वपुन बरनवाल: देवरिया के सफल उद्यमी और समाजसेवी का प्रेरणादायक सफर

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Success Story: वपुन बरनवाल साहू, देवरिया के उद्यमी, ने गोरखपुर से B.Com की डिग्री ली. वे कार्ड बोर्ड मिल और सरसों तेल व्यापार में सक्रिय हैं. वेयरहाउस, रेस्टोरेंट, खेती और पशु-पक्षी देखभाल में भी माहिर हैं.
Success Story
हाइलाइट्स
- वपुन बरनवाल साहू देवरिया के सफल उद्यमी हैं.
- वे कार्ड बोर्ड मिल और सरसों तेल व्यापार में सक्रिय हैं.
- वपुन खेती और पशु-पक्षी देखभाल में भी माहिर हैं.
Success Story: वपुन बरनवाल साहू का जन्म 1990 में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ. उनके पिता श्री सुनील कुमार बरनवाल और माता श्रीमती अनीता बरनवाल एक सम्मानित व्यवसायिक परिवार से हैं. उनकी पारिवारिक जड़ों में मेहनत, अनुशासन और दूरदृष्टि की झलक रही है, जिसे वपुन ने भी अपनाया.
गोरखपुर से B.Com की डिग्री ली
वपुन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देवरिया से प्राप्त की और फिर गोरखपुर से B.Com की डिग्री ली. उन्होंने पढ़ाई के साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं को गंभीरता से अपनाया. उनके परिवार का मुख्य व्यवसाय कार्ड बोर्ड मिल है, जो 1985 में स्थापित हुआ और अभी भी चल रहा है. इसके अलावा एस के गोल्ड ब्रांड के नाम से सरसों तेल का भी व्यापार है, जो क्षेत्र में प्रसिद्ध है.
भंडारण के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई
वपुन ने व्यवसाय में अपने कदम सोच-समझकर रखे. बैतालपुर में गेटबर्ग फ्रेंचाइजी रेस्टोरेंट और छावनी रेस्टोरेंट उनके व्यापारिक कौशल का प्रमाण हैं. साथ ही ‘शाहू रेंटल वेयरहाउस’ के जरिए उन्होंने लॉजिस्टिक्स और भंडारण के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई.
सात बीघे जमीन पर खुद खेती करते हैं
वपुन केवल एक सफल उद्यमी ही नहीं हैं. उन्हें जानवरों और प्रकृति से विशेष लगाव है. विदेशी नस्लों के कुत्तों और पक्षियों की ब्रीडिंग में उन्हें 15 वर्षों का अनुभव है. वे इंटरनेशनल लेवल पर डॉग्स और बर्ड्स को ट्रेनिंग भी देते हैं. मछलियों की देखभाल और ब्रीडिंग उनके जीवन का अहम हिस्सा है. वपुन सात बीघे जमीन पर खुद खेती करते हैं और पशु-पक्षियों की देखभाल में समर्पित हैं. घायल जानवरों की मदद और डॉग ऑनर्स को सलाह देना उनकी जिम्मेदारी बन चुकी है.
जीव-जंतुओं के साथ मानवता को महत्व दिया
सामाजिक कार्यों में भी वे 10 वर्षों से सक्रिय हैं. चाहे कोई आपदा हो या जरूरतमंद की सहायता, वपुन हमेशा समाज के लिए खड़े रहते हैं. वे देवरिया जैसे छोटे शहर में रहकर भी एक प्रेरणा बन चुके हैं, जिन्होंने पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाया, खुद का व्यवसाय खड़ा किया, और जीव-जंतुओं के साथ मानवता को महत्व दिया.
उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि जब जुनून, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि साथ हों, तो कोई भी व्यक्ति सीमाओं से परे जाकर मिसाल बन सकता है.
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