मध्यप्रदेश

Instructions of the Minister-in-Charge in the meeting | बैठक में प्रभारी मंत्री के निर्देश: जहां ज्यादा दिक्कत वहां टैंकर से करें सप्लाई, 1 मई से तिघरा बांध से रोजाना देंगे पानी – Gwalior News


समीक्षा बैठक में जल संकट पर चर्चा, मंत्री-विधायक का फूटा गुस्सा

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बोले- इस बार जल संकट ज्यादा गहराएगा, शहर के 17 वार्ड और 150 गांवों में अभी से पानी की किल्लत

जिले में इस बार समय से पहले जल संकट गहराने लगा है। निगम सीमा क्षेत्र में 17 वार्ड के कई गली-मोहल्ले पानी संकट की सूची में हैं। इनमें से 12 वार्ड में अधिक दिक्कत आ सकती है। भू-जल स्तर नीचे गिरने से देहात में हालात ज्यादा खराब हैं। 150 से ज्यादा गांवों में पानी का संकट अभी से आ गया है। शहर में विकल्प के लिए टैंकर का प्लान है, जबकि गांव में हैंडपंप खनन, नलकूप में पाइप व मोटर डालने का अभियान युद्धस्तर पर चलाना होगा। शनिवार को कलेक्ट्रेट में पानी संकट पर प्रभारीमंत्री सहित 3मंत्रियों ने अफसरों के संग बैठक की।

इसमें मंत्री नारायण सिंह, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और भितरवार से भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौड़ ने हालात ठीक नहीं माने और कहा कि जनता इस समय पानी, सड़क को लेकर बहुत त्रस्त है। बैठक में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा तिघरा से एक मई से शहर में रोज सप्लाई की जाए। जिन वार्ड में पानी संकट हैं, वहां टैंकर से सप्लाई की जाए। घाटीगांव-भितरवार में स्वीकृत परियोजनाओं की जिला पंचायत सीईओ मॉनीटरिंग करें व जो काम हुए हैं उनकी जांच कराएं।

सांसद बोले-साडा में जल संकट, गर्मी में बढ़ेगी परेशानी

{सांसद भारत सिंह कुशवाह ने साडा क्षेत्र में पानी के पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा, ताकि गर्मी में समस्या न हो। पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने पानी सप्लाई पर चर्चा की। {ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा पार्कों पर ध्यान दें। यहां भी पानी, सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा पानी के सप्लाई की जहां समस्याएं हैं, वहां टैंकर से सप्लाई की जाए। {मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि पानी सप्लाई के काम को अधिकारी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें। यहां पिछले कुछ सालों में पानी संकट रहा है। अभी से इन्हें निगम चिह्नित कर लें। प्लान व प्रबंधन ऐसे किया जाए कि इन संकट संभावित क्षेत्र में व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें।

नलजल योजना में गड़बड़ी, जांच कराएं: विधायक {विधायक मोहन सिंह राठौड़ ने कहा-गांव में जनता पानी को लेकर त्रस्त है। नलजल योजना को अफसरों ने पलीता लगा दिया है। वाटर लेवल गिरने से 150 से ज्यादा गांवों में अभी दिक्कत है। हमें 200 हैंडपंप की जरूरत है। जांच नलजल योजनाओं के भुगतान हो चुके हैं इनकी जांच कराएं। इस पर लिए प्रभारी मंत्री से कहा-टीम बनाकर 10 दिन में जांच कराई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ की रहेगी।

इन क्षेत्रों में अभी से जल संकट शुरू {ग्वालियर क्षेत्र-सिंधिया नगर, झाडू वाला मोहल्ला, सत्य नारायण की टेकरी, धोबी घाट, सूबे की पायगा, टावर वाली गली आदि पहाड़ी क्षेत्र हैं। यहां पानी कम पहुंचता है। {ग्वालियर दक्षिण क्षेत्र-राजा गैस गोदाम, बेलदार का पुरा, साईं कॉलोनी सप्लाई लाइन का अंतिम छोर है, पानी कम पहुंचता है। कंकाली पहाड़ी, शंकर चौक, वैष्णो विहार, खाटू मंदिर व गुड़ा की है। छोटे बाबा का पहाड़ी, तिरुपति नगर, गड्ढे वाला मोहल्ला, बारह बीघा बिरथरिया का पुरा में लाइन नेटवर्क नहीं है। इन क्षेत्रों में टैंकर व नए नलकूप का प्लान है। {ग्वालियर पूर्व-कोठी गांव, केदारपुर, मधुवन नगर, मड़ागांव, छोटी-बड़ी मडैया, चिरवाई नाका, विक्की फैक्टरी क्षेत्र में जलालपुर सयंत्र से पानी सप्लाई का नेटवर्क नहीं है। गर्मी में यहां वाटर लेवल गिर जाता है। नए नलकूप खनन कर टैंकर से ही सप्लाई विकल्प है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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