सोच नई, स्वाद वही : अब मिलेंगे ‘शुद्ध’ गोलगप्पे, मटके में हाथ डुबोकर पानी भरने के दिन लदे, मशीन करेगी यह काम

हाइलाइट्स
इस मशीन को मोबाइल ऐप की मदद से कहीं से भी ऑपरेट किया जा सकता है.
गोलगप्पे में पानी भरने के लिए मशीन में सेंसर का प्रयोग किया गया है.
गोलगप्पे में पानी की मात्रा को भी ऐप की मदद से सेट किया जा सकता है.
नई दिल्ली. गोलगप्पे (Golgappa) या पानीपूरी (Panipuri) हमारे देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले स्ट्रीट फूड्स में से एक है. लेकिन, बहुत से लोग केवल इसलिए इसका स्वाद लेने से पीछे हट जाते हैं, क्योंकि उन्हें गोलगप्पे को खिलाने का तरीका पसंद नहीं होता. पानीपूरी वाला गोलगप्पे में पानी भरने के मटकी में हाथ डुबोता है. बस, यही बात कुछ लोगों को बहुत अखरती है. अब इसका समाधान भी हो गया है. ई-पानीपूरी कार्ट्ज नामक कंपनी ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो अपने आप गोलगप्पे में पानी भर देती है. इसके लिए बस मशीन के नीचे गोलगप्पा ले जाना होता है.
आईआईटी कानपुर से इंक्यूबेटेड ई-पानीपूरी कार्ट्ज कंपनी (e panipuri cartz) द्वारा बनाई इस मशीन की कीमत तीन हजार रुपये है. इस मशीन के अलावा कंपनी आधुनिक पानीपूरी कार्ट्ज भी बनाती हैं. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसके बनाए कार्ट्ज ऑटोमैटिक हैं और गोलगप्पे बनाने की प्रक्रिया में हाथों का स्पर्श किसी भी सामग्री में नहीं होता.
मोबाइल ऐप से होती है ऑपरेट
बिहार के रहने वाले ई-पानीपूरी कार्ट्ज के संस्थापक हरीश आईआईटी के पूर्व छात्र हैं. उनका कहना है कि स्ट्रीट फूड में गोलगप्पे की खपत सर्वाधिक होती है. इसीलिए उन्होंने यह मशीन बनाने की सोची. उन्होंने 2021 में अपने आइडिया को आईआईटी कानपुर से इंक्यूबेट किया. आईआईटी कानपुर ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड सर्वर की मदद से इस मशीन को तैयार किया है. इस मशीन को मोबाइल ऐप की मदद से कहीं से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इसके अलावा इसे मैन्युअली भी ऑपरेट किया जा सकता है. मोबाइल से मशीन को ऑन-ऑफ ही नहीं किया जा सकता बल्कि सफाई और इसमें स्टोर गोलगप्पे के पानी के कूलिंग लेवल की सेटिंग भी की जा सकती है.
सेंसर की मदद से भरता है पानी
गोलगप्पे में पानी भरने के लिए मशीन में सेंसर का प्रयोग किया गया है. मशीन के नीचे गोलगप्पा ले जाते ही पानी भरना शुरू हो जाता है. पूरा भरते ही मशीन अपने आप पानी डालना बंद कर देती है. गोलगप्पे में पानी की मात्रा को भी ऐप की मदद से सेट किया जा सकता है. इससे न तो पानी में हाथ डालना पड़ता है और न ही पानी की बर्बादी होती है. पोर्टेबल मशीन तीन हजार रुपये की है.
14 ई-कार्ट्ज कर रहे हैं काम
ई-कार्ट्ज की वेबसाइट के मुताबिक देश के 7 राज्यों के 10 शहरों में कंपनी द्वारा बनाए ई-कार्ट्ज चल रहे हैं. मशीन के अलावा कंपनी चटनी, पानीपूरी फ्लेवर्स और मसाले भी उपलब्ध कराती हैं. फुली ऑटोमैटिक कार्ट्ज की कीमत 25,000 रुपये से शुरू होती है. कंपनी का हेडक्वाटर झारखंड के रांची में हैं जबकि वर्कशॉप भुवनेश्वर में है.
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Tags: Business news in hindi, Street Food
FIRST PUBLISHED : October 14, 2022, 14:23 IST
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