Fire incident in Morena district hospital | सिविल सर्जन बोले- ऑक्सीजन बंद करो; VIDEO: मुरैना अस्पताल में आग लगने का मामला; ऑक्सीजन मास्क निकालने से हुई थी मरीज की मौत – Morena News

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मुरैना जिला अस्पताल में बुधवार को आग लगने की घटना में मरीज वीरेन्द्र कढ़ेरे की मौत का मामला नए मोड़ पर पहुंच गया है। शुक्रवार को घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र तोमर कर्मचारियों को ऑक्सीजन लाइन बंद करने का निर्देश देते द
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ऑक्सीजन मास्क निकालने से हुई थी मौत
बता दें कि, मुरैना जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के मुख्य ओटी, बर्न यूनिट और सर्जिकल वार्ड में बुधवार को आग लग गई थी। जैसे ही आग लगी सभी अटेंडर अपने मरीज को लेकर बाहर की तरफ भागे। जल्दबाजी में मरीज वीरेन्द्र कढ़ेरे का ऑक्सीजन मास्क निकल गया। जब तक उसे बाहर लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
परिजनों ने आरोप लगाया था कि जब वह कमरे में पहुंचे तो मरीज को लगी ऑक्सीजन बंद थी, जिससे उनकी मौत हुई है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने सफाई दी थी कि ऑक्सीजन बंद होने से मौत नहीं हुई, स्वाभाविक मौत हुई है। शुक्रवार को घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र तोमर कर्मचारियों को ऑक्सीजन लाइन बंद करने का निर्देश देते दिख रहे हैं।

घटना में मरीज वीरेन्द्र कढ़ेरे की मौत हो गई थी।
वीडियो में सिविल सर्जन बोले- जल्दी ऑक्सीजन लाइन बंद कराे
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि अस्पताल की पुरानी इमारत के ऑपरेशन थिएटर में आग लगने के बाद सिविल सर्जन डॉ. तोमर ने अपने अधीनस्थ स्टाफ को ऑक्सीजन लाइन बंद करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह निर्देश कई बार दोहराया, जिसके बाद ऑक्सीजन लाइन बंद कर दी गई।
बता दें कि, पुरानी इमारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति एक ही केंद्रीय सिस्टम से नियंत्रित होती है। ऑक्सीजन बंद होते ही पुरुष मेडिकल वार्ड में भर्ती अस्थमा के मरीज वीरेंद्र कढ़ेरे, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, की भी ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई। इसके कारण उनकी मौत हो गई। आग लगने की सूचना पर जब परिजन वार्ड में पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि ऑक्सीजन बंद थी और मरीज की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने इस बात की जानकारी मीडिया को भी दी थी।

मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी।
अस्पताल प्रबंधन ने दी थी सफाई
इस संबंध में जिला अस्पताल प्रबंधन ने सफाई दी थी कि हादसे के दौरान ऑक्सीजन बंद नहीं की गई और न ही मरीज वीरेन्द्र कढ़ेरे की मौत ऑक्सीजन बंद होने से हुई है। सिविल सर्जन ने स्पष्ट रूप से इसका स्पष्टीकरण दिया था। लेकिन, अब सिविल सर्जन का वीडियो सामने आने के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
एडीएम बोले- पहले मरीज को निकालना था
मामले में एडीएम सीबी प्रसाद ने कहा कि ऑक्सीजन आग न भड़के इसलिए बंद की गई, लेकिन इससे पहले मरीजों को शिफ्ट किया जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी गठित कर दी है।

आग लगने के बाद परिजन मरीजों को वार्ड से निकालकर बाहर लेकर भागे। कुछ तो खुद ही बाहर निकले।
सिविल सर्जन ने नहीं उठाया फोन
वहीं दैनिक भास्कर ने जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र तोमर से संपर्क का करने का प्रयास किया ताे उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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