है। यही नहीं यूपी में भी 70 सीटें लोधी बाहुल्य हैं। राजस्थान, उप्र और मध्यप्रदेश को जोड़ दिया जाए, तो 30-40 लोकसभा सीटों पर लोधी समाज के वोटर बड़ी संख्या में हैं।
यह बोलीं उमा भारती
उमा भारती शराबबंदी के लिए आंदोलन करने का एलान करने के साथ ही शराब दुकान पर पत्थर तक फेंक चुकी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की नई शराबनीति में संशोधन होने तक भवन त्याग का भी एलान किया था, लेकिन वह वापस ले लिया। अब उन्होंने लोधी समाज के कार्यक्रम में कहा कि वह समाज के लोगों से बीजेपी को वोट देने के लिए नहीं कहेंगी। उन्होंने कहा कि समाज वोट देते वक्त अपने हितों का ख्याल जरूर रखें।
उमा का बयान का मायने रखता है
वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं कि उमा भारती ने अपनी बिरादरी को साफ संदेश दिया है कि बीजेपी के भरोसे मत रहना। उनकी लोधी समाज में मजबूत पकड़ है। वे दो साल से शराबबंदी का मुद्दा उठा रही हैं। फिर नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान की तारीफ भी करती हैं। फिर भी उनको कोई पूछ नहीं रहा है। इसलिए वे दबाव बनाने के लिए यह सब कर रही हैं। उमा भारती का बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में मायने रखता है।