कैसे हुई नेहरू जैकेट वाले ट्रेंड की शुरुआत? राहुल गांधी ने खोला राजा, बोले- परदादा के दर्जी ने…

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Rahul Gandhi News: राहुल गांधी ने टेक्सटाइल उद्योग में OBC के प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने विक्की नामक युवा उद्यमी से मुलाकात की, जिसने अपने हुनर से व्यवसाय स्थापित किया है. इस दौरान लोकसभा में व…और पढ़ें
राहुल गांधी ने टैक्सटाइल इंडस्ट्री का मुद्दा उठाया. (X/Rahul Gandhi)
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी ने टेक्सटाइल उद्योग में OBC प्रतिनिधित्व पर चिंता जताई.
- राहुल गांधी ने युवा उद्यमी विक्की से मुलाकात की.
- इस दौरान राहुल गांधी ने नेहरू जैकेट का राज भी खोला.
Rahul Gandhi News: नेहरू जैकेट का ट्रेंड कैसे शुरू हुआ? सबसे पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को इस स्पेशल जैकेट में देखा गया था. इसके बाद पूरे देश में ऐसी ही जैकेट का ट्रेंड चल गया. बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर पूर्व पीएम नेहरू ने इस खास अंदाज वाली जैकेट को क्यों पहना था. राहुल गांधी ने इसका राज अब खोल दिया है. राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में वो टैक्सटाइल क्षेत्र के इंटरप्रेन्योर के साथ नजर आ रहे हैं. नेहरू जैकेट के पीछे की कहानी के बारे में बताते हुए वीडियो में राहुल ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि नेहरू जैकेट कैसे बनाई गई थी? मेरे परदादा के दर्जी ने कुछ ऐसा ही बनाया था, दर्जी ने कुर्ते का कॉलर लिया और उसे कोट से जोड़ दिया.”
लोकसभा में नेता विपक्षा राहुल गांधी ने टेक्सटाइल और फैशन उद्योग से जुड़े एक उद्यमी की फैक्ट्री का दौरा किया. इस दौरान राहुल गांधी ने इस क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों के प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई. राहुल ने एक्स पर अपनी विजिट से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया. वीडियो में उन्होंने युवा उद्यमी विक्की के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र किया. एक सब्जी बेचने वाले के लड़के विक्की ने अपने हुनर के दम पर टेक्सटाइल डिजाइन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित किया है. जहां वो 40 से 50 लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं.
’12-12 घंटे तपस्या करते हैं कारीगर’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा, “मैं आज तक टैक्सटाइल डिजाइन के उद्योग में शीर्ष पर किसी OBC से नहीं मिला” ये बताया विक्की ने, एक युवा जिसने अपने हुनर के दम पर इस क्षेत्र में अपना व्यापार बनाया है. उनकी फैक्ट्री के कारीगर 12-12 घंटे तपस्या करते हैं, सुई धागे से जादू बुनते हैं – मगर हाल वही, हुनर की कदर नहीं! बाकी उद्योगों की तरह ही टैक्सटाइल और फैशन सैक्टर में भी बहुजनों के पास न तो प्रतिनिधित्व है, न इसकी शिक्षा तक पहुंच, और न ही नेटवर्क में जगह.”
अन्याय के चक्रव्यूह में फंसे…
राहुल गांधी ने आगे कहा, “विक्की जैसे होनहार लोगों से मिलकर मैं उनका काम सीखने की कोशिश करता हूं, ताकि दुनिया को भारतीय युवाओं का असली हुनर दिखे – ये पता चले कि काबिल और मेहनती होते हुए भी ये युवा उपेक्षा और अन्याय के चक्रव्यूह में फंसे अभिमन्यु हैं. मेरी लड़ाई इसी चक्रव्यूह को तोड़ने की है – ताकि हर हुनरमंद को सिस्टम में घुसने का रास्ता मिल सके.”
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