देश का सबसे अमीर डॉक्टर! प्रैक्टिस करते-करते पकड़ ली बिजनेस की नब्ज, आज 15000 करोड़ का कारोबार

एसके लाल ने 28 साल की उम्र में लाल पैथलैब शुरू किया. आज उनका कारोबार करीब 15 हजार करोड़ का है.उनके बेटे अरविंद लाल ने 1977 में कंपनी की कमान संभाली.
नई दिल्ली. आज हम आपको देश के सबसे अमीर डॉक्टर की सक्सेस स्टोरी बताएंगे. कैसे मेडिकल की पढ़ाई खत्म कर प्रैक्टिस शुरू की और बीमारों का इलाज करते-करते बिजनेस की नब्ज पकड़ ली. उन्होंने एक ऐसे बिजनेस की शुरुआत की जो इलाज से पहले बीमारी खोजने का काम करता है. यह कंपनी आजादी के तत्काल बाद शुरू हुई और जब बिजनेस शुरू किया तो डॉक्टर साहब की उम्र सिर्फ 28 साल थी. आज उनका कारोबार करीब 15 हजार करोड़ रुपये का पहुंच गया है. उनकी उपलब्धियों को सरकार ने भी सराहा और सेना ने भी सम्मानित किया.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं डॉ लाल पैथलैब (Dr Lal PathLabs) की, जो आज देश के कोने-कोने में बीमारियों को तलाश में लगी है. डॉक्टर आपको दवा देने से पहले जिस रिपोर्ट पर भरोसा करता है, वह इसी कंपनी की ओर से बनाई जाती है. यह देश की सबसे बड़ी पैथोलॉजी लैब चेन है. इस कंपनी ज्यादातर हिस्सेदारी अरविंद लाल की है, जो लाल पैथलैब के फाउंडर एसके लाल के बेटे हैं. डॉ एसके लाल ने ही साल 1949 में लाल पैथलैब की नींव रखी थी. उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई खत्म कर सिर्फ 28 साल की उम्र में यह बिजनेस शुरू कर दिया था. आज उनकी कंपनी का बाजार पूंजीकरण 15 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है.
सेना ने बनाया ब्रिगेडियर
डॉ एसके लाल को शुरू से ही मेडिकल पैथोलॉजी के आधुनिक तरीकों पर भरोसा था. लिहाजा उन्होंने पहली बार पब्लिक प्राइवेट प्रार्टनरशिप (PPP) मोड पर देश में टेस्टिंग लैबोरेटरी लगानी शुरू की. इस बिजनेस को अरविंद लाल ने बखूबी आगे बढ़ाया और उनकी कारोबारी सफलता को देखते हुए भारतीय वायु सेना ने ब्रिगेडियर की मानद उपाधि से नवाजा.
9 हजार करोड़ है संपत्ति
फोर्ब्स ने 11 अप्रैल, 2023 को जारी सूची में अरविंद लाल को देश के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया और उनकी कुल संपत्ति करीब 9 हजार करोड़ रुपये बताई. तब देश में उनकी पोजिशन 2,405वें नंबर पर थी. इससे पहले 2021 में फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट में उनकी रैंक 87वें नंबर पर थी.
पदृमश्री से हुए सम्मानित
मेडिसिन की दुनिया में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने साल 2009 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया, जो देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिकता पुरस्कार है. इससे पहले अरविंद लाल ने पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन में ग्रेजुएशन किया. फिर इसी कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन भी पूरा किया. इसके बाद अरविंद ने पैथलॉजी विभाग में बतौर लेक्चरर काम शुरू किया. साल 1977 में वह अपने पारिवारिक बिजनेस की तरफ मुड़े और डॉ लाल पैथलैब का बिजनेस संभाला.
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FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 06:55 IST
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