मध्यप्रदेश

Collector removed Ratlam BRC and sent it to its original place | रतलाम बीआरसी को हटाया, एपीसी पर कार्रवाई की संभावना: स्कूलों में कमियां बताकर रुपए लेने का आरोप; सीएम से की थी शिकायत – Ratlam News

रतलाम में स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण व स्कूलों में कमियों को लेकर जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों पर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अवैध वसूली का आरोप लगाया था। रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने कार्रवाई करते हुए रतलाम विकासखंड के बीआरसी प्रणव द्विवेदी को बी

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संभावना है कि एक-दो दिन में हटाए गए बीआरसी पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। बीआरसी के अलावा एपीसी पर भी कार्रवाई हो सकती है। डीपीसी धर्मेंद्रसिंह हाड़ा ने बताया बीआरसी प्रणव द्विवेदी को बीआरसी के पद से मुक्त कर दिया है। उन्हें उनके मूल स्थान शासकीय उमावि पलसोड़ी भेज दिया है।

बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने स्कूल संचालकों के साथ डीपीसी धर्मेंद्र सिंह हाड़ा के समक्ष आपत्ति जताई थी। (फाइल फोटो)

भाजपा जिलाध्यक्ष ने की थी शिकायत प्राइवेट स्कूलों से अवैध रूप से राशि लेने की शिकायत बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय को स्कूल संचालकों ने की थी। एक अधिकारी ने बीजेपी नेता के स्कूल जाकर उनके भाई से भी 30 हजार रुपए लिए थे। जिलाध्यक्ष ने जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की शिकायत प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप व मुख्यमंत्री तक की थी।

जिलाध्यक्ष ने जिला शिक्षा केंद्र पर जाकर अधिकारियों को भी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि जिन-जिन अधिकारियों ने रूपए लिए है उनके मेरे पास सबूत है। जिन स्कूलों से राशि ली राशि ली है लौटा देना। भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। इसके बाद अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया। बाद में बीजेपी नेता के स्कूल जाकर अधिकारी ने राशि लौटा दी।

तीन दिन पूर्व रतलाम आए सीएम डॉ. मोहन यादव को भी ने मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने भी ज्ञापन सौंप अधिकारियों की शिकायत की थी।

इन पर लगे थे आरोप जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) धर्मेंद्रसिंह हाड़ा समेत रतलाम विकासखंड के बीआरसी प्रणव द्विवेदी, एपीसी विवेक नागर पर अवैध रूप से राशि मांगने के आरोप लगे थे। बीजेपी जिलाध्यक्ष ने दावा किया था जिला शिक्षा केंद्र के विभागीय अधिकारियों ने रतलाम शहर के 100 से 200 प्राइवेट स्कूल संचालकों से अलग-अलग राशि ली है। स्कूल संचालकों से 15 हजार, 20 हजार व 30 हजार रुपए अलग-अलग राशि मान्यता नवीनीकरण, नवीन मान्यता व स्कूलों में कमियां बता कर ली है। डीपीसी ने पूर्व में ही सभी आरोपों को झूठा बताया था।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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